संचारी रोगों से बचाव एवं उपायों का करें व्यापक प्रचार प्रसार : जिलाधिकारी

क़ुतुब अंसारी 
बहराइच। संचारी रोग पखवाड़ा के सफल संचालन के उद्देश्य से कलेक्ट्रेट सभागार में आयोजित अन्र्तविभागीय समन्वय समिति की बैठक की समीक्षा करते हुए जिलाधिकारी माला श्रीवास्तव ने पाया कि पंचायती राज, पशुपालन विभाग, जिला बेसिक शिक्षा, नगर विकास एवं ग्राम विकास विभाग द्वारा कार्ययोजना न प्रस्तुत करने पर अप्रसन्नता व्यक्त करते हुए निर्देश दिया कि तत्काल कार्ययोजना तैयार कर प्रस्तुत करें। साथ कार्ययोजना के अनुसार युद्धस्तर पर विभागीय कार्यवाही सुनिश्चित करायें जिससे जनपद में संचारी रोग पर प्रभावी नियत्रंण पाया जा सके।
 जिलाधिकारी ने निर्देश दिया कि पखवाड़ा के दौरान साफ-सफाई पर विशेष ध्यान दिया जाय। साथ ही जलभरवा वाले स्थानों पर फागिंग, एण्टी लार्वा आदि का छिड़काव भी वृहद स्तर पर किया जाय।
उन्होंने यह भी निर्देश दिया कि अभियान में यूनानी, आर्युवेदिक, होमियोपैथिक अधिकारी, अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी, परियोजना अधिकारी डूडा, उपायुक्त एनआरएलएम, स्वयं सेवी संगठनों, आल इण्डिया मेडिकल ऐशोसिएसन आदि का भरपूर सहयोग लिया जाय।
उन्होंने यह भी निर्देश दिया कि पखवाड़ा के दौरान जनपद के सभी क्षेत्रों में संचारी रोगों के बचाव एवं उपायों का होर्डिंग, बैनर, पम्पलेट, पोस्टर आदि विभिन्न प्रचार माध्यमों से व्यापक प्रचार प्रसार भी किया जाय। ग्रामीण क्षेत्रों में अभियान चलाकर साफ-सफाई व फागिंग आदि कराया जाय।
जिससे मच्छर जनित रोगों पर प्रभावी नियंत्रण हो सके। उन्होंने बताया कि उथले हैण्डपम्पों को चिन्हित कर ऐसे हैण्डपम्पों का प्रयोग न करने के लिए प्रचार प्रसार किया जाय तथा उसके स्थान पर नये इण्डिया मार्का हैण्डपम्प की भी स्थापना की जाय। साथ ही खराब इण्डिया मार्का हैण्डपम्पों का मरम्मत कराते हुए क्रियाशील रखा जाय। सामुदियक वाटर फिल्टर्स, व्यक्तिगत वाटर फिल्टर्स तथा वाटर पम्पयुक्त टैंक टाइप स्टैण्ड पोस्ट की स्थापना की जाय। पेयजल स्रोतों/संसाधनों से शौचालय की दूरी के उपाय बताया जाय। शौचालय व सीवर से पेयजल प्रदुषित न होने देने के आवश्यक प्रबन्ध किये जायं।
बैठक के दौरान जैव जनित रोग के परामर्शदाता डा. विनोद ने बताया कि संचारी रोग की रोकथाम हेतु प्रथ चरण माह अप्रैल, द्वितीय चरण माह जुलाई में संचालित किया गया था। संचारी रोग पखवाड़ा तृतीय चरण अन्तर्गत 15 अक्टूबर 2018 तक चलाया जा रहा है। उन्होंने बताया कि इसके प्रभावी नियत्रंण के लिए ग्रामीण क्षेत्रों में उचार एवं सलाह के साथ-साथ फागिंग आदि का कार्य वृहद स्तर पर कराया जा रहा है। इस सम्बन्ध में उन्होंने मुख्य चिकित्साधिकारी को निर्देश दिया कि संचारी रोगों तथा दिमागी बुखार रोकथाम एवं नियंत्रण हेतु जनपद, ब्लाक तथा ग्राम स्तर पर विभिन्न विभागों के बीच समन्वय स्थापित कर प्रभावी क्रियान्वयन करायें। साथ ही केसेज की निगरानी भी रखा जाय। ऐसे रोगियों के उपचार हेतु उचित व्यवस्था भी किया जाय।
इस अवसर पर सीएमओ डा. एके पाण्डेय, जिला कार्यक्रम अधिकारी सुनील कुमार श्रीवास्तव, डीआईओएस राजेन्द्र कुमार पाण्डेय, बीएसए एसके तिवारी, ईओ नगर पालिका पवन कुमार, दिव्यांगजन सशक्तीकरण अधिकारी एके गौतम, जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डा. अजीत चन्द्रा, प्रभारी चिकित्साधिकारीगण व अन्य सम्बन्धित अधिकारी मौजूद रहे।

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