आठ दिन में चार्जशीट, 3 माह में फांसी की सजा : एक साल के भीतर दुष्कर्म के 2 दोषियों को मृत्युदंड

, 15 आरोपियों को आजीवन कारावास, 20 आरोपियों को दस वर्ष की सजा


औरैया संवाददाता। बुधवार को नाबालिग से दुष्कर्म और निर्मम हत्या के मामले में बुधवार को आरोपी को फांसी की सजा सुनाई गई है। विशेष न्यायाधीश पाक्सो मनराज सिंह ने तीन माह के अंदर सुनवाई पूरी करते हुए निर्णय दिया है। सजा का एलान होते ही पीडि़त परिवार की आंखे छलक आईं। इस मामले में आठ दिन के अंदर पुलिस ने चार्जशीट दाखिल करते हुए फांसी की सजा को लेकर पुख्ता पैरवी की थी।


जिला शासकीय अधिवक्ता अभिषेक मिश्रा ने बताया कि अयाना थाना क्षेत्र के एक गांव में 25 मार्च को मवेशी चरा रही आठ वर्षीय बालिका को टॉफी का लालच देकर आरोपी खेत में ले गया।

शराब के नशे में बालिका का दुष्कर्म किया।किसी को घटना की भनक न लगे इस मंशा से बालिका का गला दबाकर हत्या कर दी। लापता बेटी की तलाश में जुटे परिजन और पुलिस को दूसरे दिन में शव मिला। पुलिस ने संदिग्धों से पूछताछ की, तो आरोपी गौतम दोहरे की नाम सामने आया। आरोपी ने अपना जुर्म कबूल किया। इस मामले में आठ दिन के अंदर पुलिस ने चार्जशीट दाखिल करते हुए फांसी की सजा को लेकर पुख्ता पैरवी की। यह मामला विशेष न्यायधीश पास्को मनराज सिंह की कोर्ट में चला। तीन माह के बाद बुधवार को विशेष न्यायाधीश पाक्सो मनराज सिंह ने आरोपी को फांसी की सजा सुनाई और 5 लाख रुपये का अर्थदण्ड भी लगाया।

एसपी चारू निगम ने बताया कि 3 माह के अंदर मासूम को न्याय दिलाने के लिए की गई गहन पैरवी करने वाले पुलिसकर्मियों को एडीजी जोन कानपुर ने 25 हजार रुपए के इनाम से पुरस्कृत किया है। उन्होंने बताया कि एक साल के भीतर दुष्कर्म के दो दोषियों को मृत्युदंड, 15 आरोपियों को आजीवन कारावास, 20 आरोपियों को दस वर्ष की सजा और आठ आरोपियों को सात वर्ष की सजा कोर्ट ने सुनाई है।

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