देश की सियासत में ऐसी दीवानगी देखी नहीं कभी….

-सोनिया मोदी जयललिता के बाद अब मंदिर में कीजिए अटल जी के दर्शन
-ग्वालियर में पहले ही उनका बन चुक ा है मंदिर रोज होती है पूजाआरती

योगेश श्रीवास्तव

लखनऊ। राजनीति में लोगों में दीवानगी कम नहीं है। इस विधा में स्थापित लोगों के समर्थकों द्वारा कई ऐसे उदाहरण पेश किए गए है जो कहीं और देखने सुनने को नहीं मिलते। इससे कोई दल अछूता नहीं है। एक ओर जहां फिल्मों अभिनेताओं और क्रिकेटरों के मंदिर बनवाकर अपनी आस्था उजागर की तो सियासत में स्थापित ऐसे दिग्गजों के मंदिर बनवाकर उनकी मूर्तियां स्थापित कर मंदिर बनवाने या फिर फोटों लगाकर पूजा आराधना करने वालों की कमी नहीं है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी,कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी,द्रुमूक की मुखिया रही जयललिता अब भाजपा के वरिष्ठï नेता पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेयी का भी मंदिर लखनऊ से सटे जिले हरदोई में बनने जा रहा है। बाजपेई के 95वीं जयंती पर मंदिर की आधारशिला रखी गयी है।

यह मंदिर अटल प्रेरणा ट्रस्ट बनायेगा। अटल मंदिर के ट्रस्टी संजीव द्विवेदी ने कहा कि अटल जी का मंदिर बनाने के लिए आधारशिला रखी गयी है। इसमें क्षेत्रीय विधायकों का सहयोग मिल रहा है। उन्होंने बताया कि मंंदिर की स्थापना की प्रेरणा और मार्गदर्शन नैमिषारण्य धाम के स्वामी विद्या चेतन प्राप्त हुआ है। हालांकि हरदोई से पहले मध्यप्रदेश के ग्वालियर जो बाजपेयी की कर्मभूमि रहा है वहां भी  अटलजी आज  भी भगवान के रुप में पूजे जाते है। बता दें कि मध्य प्रदेश के ग्वालियर में उनका मंदिर बना हुआ है। मंदिर में प्रतिदिन भजन-आरती के साथ पूजा-अर्चना की जाती है। मंदिर में पुजारी भी नियुक्त है।

उनकी मूर्ति की स्थापना से पहले तक इस मंदिर मे उनकी तस्वीर रखकर पूजा की जाती थी । ग्वालियर में सत्यनारायण की टेकरी पर 1995 में अटल बिहारी वाजपेयी के मंदिर का निर्माण भी कराया गया था। इसके पीछे मंशा यह थी कि आने वाली पीढ़ी को पता होना चाहिए कि अटल बिहारी वाजपेयी ग्वालियर में पढ़े-लिखे और पूरी दुनिया में नाम कमाया। ये देश में अटल जी का इकलौता मंदिर है। वैसे तो लोग रोज़ ही इस मंदिर में आते.जाते हैं। अटल जी की लाल पत्थर की प्रतिमा तैयार कराई गई थी। हालांकि यह कोई पहला मौका नहीं है जब राजनीति मेें स्थापित किसी बड़े नेता की मूर्ति स्थापित हो रही है। इससे पहले भी दक्षिण के कई राज्यों में और कांग्रेस की मौजूदा राष्टï्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी तक का एक मंदिर आन्ध्रप्रदेश में और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का एक मंदिर गुजरात के राजकोट में बना है।

