भोपाल (हि.स.)। हम पहली बार जब 2014 में मध्यप्रदेश आए थे, तब यहां की जनता ने भाजपा को 29 में से 27 सीटें दीं। दूसरी बार 29 में से 28 सीटें दीं। मैं आज आपको रिक्वेस्ट करने आया हूं, इस बार एक सीट की कमी मत रखिए, 29 की 29 सीटें मोदी की झोली में डाल दीजिए। आप प्रबुद्धजन सिर्फ मत नहीं देते, जनमत का निर्माण करते हैं। इसलिए आप सभी लोग मोदी के नेतृत्व में भाजपा का समर्थन कीजिए और 400 पार का जो नारा मोदी ने दिया है, उसे सार्थक कर दीजिए। हम वादा करते हैं कि हम भारतमाता को विश्वगुरु के आसन पर प्रतिष्ठित करेंगे, भारत को दुनिया का नं. एक देश बनाएंगे। भाजपा इसी के लिए बनी है और हमारा जीवन इसी लक्ष्य को समर्पित है। हमारे करोड़ों कार्यकर्ता इसी राह पर चलेंगे और देश को महान बनाएंगे, बस आपके आशीर्वाद की अपेक्षा है।
यह बात केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने रविवार शाम को भोपाल के कुशाभाऊ ठाकरे सभागार में अमृतकाल में राष्ट्रोदय विषय पर वृहद् प्रबुद्धजन सम्मेलन को संबोधित करते हुए कही। सम्मेलन को मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव एवं प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदत्त शर्मा ने भी संबोधित किया।
सरकार के कामों का हिसाब-किताब देने आया हूं
शाह ने कहा कि वर्ष 2024 सारी दुनिया में लोकतंत्र के पर्व का वर्ष है। दुनिया की 40 प्रतिशत आबादी चुनाव करने जा रही है। भारत भी चुनाव की प्रक्रिया से गुजरने वाला है और देश के 100 करोड़ मतदाता यह तय करेंगे कि देश के शासन की धुरी किस व्यक्ति के हाथ में रहेगी, किस पार्टी और विचारधारा के हाथ में रहेगी। जब जनसंघ के रूप में भारतीय जनता पार्टी की स्थापना हुई, तब से लेकर अब तक हमने कभी चुनाव को सत्ता प्राप्ति का माध्यम नहीं माना। हमने इसे लोकतंत्र के उत्सव के रूप में स्वीकार किया है, माना है और मनाया है। हमने चुनाव को जनसंपर्क का जरिया माना है। अपने सिद्धांतों और विचारधारा को जनता के पास ले जाने का जरिया माना है। हमने चुनाव को जनता को अपनी उपलब्धियों और काम का हिसाब-किताब देने का जरिया माना है और इसीलिए देश के हर लोकसभा क्षेत्र में पार्टी का कोई न कोई नेता जाकर संपर्क कर रहा है। इसी कड़ी में आप प्रबुद्धजनों के साथ संवाद हो रहा है।
मोदी ने की ’पॉलिटिक्स ऑफ परफारमेंस’ की स्थापना
उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में अगर मत निर्माण की प्रक्रिया न हो तो लोकतंत्र में आत्मा ही नहीं रहती। दुर्भाग्य से हमारे देश में आजादी के बाद जितने भी चुनाव हुए, वे सारे चुनाव जातिवाद, परिवारवाद, तुष्टिकरण और भ्रष्टाचार से प्रेरित रहे। कहीं जातिवाद से जनमत को प्रभावित किया गया, कभी परिवारवाद तो कहीं तुष्टिकरण और भ्रष्टाचार के पैसों से जनमत को कलर्ड करने का प्रयास किया गया। हमारे देश का लोकतंत्र इन चार नासूरों के बीच में पलता रहा। लेकिन नरेन्द्र मोदी ने 10 ही साल में चारों नासूरों को समाप्त कर इनकी जगह ’पॉलिटिक्स ऑफ परफारमेंस’ की स्थापना की। आज देश सच्चे लोकतंत्र की दिशा में जा रहा है।
भारत को सम्मान नहीं दिला सकते, परिवार के सम्मान की सोचने वाले
शाह ने कहा कि महाभारत युद्ध की तरह इस चुनाव में भी दो धड़े आमने-सामने हैं। एक तरफ देशभक्तों की टोली जैसी भाजपा है, दूसरी तरफ सात परिवारवादी पार्टियों का गठबंधन है। कौन है ये इंडिया गठबंधन? घमंडिया गठबंधन में वही लोग शामिल हैं, जिनको अपने परिवार पर घमंड है। जो यह नहीं मानते कि देश में एक गरीब, चाय बेचने वाले का बेटा प्रधानमंत्री, प्रधानसेवक बन सकता है। वो यह मानते हैं कि प्रधानमंत्री पद उन लोगों की थाती है, जो एक बड़े परिवार में जन्म लेते हैं। अगर इन सातों पार्टियों का एनालिसिस करें, तो ये सभी परिवारवादी हैं। सोनिया गांधी अपने बेटे को प्रधानमंत्री बनाना चाहती हैं। शरद पवार अपनी बेटी, ममता बनर्जी अपने भतीजे, लालू और स्टालिन अपने बेटे को मुख्यमंत्री बनाना चाहते हैं। शाह ने कहा कि मैं भोपाल के प्रबुद्धजनों को यह बताना चाहता हूं कि जो अपने बेटे-बेटियों, भतीजे-भतीजियों को मुख्यमंत्री-प्रधानमंत्री बनाना चाहते हैं, वह भारत के गरीबों की चिंता नहीं कर सकते, भारत को दुनिया में सम्मान नहीं दिला सकते। भारत को विश्व में सम्मान वही व्यक्ति दिला सकता है, जिसके जीवन का क्षण-क्षण और शरीर का कण-कण मां भारती को समर्पित हो।
