दुनियाभर में कोरोना के कहर ने सिर्फ लोगों की नहीं, बल्कि अलग-अलग देशों के स्टॉक मार्केट्स की भी जान निकाल कर रख दी है। कोरोना के कारण दुनियाभर के बाज़ार और फ़ैक्टरियां बंद होने के कारण स्टॉक मार्केट भी धड़ाम से गिरते जा रहे हैं। भारत में अभी स्टॉक मार्केट उस स्तर तक गिर चुका है, जो स्तर नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के वक्त था।
कोरोना के कहर से भारत के सबसे अमीर व्यक्ति मुकेश अंबानी भी अछूते नहीं रहे हैं। मुकेश अंबानी की कुल संपत्ति 4 लाख करोड़ रुपये है। कोरोनावायरस के कारण मुकेश अंबानी को कुल 90 करोड़ डॉलर यानी की 6,300 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। मुकेश अंबानी की तरह ही भारत के अन्य अरबपति जैसे विप्रो के CEO अज़ीम प्रेम जी को साढ़े तीन बिलियन अमेरिकी डॉलर, HCL के CEO शिव नादर को लगभग ढाई बिलियन अमेरिकी डॉलर का नुकसान हो चुका है। इसी प्रकार उदय कोटक को ढाई बिलियन और लक्ष्मी मित्तल को साढ़े चार बिलियन अमेरिकी डॉलर का नुकसान हो चुका है।
स्टॉक मार्केट्स अभी इस गति से नीचे गिर रहे हैं, कि एक्सपर्ट्स भी इस बात का अनुमान नहीं लगा पा रहे हैं कि आखिर बाज़ार किस स्तर पर जाकर रुकेगा। स्टॉक मार्केट के एक्सपर्ट मिलन वैष्णव के मुताबिक-
“जब आप इस तरह की वैश्विक महामारी से जूझ रहे हों, तो यह पता लगाना मुश्किल है कि आप कहां जाकर रुकेगा। अभी हमें लगभग 1500 पॉइंट्स की गिरावट के लिए और तैयार हो जाना चाहिए”।
स्पष्ट है कि अभी स्टॉक मार्केट और भी ज़्यादा गिर सकता है और ऐसी स्थिति में ये सभी अरबपति और भी ज़्यादा संपत्ति खो सकते हैं। दुनियाभर की सरकारें अभी लॉकडाउन और कर्फ़्यू का सहारा लेकर कोरोना के फैलाव को रोकने की कोशिश कर रही हैं, जिससे मंदी का और गहराने का खतरा बढ़ गया है। जितने भी समय तक देश और दुनिया पर कोरोना का खतरा बना रहता है, उतने दिन तक हमें स्टॉक मार्केट से किसी भी प्रकार के रिकवर होने की उम्मीद नहीं करनी चाहिए।