राजनीति : ये है वो मुख्यमंत्री जिन्होंने लंबे समय तक जनता के दिलों पर किया राज़

-हैट्रिक बनाने वाले नरेन्द्र मोदी थे बीजेपी के पहले सीएम
-लंबे समय तक सीएम रहने का रिकार्ड चामलिंग के नाम
-छह बार जयललिता और चार बार सीएम बनी मायावती
-दो राज्यों के सीएम रहे नारायण दत्त तिवारी

योगेश श्रीवास्तव

लखनऊ। हाल ही में आप के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने तीसरी बार दिल्ली के मुख्यमंत्री पद की शपथ लेकर देश के अन्य राज्यों में हैट्रिक बनाने वाले मुख्यमंत्रियों की फेहरिस्त में अपना शुमार कर लिया है। इससे पहले दिल्ली में ही कांग्रेस की शीला दीक्षित ने मुख्यमंत्री बनने की हैट्रिक बनाई थी। शीला दीक्षित दिसंबर -1198 से दिसंबर 2013 तक दिल्ली की मुख्यमंत्री रही। तीनों बार में उनका कार्यकाल पन्द्रह साल 25दिन रहा।

इससे पूर्व भारत के विभिन्न राज्यों में कई ऐसे मुख्यमंत्री हुए जिन्हे बार-बार जनता ने अपना समर्थन दिया। पश्चिम बंगाल,उड़ीसा सहित कई ऐसे राज्य ऐसे हुए जहां राजनेताओं ने कई-कई बार अपने राज्यों का नेतृत्व किया। छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह से पहले मौजूदा प्रधानमंत्री नरेन्द्रमोदी हैट्रिक बनाने वाले पहले मुख्यमंत्री थे। मोदी ने मुख्यमंत्री के रूप में गुजरात की जनता की साढ़े बारह साल सेवा की।

देश में कई ऐसे सीएम हैं जिन्होंने अपने अच्छे कामों के लिए राज्यों में पर लंबे समय तक राज किया। ये वो सीएम हैं जिन्हें जनता ने बार-बार राज करने का मौका दिया। बात उन मुख्यमंत्रियों की जिन्होंने बतौर सीएम के पद पर निरंतर15 साल और इससे भी अधिक समय कर एक राज किया। हालांकि पन्द्रह साल से अधिक सबसे ज्यादा लंबे समय तक मुख्यमंत्री के रूप में सिक्किम के मौजूदा मुख्यमंत्री पवन कुमार चामलिंग का नाम दर्ज है। २३ साल चार महीने से ज्यादा समय तक सीएम रहने वाले चामलिंग इस समय पांचवी बार वहां के मुख्यमंत्री है।  चामलिंग ने पहली बार 12 दिसंबर, 1994 को मुख्यमंत्री सिक्कि म की कमान संभाली थी। चामलिंग के अलावा अभी तक तेरह ऐसे राजनेता हुए जिन्हें लगातार तीन बार या उससे अधिक बार किसी राज्य का मुख्यमंत्री बनने का अवसर मिला।

पश्चिम बंगाल की पूर्व सीएम ज्योति बसु 21 जून, 1977 से 6 नवंबर, 2000 तक पश्चिम बंगाल के मुख्यमंत्री थे। लंबे कार्यकाल तक रहने वाले ज्योति बसु दूसरे नंबर पर है उनसे पहले यह रिकार्ड चामलिंग के नाम दर्ज है। लंबे समय तक सत्ता पर राज करने में चामलिंग के बाद ज्योति बसु का नाम आता है। ज्योति बसु भी पश्चिम बंगाल में लगातार पांच बार सीएम रहे। उन्होंने 1977 से 2000 तक पश्चिम बंगाल के मुख्यमंत्री बनकर राज किया। उनका कुल कार्यकाल 23 साल 4 महीने सात दिन था। जबकि चामलिंग का कार्यकाल 23 साल 4 महीने 18 दिन का रहा। अरुणाचल प्रदेश के सीएम रहे गेगांग अपांग ने भी मुख्यमंत्री के रूप में लंबी पारी खेली है। उन्होंने करीब 22 साल सात माह तक अरुणाचल प्रदेश तक का नेतृत्व किया। गेगांग अपांग कांग्रेस के ऐसे दूसरे मुख्यमंत्री है जिन्हे जनता ने बार-बार अपना रहनुमा चुना । गेगांग अपांग ने फरवरी 2014 में पार्टी से इस्तीफा दे दिया था और भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो गए। उनका कार्यकाल 22 महीने सात माह का रहा। बीजू जनता दल (बीजेडी) के अध्यक्ष और उड़ीसा के पूर्वमुख्यमंत्री बीजू पटनायक के पुत्र नवीन पटनायक ने लगातार चौथी बार ओडिशा का मुख्यमंत्री बनकर इतिहास में अपना नाम जोड़ दिया है।

ओडिशा के 14 वें सीएम हैं। बता दें कि नवीन पटनायक राज्य में सबसे अधिक समय तक सेवा देने वाले पहले मुख्यमंत्री हैं। नवीन पटनायक चौथी बार उड़ीसा के मुख्यमंत्री बने है। इसी तरह त्रिपुरा के मुख्यमंत्री मणिक सरकार ऐसे दूसरे है जो लंबे समय तक वहां के सीएम रहे। उन्होंने बीस वर्षो तक त्रिपुरा की कमान संभाले रखी। महिला मुख्यमंत्रियों में तामिलनाडु की मुख्यमंत्री जयललिता को छह बार,यूपी में मायावती को चार बार नेतृत्व करने का मौका मिला था। इसके अलावा राजस्थान में मोहनलाल सुखाडिय़ा को चार बार,असम में तरूण गागोई,तामिलनाडु में के.कामराज,एमजी रामचंद्रन,मणिपुर में इबोबी सिंह,महाराष्टï्र में बसंतराव नाइक तीन बार,यूपी में नारायण दत्त तिवारी को चार बार नेतृत्व करने का मौका मिला जबकि बिहार में लाल राबड़ी दम्पत्ति को 1990से 2003 तक वहां की जनता ने सेवा का मौका दिया। यूपी में चार बार मुख्यमंत्री बनने वाले नारायण दत्त तिवारी संभवत: देश के ऐसे पहले राजनेता थे जिन्हे दो राज्यों को मुख्यमंत्री बनने का मौका मिला। यूपी के अलावा वे उत्तराखंड के भी मुख्यमंत्री रहे। तिवारी के अलावा में यूपी में ही सीबी गुप्त को चार बार,कल्याण सिंह को दो बार,मुलायम सिंह यादव तीन बार मुख्यमंत्री बनने का अवसर मिला था। 

 

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