लखनऊ में माया कांशी की मूर्ति

बात शुरू करते है देश के सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश से ही। यहां पर बसपा मुख्यालय से लेकर कई स्थानों पर मायावती के साथ मूर्तियां लगी है इन्हे मंदिर का नाम तो नहीं दिया गया है लेकिन कांशीराम की पुण्यतिथि और मायावती के जन्मदिन पर बड़ी संख्या में लोग यहां एकत्र होकर दर्शन करने आते है। बसपा की राष्टड्ढ्रीय अध्यक्ष मायावती ने मुख्यमंत्री बनने के बाद पार्टी मुख्यालय से लेकर शहर के पाँश एरिया गोमतीनगर में अपनी मूर्तियां लगवाई। अपनी मूर्ति के साथ उन्होंने बसपा के संस्थापक रहे कांशीराम की भी मूर्ति लगवाई। उन्होंने अपनी मूर्ति लगवाने का एलान लखनऊ में आयोजित पर्दाफ ाश रैली में किया था। साथ ही वर्ष 2005 में उन्होंने स्वयं को जीवित देवी बताते हुए अपने समर्थकों कार्यकर्ताओं से कहा था कि जिन देवीदेवताओं को कभी देखा नहीं उनपर भोग चढ़ाने से क्या फायदा। अपने मुख्यमंत्रित्व काल में उन्होंने पार्टी मुख्यालय से लेकर गोमतीनगर में जहां बाकी दलित महापुरूषों की मूर्तिया लगवाई वहीं साथ में अपनी मूर्ति भी लगवाई। कांशीराम और आंबेडकर की जयंती और पुण्यतिथि पर लोग उनकी मूर्ति के भी दर्शन करते है।

तामिलनाडु में जया और एमजीआर के मंदिर

दक्षिण में लंबे समय तक सत्ता में काबिज रही द्रुमुक के प्रमुख और मुख्यमंत्री रहे एमजी रामचन्द्रन और जयललिता के प्रति वहां लोगों की आस्था कम नहीं थी। जयललिता के निधन के बाद वहां कई लोगों ने आत्महत्या भी की थी। चैन्नई में दुरई गोडर नाम के एक कार्यकर्ता ने पहले अपने घर के अंदर जयललिता की दो फु ट की प्रतिमा स्थापित कर उनकी पूजा करता रहा फि र उसने एक चारफि ट की प्रतिमा स्थाापित कर उनका मंदिर बनवाया ताकि ज्यादा से ज्यादा लोग उनका दर्शन कर सके।

यह मंदिर उसने अपनी कमाई से ही बनवाया था। इसी तरह 2014 में तामिलनाडु के एक चित्रकार शीहान हुसैनी ने अपने खून से जया की 56 तस्वीरे बनाई थी। और उन्हे अपनी मां की तरह मानता था। जयललिता के राजनीति गुरू और वहंा के सीएम रहे एमजी रामचन्द्रन को लोग भगवान की तरह मानते थे। राजनीति के साथ फिल्मों में खासा दखल रखने वाले एमजीआर अपनी फि ल्मों में अधिकांशत आध्यात्मिक किरदार निभाते थे। उनके प्रशंसकों और समर्थकों ने नाथमेंदु गांव में उनका मंदिर बनवाया तो बड़ी संख्या में लोग उनकी पूजा करने लगे।

राजकोट में बना है मोदी का मंदिर

भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के रोजकोट कोठरिया मेन रोड पर स्थित इस मंदिर का निर्माण शहर के ओम युवा ग्रुप की ओर किया गया है। इस मंदिर का उद्घाटन केन्द्रीय कृषि मंत्री रहे मोंहन कुडािरया ने किया था। मोदी के मंदिर के निर्माण में दो वर्ष का समय लगा। मंदिर निर्माण से पहले यह मंदिर की तस्वीर लगी थी। मंदिर निर्माण के लिए दान देने वाले बिल्डर रमेश उंघाड़ के अनुसार इस मंदिर के निर्माण में चार वर्ष का समय लगा। मंदिर में मोदी की अद्र्व कद की तीनफु ट की प्रतिमा है। इस मंदिर में आस.पास के लोग अधिकांशत: दर्शन करने आते है।मोदी में विधिवत सुबह.शाम आरती होती है।  इसी तरह समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता और मुलायम और अखिलेश सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे मो.आजम खां ने मुलायम सिंह यादव से उनका मंदिर बनवाएं जाने की सहमति ले ली थी लेकिन अंतत: वह मंदिर बन नहीं पाया था।

करीमनगर में बना है सोनिया का मंदिर

यूपीए की चेयरपर्सन और कांग्रेस की पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी  के नाम से आन्ध्रप्रदेश के करीमनगर शहर में एक मंदिर बना है। तेलांगना के लोग उन्हे देवी की तरह मानते है। लोगों का मानना है कि प्रत्येक कार्यकर्ता चुनाव और अन्यअवसरों पर उनकी मूर्ति के दर्शन के बाद ही आगे कोई काम शुरू करता है।

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