20 वीं सदी की गलतियों को सुधर रहा देश: प्रधानमंत्री

प्रधानमंत्री ने जनपद अलीगढ़ में राजा महेन्द्र प्रताप सिंह राज्य विश्वविद्यालय का शिलान्यास किया

प्रधानमंत्री ने उ0प्र0 डिफेंस इण्डस्ट्रियल कॉरिडोर के अलीगढ़ नोड की प्रगति तथा राजा महेन्द्र प्रताप सिंह राज्य विश्वविद्यालय के मॉडल का अवलोकन किया

भारत का इतिहास ऐसे राष्ट्रभक्तों से समृद्ध है, जिन्होंने अपने तप और त्याग से देश को दिशा दी, राजा महेन्द्र प्रताप सिंह ऐसे ही राष्ट्रभक्त और देश के महान सपूत: प्रधानमंत्री

21वीं सदी का भारत जब शिक्षा और कौशल के नये दौर की ओर अग्रसर है, ऐसे में राजा महेन्द्र प्रताप सिंह के नाम पर विश्वविद्यालय का निर्माण, उनके प्रति सच्ची कार्यांजलि

मुख्यमंत्री व उनकी पूरी टीम ने ‘सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास’ के मंत्र पर चलकर प्रदेश को नयी भूमिका के लिए तैयार किया

लखनऊ: 14 सितम्बर, 2021


भारत के प्रधानमंत्री ने आज जनपद अलीगढ़ में राजा महेन्द्र प्रताप सिंह राज्य विश्वविद्यालय का बटन दबाकर शिलान्यास किया। इससे पूर्व, उन्होंने उत्तर प्रदेश डिफेंस इण्डस्ट्रियल कॉरिडोर के अलीगढ़ नोड की प्रगति तथा राजा महेन्द्र प्रताप सिंह राज्य विश्वविद्यालय के मॉडल का अवलोकन भी किया। कार्यक्रम के दौरान राजा महेन्द्र प्रताप सिंह राज्य विश्वविद्यालय तथा उत्तर प्रदेश डिफेंस इण्डस्ट्रियल कॉरिडोर पर केन्द्रित फिल्में भी प्रदर्शित की गयीं।


प्रधानमंत्री ने इस अवसर पर आयोजित कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए कहा कि भारत का इतिहास ऐसे राष्ट्रभक्तों से समृद्ध है, जिन्होंने अपने तप और त्याग से देश को दिशा दी है। राजा महेन्द्र प्रताप सिंह ऐसे ही राष्ट्रभक्त और देश के महान सपूत थे। बड़े सपने देखने वाले और ऊंचे लक्ष्य हासिल करने के इच्छुक देश के हर युवा को राजा महेन्द्र प्रताप सिंह के बारे में जानना चाहिए। उनके जीवन से अदम्य जीवन शक्ति तथा सपनों को साकार करने के लिए कुछ भी कर गुजरने की जीवटता की सीख मिलती है। देश की आजादी के लिए उन्होंने अपना सब कुछ बलिदान कर दिया और इसके लिए दुनिया के कोने-कोने में गये। उन्होंने कहा कि जब भी कोई लक्ष्य कठिन लगे, तो आप राजा महेन्द्र प्रताप सिंह को याद करें, हौसला बुलन्द हो जाएगा।