आप तीसरा जनादेश दीजिए, भारत दुनिया की तीसरी अर्थव्यवस्था बन जाएगा
केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि आपको जिन लोगों के बीच चुनाव करना है, उसमें एक वो लोग हैं, जो परिवार के लिए जीते हैं और दूसरे देश के लिए जीते हैं। ये पारदर्शिता का जमाना है और आप स्वयं यूपीए सरकार के 10 साल और एनडीए सरकार के 10 सालों की तुलना कर सकते हैं। कांग्रेस ने 10 साल में 12 लाख करोड़ के घपले-घोटाले किए। नरेंद्र मोदी पर 10 साल में चार आने के भ्रष्टाचार का भी कोई आरोप नहीं लगा सकता। कांग्रेस के दस सालों में माता-बहनों का सम्मान असुरक्षित था, देश की सीमाएं असुरक्षित थीं। हजारों करोड़ के घोटालों से देश का अर्थतंत्र रसातल में चला गया था। देश का सम्मान पाताल तक पहुंच गया था। मोदी सरकार के 10 सालों के बाद आज किसी की हिम्मत नहीं कि देश की सीमाओं की तरफ देख सके। देश का अर्थतंत्र आजादी के बाद सबसे ज्यादा ऊंचाई पर है। अटल जी की सरकार अर्थव्यवस्था को 11वें नंबर पर छोड़कर गई थी। कांग्रेस के 10 सालों में यह 11वें नंबर पर ही रही। मोदी की सरकार ने 10 साल के अंदर अर्थतंत्र को 11नंबर से पांचवें नंबर पर लाने का काम किया। यह मोदी की गारंटी है कि आप तीसरा जनादेश दीजिए और देश दुनिया में तीसरे नंबर की अर्थव्यवस्था बन जाएगा।
शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने भ्रष्टाचार और आतंकवाद का सफाया कर देश को तेज गति से विकास के रास्ते पर ले जाने का काम किया है। डॉ. मनमोहन सिंह की सरकार के बारे में कहा जाता था कि देश को पॉलिसी पैरालिसिस हो गया है, लेकिन प्रधानमंत्री मोदी ने 40 प्रकार की नीतियां बनाई। 30 साल के बाद इस देश को नई शिक्षा नीति दी। हर नीति को उठाकर देखिए, उसमें देश की मिट्टी, देश का ढंग, देश की हवा और देश का रंग, ये चारों मिलेंगे। मोदी ने इस देश को गुलामी की निशानियों से मुक्त करने का काम किया है।
हर बात का विरोध करना कांग्रेस की आदत
शाह ने कहा कि हम नई पार्लियामेंट बनाते हैं तो कांग्रेस कहती है क्या जरूरत है। किंग पंचम जॉर्ज का बनाया हुआ राजमार्ग जो अंग्रेजों की गुलामी का प्रतीक था, जब उसे कर्तव्य पथ बनाया जाता है और किंग जॉर्ज पंचम की जगह पर नेताजी सुभाषचंद्र बोस की प्रतिमा लगाई जाती है, तो उसका भी विरोध करते हैं। हमने संकल्प ले रखा था कि हम अनुच्छेद 370 को हटाकर समाप्त कर देंगे। कांग्रेस ने इसे तुष्टिकरण के चलते दशकों तक बनाए रखा, मोदी ने एक झटके में हटा दिया। आज हमारा कश्मीर भारत माता का मुकुटमणि बनकर समग्र विश्व के सामने तिरंगे के साथ खड़ा है। 30 साल के बाद वहां थिएटर चालू हुए, 30 साल बाद लाल चौक पर जन्माष्टमी मनाई जाती है, 30 साल के बाद वहां मोहर्रम का जुलूस निकालता है और 30 साल बाद देश-विदेश के दो करोड़ पर्यटक वहां पहुंचते हैं। पड़ोसी देशों से आए हुए नागरिक जो अपनी बहन-बेटियों का सम्मान और धर्म बचाने के लिए भारत आए हैं, उनसे आजादी के बाद ही नागरिकता देने का वादा किया गया था। लेकिन उसे 70 सालों में पूरा नहीं किया गया।
शाह ने कहा कि देश में आतंकवाद के तीन हॉटस्पॉट थे, जम्मू-कश्मीर, पूर्वोत्तर और वामपंथी उग्रवाद। अपना मध्यप्रदेश भी वामपंथी उग्रवाद से पीड़ित था। आज मैं बड़े आनंद के साथ कह सकता हूं कि तीनों हॉटस्पॉट में हिंसक घटनाओं में 70 प्रतिशत की कमी और मृत्यु में 72 प्रतिशत की कमी आई है। नक्सलवाद, आतंकवाद और उग्रवाद इस देश में अंतिम सांसें ले रहे हैं। एक बार जनादेश दे दीजिए, ये समाप्त हो जाएंगे।