नात ओ मनक़बत से हुआ यौमे रज़ा का आगाज़

इमरान खान

बरेली। इस साल लॉक डाउन के दौरान शारीरिक दूरी का पालन करते हुये आला हजरत की यौमे पैदाइश पर बड़ी ही सादगी से यौमे रज़ा मनाया गया।इस दौरान दरगाह प्रमुख मौलाना सुब्हान रजा खां उर्फ सुब्हानी मियां की सरपरस्ती और सज्जादानशीन मुफ्ती अहसन रजा खां उर्फ अहसन मियां की सदारत रही। वही इससे पहले यौमे पैदाइश का आगाज़ तिलावते कुरआन ए पाक से किया। इस दौरान आला हज़रत की लिखी नात और मनकबत का नजराना पेश किया।  उलमा-ए-कराम ने आला हजरत की जिंदगी पर रोशनी डालते हुए कहा कि आपने जिस तरह दीन की खिदमत की, उस पर दुनियां भर में शोध हुए।

हर विषय पर आपकी मजबूत पकड़ थी। विज्ञान पर भी थी आला हजरत की जबर्दस्त पकड़ थी उन्होंने मात्र 4 साल की उम्र में कुरान शरीफ पढ़ लिया था 10 साल की उम्र में बड़े मजमें में खड़े होकर उन्होंने दो घंटे मुसलसल मिलाद पड़ा। वही फातिहा के बाद खुसूसी दुआ कराई गई। आखिर में सुब्हानी मियां ने मजार शरीफ में गुलपोशी कर फातिहा पढ़ने के बाद तबर्रुक तकसीम किया।

खबरें और भी हैं...

अपना शहर चुनें