शहजाद अंसारी
बिजनौर। जिलाधिकारी सुजीत कुमार ने कहा कि न्यायिक कार्य बहुत ही महत्वपूर्ण और संवेदनशील कार्य है। इस काम में थोड़ी सी भी लापरवाही या विलम्ब शांति एवं कानून व्यवस्था सहित बहुत सी जटिल समस्या उत्पन्न कर सकता है। उन्होंने सभी उप जिलाधिकारियों को कड़े निर्देश दिए कि न्यायिक कार्य में किसी भी प्रकार की लापरवाही न बरतें और नियमित रूप से पूर्ण मानक और गुणवत्ता के साथ कोर्ट कार्य सम्पादित करें और किसी भी वाद अनावश्यक रूप से लम्बित न होने दें। उन्होंने यह भी निर्देश दिए कि उप जिलाधिकारी अपने तथा अधीनस्थ अधिकारियों के न्यायालयों का विस्तृत निरीक्षण कर अभिलेखों के रख-रखाव सहित सभी व्यवस्थाएं दुरूस्त करें ताकि उनके निरीक्षण के समय कोई अनियत्ति न मिलने पाए।
जिलाधिकारी सुजीत कुमार कल शाम देर रात्रि अपने कैम्प कार्यालय में राजस्व कार्या की बैठक की अध्यक्षता करते हुए उपस्थित अधिकारियों को निर्देश दे रहे थे। जिलाधिकारी द्वारा समीक्षा करते हुए संज्ञान में आया कि न्यायिक अधिकारियों द्वारा वादों के निस्तारण में भारी लापरवाही बरती जा रही है, और दायरे के सापेक्ष की कार्यवाही नहीं की गयी है, जो कि अत्यन्त गम्भीर विषय है।
उन्होंने सभी पीठासीन अधिकारियों को निर्देश दिये कि न्यायालय में नियमित रूप से बैठ कर न्याययिक कार्य करना सुनिश्चित करें और दायरे के बाहर भी कार्य करते हुए वादों का निस्तारण करना सुनिश्चित करें। उन्होंने यह भी निर्देश दिये कि राजस्व वादों में 5 वर्ष से अधिक कोई भी वाद लम्बित नहीं रहे और सभी राजस्व न्यायालयों में 41 एलआर एक्ट का एक भी मामला लम्बित न रहने पाए।
उन्होंने सभी पीठासीन अधिकारियों को कड़े निर्देश दिये कि न्यायिक कार्या में किसी भी प्रकार की शिथिलता न बरतें और अधिक से अधिक वादों का निस्तारण करना सुनिश्चित करें। तदोपरांत जिलाधिकारी सुजीत कुमार द्वारा अपने कैम्प कार्यालय में विद्युत विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक आयोजित कर वसूली सहित संबंधित कार्यां को पूर्ण मानक के अनुरूप सम्पादित करने के निर्देश दिए। इस अवसर अधिशासी अभियंता विद्युत, जिला आबकारी अधिकारी, उप जिलाधिकारी नगीना डा0 गजेन्द्र कुमार एवं तहसीलदारों सहित संबंधित विभागों के जिला स्तरीय अधिकारीगण मौजूद थे।