प्रधानमंत्री ने महान स्वतंत्रता सेनानी, गुजरात के सपूत श्यामजी कृष्ण वर्मा जी का स्मरण करते हुए कहा कि प्रथम विश्व युद्ध के दौरान राजा महेन्द्र प्रताप सिंह, श्यामजी कृष्ण वर्मा जी और लाला हरदयाल से मिलने यूरोप गए। उस बैठक में जो दिशा तय हुई, उसी का परिणाम हमें अफगानिस्तान में भारत की पहली निर्वासित सरकार के तौर पर देखने को मिला। इस सरकार का नेतृत्व राजा महेन्द्र प्रताप सिंह ने किया। प्रधानमंत्री ने कहा कि जब वे गुजरात के मुख्यमंत्री थे, तो उन्हें 73 साल बाद श्यामजी कृष्ण वर्मा जी की अस्थियों को भारत लाने में सफलता मिली। कच्छ, गुजरात के माण्डवी में श्यामजी कृष्ण वर्मा जी का बहुत ही प्रेरक स्मारक है, जहां उनके अस्थि कलश रखे गए हैं, जो हमंे माँ भारती के लिए जीने की प्रेरणा देते हैं।
प्रधानमंत्री जी ने कहा कि राजा महेन्द्र प्रताप सिंह ने आजादी के साथ ही देश के भविष्य निर्माण में सक्रिय योगदान किया। देश की शिक्षा व्यवस्था को आधुनिक बनाने के लिए वृन्दावन में टेक्निकल कॉलेज तथा अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के लिए बड़ी जमीन दी। प्रदेश के मुख्यमंत्री एवं उनकी टीम को बधाई देते हुए उन्होंने कहा कि 21वीं सदी का भारत जब शिक्षा और कौशल के नये दौर की ओर अग्रसर है, ऐसे में राजा महेन्द्र प्रताप सिंह के नाम पर विश्वविद्यालय निर्माण, उनके प्रति सच्ची कार्यांजलि है। उन्होंने कहा कि यह विश्वविद्यालय आधुनिक शिक्षा तथा डिफेंस एवं डिफेंस मैन्युफैक्चरिंग से जुड़ी टेक्नोलॉजी व मैनपावर के विकास का बड़ा केन्द्र बनेगा।


प्रधानमंत्री ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति में जिस तरह शिक्षा, कौशल, स्थानीय भाषा पर बल दिया गया है, उससे लाभ होगा। देश ही नहीं पूरी दुनिया देख रही है कि आधुनिक भारत में रायफल, ग्रेनेड, ड्रोन, लड़ाकू विमान आदि के निर्माण का अभियान चल रहा है। वर्तमान भारत डिफेंस इम्पोर्टर छवि से बाहर निकलकर दुनिया के एक अहम डिफेंस एक्सपोर्टर की पहचान बनाने के संकल्प के साथ आगे बढ़ रहा है। उन्होंने प्रसन्नता जतायी कि उत्तर प्रदेश इसका केन्द्र बन रहा है। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश से सांसद होने के नाते राज्य की प्रगति पर उन्हें गर्व है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि इस कार्यक्रम से पूर्व उनके द्वारा उत्तर प्रदेश डिफेंस इण्डस्ट्रियल कॉरिडोर के अलीगढ़ नोड की प्रगति का अवलोकन किया गया। डेढ़ दर्जन से अधिक कम्पनियां यहां सैकड़ों करोड़ रुपये का निवेश कर रही हैं। इससे युवाओं के लिए बड़े पैमाने पर रोजगार के अवसर सृजित होंगे। यहां पर छोटे हथियार, ड्रोन, एयरोस्पेस, मेटल कम्पोनेंट, डिफेंस पैकेजिंग के लिए नये उद्योग लगाये जा रहे हैं। इससे अलीगढ़ और आसपास के क्षेत्र की नयी पहचान स्थापित होगी। अलीगढ़ के ताले लोगों के घरों और दुकानों की सुरक्षा कर रहे थे। 21वीं सदी में अलीगढ़ देश की सीमाओं की रक्षा करने का कार्य करेगा।


