
अमेठी(शीतला प्रसाद मिश्र)। जब से चले है मंजिल पर नज़र, पीछे मुड़कर उन्होंने मील का पत्थर नहीं देखा। इस शेर की इबारत अमेठी के पुलिस अधीक्षक दिनेश सिंह पर प्रथम दृष्टया फिट बैठती दिख रही है। पहले ही दिन जायस कोतवाली का औचक निरीक्षण, अगले दिन जामों, क्रमशः जगदीशपुर, शुकुलबाज़ार औऱ सोमवार को अमेठी औऱ संग्रामपुर थाने के निरीक्षण उनके द्वारा किये गए। गौरतलब करने की बात यह है कि पहले से थानेदारों को जानकारी नहीं होती कि किस थाने का निरीक्षण होगा तो आल इज वेल के बजाय डॉट औऱ सुधार की हिदायत मिलना लाजिमी है। ऐसा लगता है कि लखनऊ से अमेठी के लिए चलते समय ही उनके मन में अमेठी में कुछ कर गुजरने की लालसा जगी है जिसके चलते “मोहिं कहाँ विश्राम” की भावना से निरंतर क्रियाशील दिख रहे हैं। प्रेस वार्ता में अपनी प्राथमिकताओं में उन्होंने अपराधियों में कानून का भय, अपराधियों पर कठोरतम कार्यवाही, जनता में सुरक्षा की भावना पैदा करना औऱ जन शिकायतों के त्वरित, गुणवत्तापूर्ण औऱ संवेदनशीलता के साथ निस्तारण के साथ जनता की अपेक्षाओं पर खरा उतरने की बात की। हाल ही में अमेठी में हुई हत्या का खुलासा, गुमशुदा बच्चे की बरामदगी, रंगदारी की मांग करने वाले अभियुक्तों की गिरफ्तारी, लूट का अनावरण, अंतर्जनपदीय मोटर साइकिल लिफ्टर गैंग की पकड़ जैसे मामलों के खुलासे की प्रेस कॉन्फ्रेंस में भी वे इस बात को बार बार दोहराते नजर आए कि जनता की अपेक्षाओं पर खरा उतर पुलिस जनता में भरोसा कायम करे यही उनका लक्ष्य है और व अपराधियों के साथ कठोरतम कार्यवाही करने में कोई कसर नहीं छोड़ेंगे। सोमवार को जब अमेठी के लोग श्रावणी पूर्णिमा औऱ रक्षाबंधन मना रहे थे उन्होंने गौरीगंज में हुई लूट व जायस के रंगदारी मांगने के प्रकरण में प्रेस वार्ता में खुलासे करने के बाद अमेठी कोतवाली औऱ संग्रामपुर थाने का निरीक्षण कर मातहतों के पेंच कसे । संग्रामपुर थाने के निरीक्षण के बाद बगल स्थित पौराणिक कालिका देवी मंदिर में दर्शन, पूजन कर शांति और अमन चैन का आशीर्वाद लिया। मंदिर से निकलते समय लोगों से अमेठी की पुलिस के बारे में राय जानने की कोशिश करते हुए जब कुछ लोगों से पूंछा कि क्या पुलिस सेवा में कोई कमी तो नहीं है? लोग आत्मसंतुष्टि और आत्मसम्मान से लबरेज दिखे, उन्हें लगा कि जब जिले के एसपी सीधे उनका दुख दर्द पूँछ रहे हैं तो निश्चित ही अब उन्हें किसी की ज्यादती की चिंता नहीं होगी । फिलहाल सब ने पुलिस को तो ठीक ही बताया क्योंकि थानाध्यक्ष भी बगल में ही थे लेकिन पुलिस अधीक्षक इस बात को जन मानस के जेहन में उतारने में कामयाब रहे कि जनता को उनके नेतृत्व में अमेठी में बेहतर पुलिसिंग दिखेगी ।