एक दीया सैनिकों के लिए भी जलाएँ, खरीददारी में स्‍थानीय उत्पादों को दें प्राथमिकता: PM मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार (अक्टूबर 25, 2020) को ‘मन की बात’ के जरिए देशवासियों को सम्बोधित किया। दशहरा को उन्होंने असत्य पर सत्य की जीत का त्यौहार बताते हुए शुभकामनाएँ दी और कहा कि पहले, दुर्गा पंडाल में, माँ के दर्शनों के लिए इतनी भीड़ जुट जाती थी। एकदम, मेले जैसा माहौल रहता था, लेकिन, इस बार ऐसा नहीं हो पाया। PM मोदी ने कहा कि पहले, दशहरा पर भी बड़े-बड़े मेले लगते थे, लेकिन इस बार उनका स्वरूप भी अलग ही है।

एक दिया सैनिकों के नाम

दशहरा व अन्य त्यौहारों के मौके पर पीएम मोदी ने ‘मन की बात’ में याद दिलाया कि हमें अपने उन जाँबाज सैनिकों को भी याद रखना है, जो, इन त्योहारों में भी सीमाओं पर डटे हैं और भारत-माता की सेवा और सुरक्षा कर रहें हैं। पीएम मोदी ने कहा कि हमें उनको याद करके ही अपने त्योहार मनाने हैं। साथ ही अपील की कि हमें घर में एक दीया, भारत माता के इन वीर बेटे-बेटियों के सम्मान में भी जलाना है। उन्होंने देश के वीर जवानों से कहा कि आप भले ही सीमा पर हैं, लेकिन पूरा देश आपके साथ हैं, आपके लिए कामना कर रहा है।

वोकल फॉर लोकल

पीएम मोदी ने कहा कि आज जब हम लोकल के लिए वोकल हो रहे हैं तो दुनिया भी हमारे लोकल उत्पादों की फैन हो रही है। हमारे कई स्थानीय उत्पादों में वैश्विक होने की बहुत बड़ी शक्ति है। पीएम ने इस दौरान खादी का उदाहरण दिया। उन्होंने ‘मन की बात’ में कहा कि लम्बे समय तक खादी, सादगी की पहचान रही है, लेकिन, हमारी खादी आज, ‘इको-फ्रेंडली फैब्रिक’ के रूप में जानी जा रही है। स्वास्थ्य की दृष्टि से ये ‘बॉडी फ्रेंडली फैब्रिक’ है, ‘ऑल वेदर फैब्रिक’ है और आज खादी फैशन स्टेटमेंट तो बन ही रही है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि खादी की लोकप्रियता तो बढ़ ही रही है, साथ ही, दुनिया में कई जगह, खादी बनाई भी जा रही है। उन्होंने उदाहरण के लिए मेक्सिको के ओहाका (Oaxaca) का नाम लिया। उन्होंने बताया कि इस इलाके में कई गाँव ऐसे है, जहाँ स्थानीय ग्रामीण, खादी बुनने का काम करते है। आज, यहाँ की खादी ‘ओहाका खादी’ के नाम से प्रसिद्ध हो चुकी है। उन्होंने कहा कि ओहाका में खादी कैसे पहुँचीं, ये भी कम रोचक नहीं है।

पीएम मोदी ने कहा कि दरअसल, मेक्सिको के एक युवा मार्क ब्राउन ने एक बार महात्मा गाँधी पर एक फिल्म देखी। ब्राउन ये फिल्म देखकर बापू से इतना प्रभावित हुए कि वो भारत में बापू के आश्रम आए और बापू के बारे में और गहराई से जाना-समझा। पीएम मोदी ने आगे बताया कि तब ब्राउन को एहसास हुआ कि खादी केवल एक कपड़ा ही नहीं है बल्कि ये तो एक पूरी जीवन पद्धति है। इससे किस तरह से ग्रामीण अर्थव्यवस्था और आत्मनिर्भरता का दर्शन जुड़ा है ब्राउन इससे बहुत प्रभावित हुए।