प्रधानमंत्री ने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार ने ‘एक जनपद, एक उत्पाद’ योजना के माध्यम से अलीगढ़ के ताले और हार्डवेयर को नयी पहचान दिलायी है। इससे युवाओं और एम0एस0एम0ई0 के लिए नये अवसर तैयार हो रहे हैं। डिफेंस इण्डस्ट्रियल कॉरिडोर से अब युवा उद्यमियों और एम0एस0एम0ई0 को लाभ होगा। साथ ही, यह कॉरिडोर छोटे उद्यमियों के लिए भी नये मौके बनाएगा। उन्होंने कहा कि डिफेंस इण्डस्ट्रियल कॉरिडोर के लखनऊ नोड में दुनिया की बेहतरीन मिसाइल ब्रम्होस का निर्माण प्रस्तावित है। इससे लगभग 9,000 करोड़ रुपये का निवेश होगा। डिफेंस कॉरिडोर के झांसी नोड में मिसाइल निर्माण से जुड़ी बड़ी यूनिट लगाने का प्रस्ताव है। यह नये निवेश और रोजगार के अवसर बना रहा है। आज उत्तर प्रदेश देश और दुनिया के निवेशकों के लिए आकर्षक गंतव्य है। यह प्रदेश में निवेश के माहौल और सुविधाओं से सम्भव हो रहा है।
प्रधानमंत्री जी ने कहा कि मुख्यमंत्री जी व उनकी पूरी टीम ने ‘सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास’ के मंत्र पर चलकर प्रदेश को नयी भूमिका के लिए तैयार किया है। इसे और आगे बढ़ाया जाएगा। समाज में विकास के अवसरों से जिन्हें दूर रखा गया था, उत्तर प्रदेश में उन्हें शिक्षा और सरकारी नौकरियों में नये अवसर दिये जा रहे हैं। उत्तर प्रदेश की चर्चा बड़े इन्फ्रास्ट्रक्चर और बड़े फैसलों के लिए होती है। इससे पश्चिमी उत्तर प्रदेश को ज्यादा लाभ हुआ है। ग्रेटर नोएडा में इण्टीग्रेटेड इण्डस्ट्रियल टाउनशिप का निर्माण, मल्टीमोडल लॉजिस्टिक हब, जेवर इण्टरनेशनल एयरपोर्ट, दिल्ली-मेरठ रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम, मेट्रो कनेक्टिविटी, आधुनिक हाई-वे और एक्सप्रेस-वे जैसे विकास कार्य पश्चिमी उत्तर प्रदेश में हो रहे हैं। हजारो करोड़ रुपये के यह प्रोजेक्ट आने वाले वर्षाें में भारत की प्रगति का आधार बनेंगे।
प्रधानमंत्री जी ने कहा कि उत्तर प्रदेश को पूर्व में देश के विकास के रुकावट के रूप में जाना जाता था। वर्तमान में यह देश के विकास में बड़े अभियानों का नेतृत्व कर रहा है। शौचालय निर्माण, गरीबों को पक्का घर, उज्ज्वला योजना के तहत निःशुल्क रसोई गैस कनेक्शन, निःशुल्क बिजली कनेक्शन, प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि के अन्तर्गत किसानों को आर्थिक सहायता धनराशि प्रदान करने में उत्तर प्रदेश सरकार ने अग्रणी भूमिका निभायी है। वर्तमान प्रदेश सरकार पूरी ईमानदारी के साथ प्रदेश के विकास का कार्य कर रही है। आज प्रदेश में कानून का राज स्थापित है। राज्य सरकार गरीब की सुनवाई और सम्मान सुनिश्चित कर रही है। योगी जी के नेतृत्व में यूपी की बदलती कार्यशैली का बहुत बड़ा प्रमाण है ‘सबको वैक्सीन, मुफ्त वैक्सीन’ अभियान। प्रदेश में कोरोना के 08 करोड़ से अधिक टीके लग चुके हैं। एक दिन में सर्वाधिक टीकाकरण का रिकॉर्ड भी उत्तर प्रदेश के नाम है।


प्रधानमंत्री ने कहा कि कोरोना के संकट काल में गरीब की चिन्ता सरकार की सर्वाेच्च प्राथमिकता है। कोई भी गरीब भूखा न रहे, इसके लिए महीनों से निःशुल्क अनाज प्रदान किया जा रहा है। प्रदेश सरकार द्वारा गरीबों को राहत पहुंचाने के लिए निरन्तर कार्यवाही की जा रही है, जो काम बड़े-बड़े देश नहीं कर पाये, वह भारत व उत्तर प्रदेश कर रहे हैं। आजादी के इस अमृत काल में ग्रामीण अर्थव्यवस्था में भी तेजी के साथ बदलाव हो रहे हैं। बदलाव के साथ कैसे तालमेल बैठाया जाता है, इसका रास्ता चौधरी चरण सिंह ने दशकों पहले देश को दिखाया। हम सभी जानते हैं कि चौधरी साहब द्वारा दिखाए गए रास्ते से खेतिहर मजदूरों और छोटे किसानों को लाभ हुआ। आज की अनेक पीढ़ियां उन सुधारों के कारण गरिमामय जीवन जी पा रही हैं। देश के जिन छोटे किसानों की चिन्ता चौधरी साहब को थी, उनके साथ सरकार एक साथी की तरह खड़ी रहे, यह बहुत जरूरी है। उन्होंने कहा कि केन्द्र व प्रदेश सरकार छोटे किसानों के साथ खड़ी है।


