जेल में भी कायम है अतीक अहमद की दबंगई, वहीं से फोन पर चला रहा अपना धंधा, ऑडियो वायरल

भू माफिया और आईएएस 227 गैंग के सरगना पूर्व सांसद अतीक अहमद की जेल में भी दबंगई कायम है। जेल से ही फोन पर वह अपने धंधे चला रहा है। जिस प्रॉपर्टी डीलर मो. जैद को प्रयागराज से अगवा कर देवरिया जेल में अतीक ने पिटवाया था, उससे फोन पर हुई बातचीत का आडियो वायरल हो गया है। बातचीत में अतीक ने कहा कि प्रधान का नाम लेने पर ही उसे गुस्सा आ गया और उसने जैद की धुनाई कर दी थी।

अतीक अहमद की दबंगई का यह पहला किस्सा नहीं है। देवरिया जेल में बंद होने के दौरान भी अतीक ने बसपा के पूर्व नेता से रंगदारी मांगी थी। उस वक्त भी आडियो वायरल हुआ था। एक बार फिर से अतीक की दबंगई का आडियो वायरल है। इस बातचीत में धूमनगंज में 200 वर्गगज जमीन की रजिस्ट्री कराने का विवाद सामने आया है। जैद ने अतीक के मना करने के बाद भी उस जमीन की रजिस्ट्री करा ली थी जिस कारण देवरिया जेल में मो. जैद की धुनाई हुई थी।

खास बात यह है कि जिस जैद ने अतीक अहमद के खिलाफ एफआईआर कराई, उसी से बातचीत का आडियो वायरल है। दूसरा यह भी महत्वपूर्ण है कि यह आडियो उस वक्त वायरल हुआ जब धूमनगंज पुलिस एक जमीन कब्जे के मामले में मो. जैद और उसके  ससुर आबिद प्रधान के खिलाफ फायरिंग व रंगदारी की एफआईआर दर्ज कर जैद के भाई समेत दो को गिरफ्तार कर जेल भेज चुकी है। इसमें तीसरा तथ्य भी महत्पपूर्ण है।

जिस जमीन को अतीक अहमद ने जैद को खरीदने के लिए मना किया था, उस जमीन को लेने के लिए जैद को आबिद प्रधान और फरहान ने हामी भरी थी। उन्हीं के कहने पर मो. जैद ने जमीन खरीदी थी। धूमनगंज पुलिस रंगदारी के मामले में अतीक के करीबी शूटर फरहान को गिरफ्तार कर जेल भेज चुकी है और आबिद प्रधान की तलाश कर रही है। जेल से चल रहे इस खेल को समझने में प्रयागराज पुलिस भी घनचक्कर है। सवाल उठना स्वाभाविक है कि आखिर देवरिया, बरेली और नैनी जेल से अहमदाबाद जेल में ट्रांसफर करने का क्या फायदा  हुआ।

फोन पर बातचीत का अंश

जैद- हेलो।

अतीक- हां जैद।

जैद- हां भाई।

अतीक- तुमको याद है जब तुम देवरिया जेल में हमसे मिलने आए थे, हमको मालूम था कि तुम आ रहे हो और तुमसे हम वहां बरामदे में मिले रहे। तब तक हमारी कोई नीयत नहीं थी तुमको पीटने की।

जैद- हम खुद समझ रहे थे।

अतीक- तुम्हारा हाव भाव देखा, तुम्हारा रवैया देखा.. समझे तो सिर्फ तुम्हारे रवैया पर खिसया गए थे हम।

जैद- जी भाई।

अतीक -न तुम सुन लो। तुम वही जैद हो जो हमारे पास आए तो हम तुमका जमीन दे दिया रहा बिना पैसा के…लेकिन तुम आबिद के यहां शादी करे के बाद तुम्हरा दिमाग इतना खराब हो गया था..समझे कि नै..न तुम फोन उठा रहे हो न कायदे से बात कर रहे हो…200 वर्गगज हमने मना किया था लेकिन तुम लिखवा लिए…ये क्या हरकत थी, तुम आबिद को भी बरबाद करना चाहते हो।

जैद- नहीं भाई ऐसी बात नहीं है, 200 वर्गगज शाहिद, फरहान और आबिद के कहने पर रजिस्ट्री हुई थी, हमने अपने से नहीं लिखाई थी जमीन।

