मुंबई। फिल्म अभिनेत्री लैला खान और उनके परिवार के पांच अन्य लोगों की हत्या मामले में शुक्रवार को मुंबई की सत्र अदालत ने दोषी परवेज टाक को फांसी की सजा सुनाई है। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश सचिन पवार ने नौ मई को परवेज टाक को हत्या और सबूतों को नष्ट करने का दोषी करार किया था।
अभिनेत्री लैला, उनकी मां और उनके चार भाई-बहनों की फरवरी, 2011 में नासिक जिले के इगतपुरी स्थित उनके बंगले में हत्या कर दी गई थी। परवेज टाक लैला की मां सेलिना का तीसरा पति था। लैला और उसके परिवार की गुमशुदगी की शिकायत मुंबई के ओशिवरा पुलिस स्टेशन में लैला के पिता नादिर पटेल ने दर्ज करवाई थी। पुलिस ने जब जांच शुरू की तो मिले सूबतों के आधार पर परवेज टाक पर शक गया। इस मामले को बाद में मुंबई क्राइम ब्रांच को ट्रांसफर कर दिया गया था।
मामले की छानबीन क्राइम ब्रांच की यूनिट 8 के वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक दीपक फटांगरे के नेतृत्व में की गई। इस मामले में पुलिस ने 8 जुलाई, 2012 को परवेज टाक को जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ से गिरफ्तार किया गया था। उसकी निशानदेही पर इगतपुरी के बंगले के पास से लैला खान, उसकी मां सेलिना, जुड़वां भाई-बहन जारा और इमरान, बड़ी बहन आफरीन पटेल और भतीजी रेशमा खान के क्षत विक्षत अवस्था में शव बरामद किये गए। परवेज ने सभी छह शवों को फार्महाउस के स्विमिंग पूल के गड्ढे में मिट्टी डालकर और गद्दों के नीचे दबा दिया था।
पुलिस ने इस मामले में 40 गवाहों से पूछताछ के बाद 17 हजार 40 पन्नों की चार्जशीट दाखिल की थी। परवेज टाक ने लैला और उसके परिवार की हत्या संपत्ति के लालच में की थी, यह जांच में सामने आया है। सौतेले पिता परवेज टाक ने लैला खान, उसकी मां सेलिना एवं परिवार के चार अन्य सदस्यों की इसलिए हत्या की थी, क्योंकि वह लैला की मां के पहले पति शेख को नापसंद करता था।