प्रधानमंत्री ने कहा कि देश में छोटे किसानों के पास 02 हेक्टेयर से कम जमीन है। ऐसे किसानों की संख्या 80 प्रतिशत से अधिक है। केन्द्र सरकार निरन्तर छोटी जोत वाले किसानों को ताकत प्रदान कर रही है। एम0एस0पी0 में डेढ़ गुना वृद्धि, किसान क्रेडिट कार्ड का विस्तार, फसल बीमा योजना में सुधार, 3,000 रुपये पेंशन की सुविधा प्रदान कर छोटे किसानों को सशक्त किया जा रहा है। कोरोना काल में केन्द्र सरकार ने छोटे किसानों के खातों में 01 लाख करोड़ रुपये से अधिक सीधे ट्रांसफर किये हैं। इसमें से 25,000 करोड़ रुपये से ज्यादा सिर्फ उत्तर प्रदेश के किसानों को मिला है। उत्तर प्रदेश में विगत 04 वर्षाें में न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीद के नये रिकॉर्ड बने हैं। आने वाला समय गन्ना किसानों के लिए नये दरवाजे खोलने वाला है। गन्ने से एथेनॉल के निर्माण से पश्चिमी उत्तर प्रदेश के किसानों को लाभ होगा।


मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री जी द्वारा आजादी की लड़ाई में ब्रज क्षेत्र को नेतृत्व देने वाले तथा आजादी के बाद शिक्षा के क्षेत्र में अलख जगाने वाले राजा महेन्द्र प्रताप सिंह की स्मृति में उनके नाम पर स्थापित किये जा रहा राज्य विश्वविद्यालय का आज शिलान्यास किया गया है। प्रधानमंत्री द्वारा राधा अष्टमी पर ब्रज क्षेत्रवासियों को दिया गया यह उपहार इस अवसर को और स्मरणीय बना रहा है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 को अंगीकार करते हुए शिक्षा सहित स्वास्थ्य एवं इन्फ्रास्ट्रक्चर के क्षेत्रों के सुदृढ़ीकरण का कार्य कर रही है। जनपद अलीगढ़ में राजा महेन्द्र प्रताप सिंह राज्य विश्वविद्यालय, जनपद मेरठ में हॉकी के जादूगर मेजर ध्यानचन्द के नाम पर स्पोर्ट्स विश्वविद्यालय, लखनऊ में श्रद्धेय अटल बिहारी वाजपेयी जी के नाम पर चिकित्सा विश्वविद्यालय, प्रयागराज में राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय, सहारनपुर में माँ शाकुम्भरी के नाम पर राज्य विश्वविद्यालय सहित 08 विश्वविद्यालयों का निर्माण कराया जा रहा है।


मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री के नेतृत्व एवं मार्गदर्शन में ‘सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास’ की भावना के साथ राज्य सरकार गांव, गरीब, किसान, मजदूर, नौजवान, महिला सहित सभी वर्गाें की समृद्धि के लिए कार्य कर रही है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2022 तक किसानों की आमदनी को दोगुना करने के लक्ष्य के साथ केन्द्र सरकार ने जो कार्य प्रारम्भ किया है, उससे किसानों के जीवन में प्रगति और खुशहाली आयी है। प्रदेश में वर्ष 2007 से 2017 तक गन्ना किसानों को 95 हजार करोड़ रुपये के गन्ना मूल्य का भुगतान कराया गया था। वर्तमान राज्य सरकार ने वर्ष 2017 से अब तक किसानों को 01 लाख 43 हजार करोड़ रुपये गन्ना मूल्य का भुगतान कराया है। कोरोना काल में भी राज्य की सभी चीनी मिलों को अनवरत संचालित किया गया।


मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री के नेतृत्व एवं मार्गदर्शन में सदी की सबसे बड़ी महामारी का भारत ने विश्व में सबसे बेहतर प्रबन्धन किया। लोकतंत्र में आम जनता की जीवन और जीविका की सुरक्षा एवं संरक्षण सर्वाेच्च प्राथमिकता है। प्रधानमंत्री जी के मार्गदर्शन में कोरोना काल में प्रधानमंत्री गरीब कल्याण पैकेज के माध्यम से गरीब और जरूरतमन्द परिवारों को खाद्यान्न सहित विभिन्न सुविधाएं सुलभ करायी गयीं। आत्मनिर्भर भारत पैकेज के माध्यम से प्रत्येक तबके के स्वावलम्बन के लिए कदम उठाये गये। प्रधानमंत्री जी की प्रेरणा से कोरोना की 02 स्वदेशी वैक्सीन का निर्माण हुआ। उनके नेतृत्व और मार्गदर्शन में अब तक 75 करोड़ से अधिक डोज पूरे देश मंे लगायी जा चुकी हैं।


मुख्यमंत्री  कहा कि वर्ष 2017 में राज्य में वर्तमान सरकार सत्ता में आयी। प्रधानमंत्री जी द्वारा वर्ष 2018 में उत्तर प्रदेश इन्वेस्टर्स समिट का उद्घाटन किया गया। वर्तमान में उत्तर प्रदेश देश में निवेश का सबसे आकर्षक गंतव्य है। राज्य में अब तक 03 लाख करोड़ रुपये से अधिक का निवेश हो चुका है। प्रदेश में हुए निवेश एवं विकास से अब तक 1.61 करोड़ नौजवानों को उनके जनपद में रोजगार प्राप्त हुआ है। वर्ष 2018 में उत्तर प्रदेश इन्वेस्टर्स समिट के उद्घाटन समारोह में प्रधानमंत्री जी द्वारा प्रदेश को डिफेंस इण्डस्ट्रियल कॉरिडोर का उपहार दिया गया। यह कॉरिडोर रक्षा उत्पादन में देश की आत्मनिर्भरता के लक्ष्य के साथ-साथ जनपद अलीगढ़ में ‘एक जनपद, एक उत्पाद योजना’ के तहत हार्डवेयर के निर्माण के अवसरों को भी बढ़ा रहा है।
कार्यक्रम में अतिथियों का स्वागत करते हुए उप मुख्यमंत्री डॉ0 दिनेश शर्मा ने कहा कि मुख्यमंत्री जी के नेतृत्व में राज्य सरकार ने शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार एवं नकलविहीन परीक्षा सम्पादित कराने पर विशेष ध्यान दिया है। इसके लिए तकनीक के व्यापक प्रयोग को बढ़ावा दिया गया। शिक्षा को रोजगारोन्मुखी बनाने के लिए पाठ्यक्रम में रोजगारपरक कोर्स सम्मिलित किये गये। प्रदेश सरकार ने नये विश्वविद्यालयों सहित विभिन्न शिक्षा संस्थानों की स्थापना का कार्य भी गम्भीरता से आगे बढ़ाया है। विगत 04 वर्षाें में 250 माध्यमिक विद्यालय, 77 डिग्री कॉलेज बनाये गये। भाषाओं के पठन-पाठन और शोध पर ध्यान दिया गया। राज्य में संस्कृत निदेशालय की स्थापना करायी जा रही है।


कार्यक्रम के प्रारम्भ में प्रधानमंत्री को अंगवस्त्र और स्मृति चिन्ह प्रदान कर मुख्यमंत्री जी ने स्वागत किया।


इस अवसर पर प्रदेश की राज्यपाल, औद्योगिक विकास मंत्री श्री सतीश महाना, गन्ना विकास एवं चीनी मिलें मंत्री श्री सुरेश राणा, वित्त एवं चिकित्सा शिक्षा राज्यमंत्री श्री संदीप सिंह सहित अन्य मंत्रिगण, विधान परिषद सदस्य श्री स्वतंत्रदेव सिंह, जनप्रतिनिधिगण, शासन-प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी एवं अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।


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