अगर रोज रात को पत्नी के साथ नहीं कर रहे ये काम तो बर्बाद होने के लिए हो जाओ तैयार

अगर आप अपनी पत्नी के साथ रोज देर रात को ये एक काम नहीं करते तो बता दें कि आपका जीवन एक पल में नरक में बदल जाएगा… आपकी पत्नी किसी भी पल आपको छोड़ कर किसी और के साथ भाग भी सकती है… लेकिन सोचने वाली बात है कि वो कौन सा काम है….

असल में ऐसा कहा जाता है कि पति और पत्नी एक दूसरे के पूरक होते हैं। अगर उनमें से किसी एक का भी कदम डगमगाता है तो परिवार बिखरने लगता है और घर में कलेश शुरू हो जाता है। आचार्य चाणक्य के अनुसार परिवार की सुख-शांति पति-पत्नी के मधुर रिश्तों पर टिकी होती है।

वहीं आचार्य जी कहते हैं कि एक पति पत्नी के बीच रोज प्रेम बनाना संभव नहीं होता , लेकिन इसका मतलब ये नहीं है कि आप अपनी पत्नी के बगल में पूरी तरह से अंजान बनकर सोते रहें और आपका जब मन हो या जब जरूरत महसूस हो तभी प्रेम करें….

एक पति को रोज रात सोने से पहले अपनी पत्नी को कम से कम गले लगा लेना चाहिए तब आपको उसके प्यार का एहसास होगा…. पत्नी भी बिना कुछ कहे आपकी भावनाओं को समझ जाएगी और दूसरे पुरुषों के बारे में भी कभी नहीं सोचेगी।

खुश रहना किसको पसंद नहीं होता है…लेकिन अगर पति अपनी पत्नी की प्रशंसा करता है, तो यह खुशी जादू की तरह काम करता है। दिन भर के काम के बाद अगर पति रात को सोने से पहले एक बार अपनी पत्नी की तारीफ करता है तो पत्नी को एहसास होता है कि उसे भी उसका पति प्यार करता है।

पत्नी सोचती है कि पति की नजर उसके काम पर है और उसे यह सुनना अच्छा लगता है।

चाणक्य कहते हैं कि अपनी पत्नी के रूप की सराहना भी करनी चाहिए… इसके साथ ही उसे समझाना भी चाहिए कि वो आपकी नजर में सबसे सुंदर है। उसकी आंखों या उसके शरीर के कुछ हिस्सों की तारीफ करनी चाहिए।
अगर आप यह सब नहीं करते तो आपकी पत्नी का प्रेम आपके लिए कम होने की सम्भावना बढ़ जाएगी।

हमारे बड़े बुजुर्ग कहते हैं कि पति-पत्नी का रिश्ता बहुत नाजुक होता है। इस रिश्ते की डोर को बहुत संभल कर रखना पड़ता है। लेकिन आजकल के रिश्तों को देखे तो छोटी सी बात कई बार बहुत बड़ी बन जाती है।

चाणक्य ने अपने नीतियों में उन चीजों का भी जिक्र किया है जो पति पत्नी के रिश्तों में भी खटास ला देती हैं।

वो कहते हैं कि पति पत्नी का रिश्ता बहुत नाजुक होता है। अगर दोनों के बीच किसी तरह की गलतफहमी आ जाए तो ये कच्ची डोर टूट जाती है। ऐसे में आपस में बैठकर बात करनी चाहिए। क्योंकि गलतफहमी का कोई इलाज़ नहीं है और इसकी वजह से बना बनाया रिश्ता खराब हो जाता है।

वहीं आचार्य चाणक्य के अनुसार एक रिश्ते में सिर्फ अपनी ही बात को सही मानने की वजह से रिश्ते खराब हो जाते हैं। सिर्फ आप ही सही हैं ये सोच इंसान को कहीं का नहीं छोड़ती। जिद से रिश्ते हमेशा खराब होते हैं। जिद रिश्तों पर नकारात्मक असर डालती है। गलत चीजों की जिद से पति पत्नी के बीच कड़वाहट पैदा होने लगती है। और इन्हीं वजह से कई बार लोगों का रिश्ता टूट जाता है।

और तो और जब रिश्तों में बातों में मुकाबला या नीचा दिखने की होड़ लग जाए तो दोनों जीत जाते है और रिश्ता हार जाता है। एक दूसरे को चोट पहुंचाने के चक्कर में कई बार पति पत्नी ज़ुबानी जंग का इस्तेमाल करते हैं। लेकिन जब मामला सुलझ जाता है तब उन्हें बाद में बहुत पछतावा होता है। इसलिए गुस्से में कुछ भी बोलने से पहले हमेशा इस बात का ख्याल रखें कि आपने पति या पत्नी को आपकी कोई बात बुरी न लगे।

चाणक्य कहते हैं कि ऐसे रिश्ते जो तनाव, दुख और मुश्किलों से भरे होते हैं, वो व्यक्ति की सफलता के रास्ते में रोड़ा बनते हैं। जब तक ये चीजें उसकी जिंदगी में मौजूद रहती हैं, तब तक वह चाहे कितनी ही मेहनत कर ले लेकिन उसे सफलता नहीं मिलेगी।

वहीं इसके विपरीत अगर उसका शादीशुदा जीवन खुशियों से भरा है, तो उसे सफल होने में मदद मिलती है। नीति के मुताबिक, व्यक्ति के विकास की संभावना का खुशहाल वैवाहिक जीवन से गहरा नाता है।

सिर्फ यही नहीं पति और पत्नी के बीच में सम्मान और विश्वास होना जरूरी है। जोड़े के बीच का रिश्ता आपसी विश्वास के आधार पर ही मजबूत बनता है, जिसकी नींव एक मर्यादा रखती है। ये दोनों गुण पति-पत्नी में हों, तो हर दिन उनका रिश्ता और ज्यादा मजबूत होता जाता है। वो एक-दूसरे के विचारों का सम्मान करते हैं और भावनाओं का ख्याल रखते हैं। जब भी रिश्ते की गरिमा को ठेस पहुंचती है, तब शादीशुदा जीवन में कड़वाहट और तनाव आना शुरू हो जाता है।

चाणक्य के मुताबिक, किसी भी रिश्ते को खड़ा करने में प्यार सबसे अहम होता है। इसके साथ ही समर्पण का भाव भी बहुत जरूरी होता है। ये दोनों ही गुण पति-पत्नी के रिश्ते के लिए बहुत खास होते हैं। प्यार का कभी दिखावा नहीं करना चाहिए और ना ही कभी इसे धोखा देना चाहिए।

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