अतीक- नहीं नहीं ये बताओ, आबिद और फरहान से नहीं कहा रहा, हम तो तुमसे कहा रहा।

जैद- आपने हमसे कहा था।

अतीक- नीलू से कहलावा था।

जैद- नीलू ने रजिस्ट्री होने की बात कहा था भाई।

अतीक-गलत बात कह रहे हो.. जब तुमने रजिस्ट्री कराई थी तब भी हमको मालूम था..अगर इतना काम कर रहे तो हम कह रहे कि एक जमीन की रजिस्ट्री मत कराना चाहे आबिद कहे चाहे फरहान कहें, मना कर देते कि मैंने कहा है।

जैद- आबिद ने कहा कि भाई से बात हो गई है, उसमें उनका शेयर रहेगा।

अतीक- प्रधान कहेन प्रधान कहेन कहा कि तुमका एक लप्पड़ मारी।

जैद- हूं…हूं।

अतीक- तुमका एक हाथ मारी, क्योंकि तुम्हारा भूत नहीं उतर रहा कि प्रधान कहेन प्रधान कहेन समझे कि नाही..आबे हमसे तोर प्रधान से पहले से रिश्ता है।

जैद- सही है भाई।

अतीक- हम प्रधान से पहले से तोका चाहत रहे..तुम प्रधान के दामाद हो गए जो प्रधान कहे, वही करबो प्रधान कहे कि अतीक पर गोली चला दो तो गोली चला देबो।

जैद- नहीं भाई गोली नहीं चला सकते…।

अतीक- एक बात बताओ जब प्रधान कुछ न रहे तब भी हम रहे।

जैद- हम आपकी बात मान रहे हैं कि हमसे कुछ गलती हुई है।

अतीक- तुमको ये चाहिए था कि प्रधान चाहे मुड़ी के बल खड़ा हो जाते, तुम कहते कि ओका न कराब।

जैद- हूं हूं हूं…।

अतीक- ई कौन सा बात है कि प्रधान कहेन प्रधान कहेन, एही बात पर हमका गुस्सा आवत है।

जैद- हम समझ नहीं पाए भाई।

अतीक-जब प्रधान न रहे तब हम तोका चाहत रहे कि न चाहत रहे?

जैद- बिलकुल चाहत रहे…।

अतीक- तुमको क्या चाहिए, प्रधान तुमको कहत भी रहा तो तुम कहते कि भाई ने मना किया..तुम दामाद हो तो कहते कि हम न कराब प्रधान जाके कराई ल या भाई से सांसद जी से कहवा द।

जैद- ई गलती हो गई…।

अतीक- हम तो ऐसी मूड के आदमी हैं कि प्रधानवा हमसे कहत तो हम जैद से खुद ही कह देते।

जैद- यहां पर गलती है सही है सही।

अतीक- याद करो पहले जब गाड़ी खरीद कर लाए तब कहा रहा ई गाड़ी कामयाब नहीं है, दूसर खरीद कर लाओ।
जैद-आप हमको खुद ही दिल्ली भेजे थे सरदार के पास गाड़ी लेने के लिए।

अतीक-अब ऊ सब खत्म हो गवा अब कौनो रिश्ता न रहा?

जैद- नहीं नहीं आप अब्बा के सामान हैं…।

अतीक- एही बात पर हम खिसिया गए रहे न?

जैद- सही है।

अतीक- सुनो पिटाई के समय जै बार तुम प्रधान के नाम लिये तो हमार और गुस्सा चढ़ जाए, अबे हम कुछ नहीं ना खाली प्रधान ही है?

जैद- सही बात हमको एहसास नहीं हुआ था, बाद में हम सोचा कि किसी बात को लेकर आपको जिद हो जाती है।
अतीक-अबहिन हमसे बात कियो और फिर प्रधान का नाम लिए तो हमार गुस्सा चढ़े लागा…एक बात सुनो, मान लो प्रधान के यहां तुम्हारा रिश्ता नहीं होता…तो भी तुमको हम लड़का की तरह मानत रहे कि न मानत?

जैद- जी मानते रहे…।

अतीक- छोड़ो जब बैठब तब बात करबे, फोन की बैट्री खत्म हो रही है।

जैद- ठीक भाई, सलाम वालेकुम।

एसएसपी सत्यार्थ अनिरुद्ध पंकज ने कहा- इस आडियो की जांच कराई जाएगी कि इसकी सच्चाई क्या है। आडियो का स्रोत क्या है। अगर रिकार्डिंग सही हुई तो कार्रवाई की जाएगी।

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