UP सचिवालय में जींस और टी-शर्ट पर लगी रोक, 500 कर्मचारी-अधिकारियों पर होगा असर

उत्तर प्रदेश के विधानसभा सचिवालय में जींस-टीशर्ट पर रोक लगा दी गई है। सरकारी आदेश में कहा गया है कि कर्मचारी टी-शर्ट और जींस अथवा इस प्रकार की अन्य ड्रेस पहनकर कार्यालय में नहीं आएंगे। संयुक्त सचिव नरेंद्र कुमार मिश्रा ने आदेश जारी करते हुए कहा कि कर्मचारी सचिवालय की गरिमा के अनुरुप कार्यालय में ड्रेस पहनेंगे।

500 कर्मचारी-अधिकारियों पर होगा असर
विधानसभा सचिवालय में करीब 500 कर्मचारी और अधिकारी काम करते हैं। इस फैसले का असर इन्हीं पर होने वाला है। हालांकि, विधानसभा सचिवालय में काम करने वाले अधिकतर कर्मचारियों का मानना है कि कुछ नए भर्ती वाले युवक-युवतिया जींस, टी शर्ट और डिजायनर ड्रेस पहन कर आफिस आ जाते हैं। ऐसे में आम लोग और सरकारी कर्मचारी में अंतर करना मुश्किल होता है। हर आफिस का एक डेकोरम होता है। विधानसभा में बाहरी लोग भी आते हैं। इसके अलावा सत्र के दौरान माननीय सदस्य भी होते हैं, लिहाजा सरकारी कर्मचारी की पहचान जरूरी है।

विधानसभा सचिवालय में जींस टीशर्ट बैन करने के इस आदेश पर कर्मचारी संगठन कुछ भी बोलने से बच रहे हैं। उनका तर्क है कि ज्यादातर लोग सामान्य पैंट शर्ट ही पहनते हैं। कुछ लोग ही जींस टीशर्ट जैसी पोशाक पहनते हैं लेकिन ये उनका निजी मामला है। सरकार को पोशाक से ज्यादा कर्मचारियों के परफार्मेंस पर फोकस रखना चाहिए।

विधानसभा में सभी के लिए ड्रेस कोड है निर्धारित
विधानसभा में ड्रेस कोड का पालन किया जाता है। यह सुरक्षा की जिम्मेदारी मार्शल के हाथों में है। विधानसभा की सुरक्षा में तैनात मार्शल का यूनिफॉर्म होता है। सिक्योरिटी गार्ड और फोर्थ क्लास कर्मचारियों के लिए भी ड्रेस कोड लागू है।

ये सुझाव हैं, निर्देश नहीं
प्रमुख सचिव विधानसभा, प्रदीप दुबे का कहना है कि ये एक सुझाव है। कोई निर्देश नही है। इस पर कोई जुर्माने का प्रावधान नहीं है। विधानसभा एक संवैधानिक संस्था है। हर संवैधानिक संस्था की एक गरिमा होती है और उस गरिमा को कायम रखना हमारी जिम्मेदारी होती है। ड्यूटी के दौरान अनौपचारिक कपड़े पहनना ठीक नही होता। कुछ न्यू ज्वाइनिंग वाले कर्मचारी जीन्स टीशर्ट जैसे कपड़े पहन कर आफिस आ जाते हैं। विधानसभा का सत्र शुरू होने वाला है। इसलिए यह आदेश जारी किया गया है।

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