उज्जैनः नागदा के हनुमान मंदिर में जींस, स्कर्ट, हाफ पैंट पहनकर आने वालों को मंदिर में नहीं मिलेगा प्रवेश

भोपाल, 26 जून (हि.स.)। मंदिरों में ड्रेस कोड लागू करने की मुहिम मध्य प्रदेश में भी प्रारंभ हो गई है। अशोकनगर, भोपाल के बाद अब उज्जैन जिले के नागदा में भी हनुमान मंदिर में ड्रेस कोड लागू कर दिया है। यहां खड़े हनुमान मंदिर में एक पोस्टर लगाया गया है, जिसमें लिखा है कि छोटे वस्त्र, हाफ पैंट, बरमूडा, मिनी स्कर्ट, नाइट सूट, कटी-फटी जीन्स आदि जैसे कपड़े पहनकर आने वालों को मंदिर में प्रवेश नहीं दिया जाएगा। ऐसे लोग मंदिर के बाहर से ही दर्शन कर सकेंगे।

नागदा के खड़े हनुमान मंदिर में प्रतिदिन सैकड़ों श्रद्धालु दर्शन के लिए पहुंचते हैं। सोमवार सुबह जब श्रद्धालु दर्शन करने के लिए पहुंचे तो मंदिर के गेट के पास उक्त पोस्टर को देखा। जिसमें लिखा है कि ‘सभी महिलाओं एवं पुरुषों से निवेदन है कि मर्यादित वस्त्र पहनकर ही मंदिर में प्रवेश करें। छोटे वस्त्र, हाफ पैंट, बरमूडा, मिनी स्कर्ट, नाइट सूट, कटी-फटी जीन्स आदि जैसे कपड़े पहनकर आने पर बाहर से ही दर्शन कर सहयोग करें। भारतीय संस्कृति का पालन करते हुए सात्विक वस्त्र में ही प्रवेश करें।

हालांकि, पोस्टर में मंदिर में प्रवेश पर प्रतिबंध की बात नहीं कही गई है। मंदिर के पुजारी पवन ने बताया कि खड़े हनुमान का प्राचीन मंदिर है। पोस्टर लगाने के पीछे का उद्देश्य यही है कि जो नए भक्त आते हैं, वे मर्यादा का ख्याल रखें। मंदिर में आने वाली युवा पीढ़ी को मोटिवेशन मिले।

गौरतलब है कि इससे पहले महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के कई मंदिरों में ड्रेस कोड लागू किया जा चुका है, जहां छोटे कपड़े पहनने वालों के प्रवेश पर प्रतिबंधित है। इसके बाद अशोकनगर स्थित बालाजी मंदिर में कुछ दिन पहले ड्रेस कोड लागू किया गया। भोपाल में भी मां वैष्णो धाम आदर्श नव दुर्गा मंदिर और मंगलवार स्थित जैन मंदिर में ड्रेस कोड लागू कर दिया गया था।

इधर, संस्कृति बचाओ मंच ने भोपाल के अन्य मंदिरों में भी बोर्ड लगाए हैं। जिसमें शालीन और मर्यादित कपड़े पहनकर ही मंदिरों में प्रवेश किए जाने की बात लिखी गई है। न्यू मार्केट स्थित खेड़ापति हनुमान मंदिर और अवंतिबाई चौराहा स्थित प्राचीन माता मंदिर में बोर्ड लगाकर श्रद्धालुओं से अपील की गई है।

मंच के अध्यक्ष चंद्रशेखर तिवारी ने बताया कि भोपाल के सभी मंदिरों में ड्रेस कोड लागू करने के प्रयास किए जा रहे हैं। इसके लिए बोर्ड भी लगाए जा रहे हैं।

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