बाहुबली विधायक मुख्तार अंसारी गिरोह के आर्थिक साम्राज्य पर पुलिस ने कसा शिकंजा

-वाराणसी में विधायक से जुड़े बड़े मछली कारोबारी को पुलिस ने हिरासत में लिया
-गिरोह से जुड़े व्यापारी और समर्थक हुए तटस्थ

वाराणसी,। पूर्वांचल के बाहुबली नेता और मऊ जिले के सदर विधायक मुख्तार अंसारी के आर्थिक साम्राज्य को तोड़ने के लिए वाराणसी पुलिस ने भी शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। वाराणसी में गिरोह से जुड़े सदस्यों और व्यापारियों की निगरानी के साथ पुलिस ने उनकी गिरफ्तारी भी शुरू कर दिया है। सोमवार को कैंट पुलिस ने बाहुबली विधायक के करीबी बताये जा रहे नदेसर क्षेत्र के बड़े मछली व्यापारी मोहम्मद सलीम सहित तीन लोगों को हिरासत में ले लिया। सूचना पर एसएसपी प्रभाकर चौधरी भी थाने पहुंचे और व्यापारी से पूछताछ किया।

व्यापारी से पूछताछ के बाद एसएसपी ने पत्रकारों को बताया कि व्यापारी सलीम पिछले 20 सालों से वाराणसी में रह प्रतिबंधित मछलियों का व्यापार करने के साथ मछली मंडी से वसूली भी करता है। इसने कैंट क्षेत्र में एक मकान ले रखा था। जहां छोटा तालाब बनाकर प्रतिबंधित मछलियों का पालन कर रहा था। इन मछलियों को बिचौलियों के माध्यम से ऊँचे दामों में अवैध तरीके से बेचा जा रहा था।


इसके पास से एक अंडे का स्टोर भी मिला। जहां बिना लाइसेंस के कारोबार किया जा रहा था। पूरा कार्य संगठित रूप से हो रहा था। उन्होंने बताया कि बरामद मछलियों और अंडों को सीज किया गया है। पूरी जांच के बाद कार्रवाई की जाएगी। इससे जुड़े अन्य लोगों की भी जल्द गिरफ़्तारी की जाएगी। 


सूत्रों ने बताया कि पूछताछ में सीओ कैंट मोहमद मुश्ताक और मत्स्य विभाग के अफसर भी शामिल है। पुलिस की इस कार्यवाही से गिरोह के लिए आर्थिक साम्राज्य जुटाने वाले व्यापारियों और सदस्यों में खलबली मची हुई है। प्रदेश में बदले समीकरण और विपक्षी गिरोह के सत्ता पक्ष के करीबी होने पर इस गैंग के सदस्य फिलहाल तटस्थ वेट एंड वाच की मुद्रा में है। 


जानकार बताते है कि बाहुबली विधायक पंजाब के रोपण जेल में बंद हैं। विधायक के क्षेत्र में मउ पुलिस अधीक्षक अनुराग आर्या भी लगातार गिरोह के सदस्यों पर शिकंजा कस रहे है। जानकार बताते है कि मुख्तार गिरोह रेलवे, सड़क, कोयला में सीधे दखल देने के साथ मछली मांस अंडा कारोबार से भी जुड़ा है। गिरोह मोबाइल टावरों में तेल डालने,बस संचालन के अलावा दर्जनों नम्बर एक व्यवसास से भी जुड़ा हुआ है। रेलवे और सड़क के ठेके के अलावा गिरोह भाड़े पर हत्या करवाने, अपहरण, वसूली,विवादित जमीन पर कब्जा दिलाने, जमीन और बहुमंजिली इमारतों, स्कूल कालेज के कारोबार से भी सीधे जुड़ा हुआ है। जहां व्यवसाय में रूकावट होती है। गिरोह के नये शूटर रूकावट पैदा करने वालों को धमकाने के साथ मौत की नींद भी सुला देते है। 

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