यहीं से ब्राउन ने ठाना कि वो मेक्सिको में जाकर खादी का काम शुरू करेंगे। उन्होंने, मेक्सिको के ओहाका में ग्रामीणों को खादी का काम सिखाया, उन्हें प्रशिक्षित किया और आज ‘ओहाका खादी’ एक ब्रांड बन गया है। इस प्रोजेक्ट की वेबसाइट पर लिखा है ‘The Symbol of Dharma in Motion’। उन्होंने जानकारी दी कि दिल्ली के कनॉट प्लेस के खादी स्टोर में इस बार गाँधी जयंती पर एक ही दिन में एक करोड़ रुपए से ज्यादा की खरीदारी हुई। पीएम मोदी ने ‘मन की बात’ में कहा:

“आपको ये जानकार खुशी होगी कि पूरे भारत में अनेक लोग हैं जिन्हें ज्ञान के प्रसार से अपार खुशी मिलती है। ये वो लोग हैं जो हमेशा इस बात के लिए तत्पर रहते हैं कि हर कोई पढ़ने के लिए प्रेरित हो। मध्य प्रदेश के सिंगरौली की शिक्षिका, उषा दुबे जी ने तो स्कूटी को ही मोबाइल लाइब्रेरी में बदल दिया। वे प्रतिदिन अपने चलते-फिरते पुस्तकालय के साथ किसी न किसी गाँव में पहुँच जाती हैं और वहाँ बच्चों को पढ़ाती हैं। बच्चे उन्हें प्यार से किताबों वाली दीदी कह कर बुलाते हैं। इस साल अगस्त में अरुणाचल प्रदेश के निरजुली के रायो गाँव में एक ‘सेल्फ-हेल्प लाइब्रेरी’ बनाई गई है। दरअसल, यहाँ की मीना गुरुंग और दिवांग होसाई को जब पता चला कि कस्बे में कोई लाइब्रेरी नहीं है तो उन्होंने इसकी फंडिंग के लिए हाथ बढ़ाया।”

“आपको ये जानकार हैरानी होगी कि इस लाइब्रेरी के लिए कोई सदस्यता शुल्क ही नहीं है। कोई भी व्यक्ति दो हफ्ते के लिए किताब ले जा सकता है। पढ़ने के बाद उसे वापस करना होता है। ये लाइब्रेरी सातों दिन, चौबीसों घंटे खुली रहती है। आस-पड़ोस के अभिभावक यह देखकर काफी खुश हैं, कि उनके बच्चे किताब पढ़ने में जुटे हैं। खासकर उस समय जब स्कूलों ने भी ऑनलाइन क्लासेज शुरू कर दी हैं। वहीं चंडीगढ़ में एक NGO चलाने वाले संदीप कुमार जी ने एक छोटी गाड़ी में मोबाइल लाइब्रेरी बनाई है, इसके माध्यम से गरीब बच्चों को पढ़ने के लिए मुफ्त में किताबें दी जाती हैं।”

“इसके साथ ही गुजरात के भावनगर की भी दो संस्थाओं के बारे में जानता हूँ जो बेहतरीन कार्य कर रही हैं। उनमें से एक है ‘विकास वर्तुल ट्रस्ट’। यह संस्था प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने वाले विद्यार्थियों के लिए बहुत मददगार है। यह ट्रस्ट 1975 से काम कर रहा है और ये 5000 पुस्तकों के साथ 140 से अधिक पत्रिकाएँ उपलब्ध कराता है। ऐसी एक संस्था ‘पुस्तक परब’ है। ये एक नए किस्म का प्रोजेक्ट है जो साहित्यिक पुस्तकों के साथ ही दूसरी किताबें निशुल्क उपलब्ध कराते हैं। इस लाइब्रेरी में आध्यात्मिक, आयुर्वेदिक उपचार, और कई अन्य विषयों से सम्बंधित पुस्तकें भी शामिल हैं।”

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘मन की बात’ कार्यक्रम में ऐसे ही एक व्यक्ति पोन मरियप्पन से भी बात की, जो अपने सैलून में ही पुस्तकालय चलाते हैं। पीएम मोदी ने सरदार पटेल को भी याद किया। उन्होंने कहा कि ‘मन की बात’ में देशवासियों की असाधारण उपलब्धियाँ, हमारे देश, हमारी संस्कृति के अलग-अलग आयामों पर, आप सबसे बात करने का अवसर मिला। पीएम मोदी ने कहा कि हमारा देश प्रतिभावान लोगों से भरा हुआ है। पीएम मोदी ने ‘मन की बात’ के जरिए न सिर्फ दशहरा बल्कि वाल्मीकि जयंती सहित कई अन्य आने वाले त्यौहारों की भी चर्चा की।

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