उत्तर गुजरात में कम मतदान ने राजनीतिक दलों की उड़ाई नींद, 2017 की तुलना में गांधीनगर में 13 फीसदी कम हुआ मतदान

-2017 की तुलना में गांधीनगर में 13 फीसदी कम हुआ मतदान

-मेहसाणा, साबरकांठा, पाटण में 10 फीसदी से अधिक गिरावट

अहमदाबाद, 5 दिसंबर (हि.स.)। लोकतंत्र के पर्व पर कहीं ना कहीं शादियों के मौसम की छाया पड़ ही गई। राज्य में हो रहे विधानसभा के दूसरे चरण के मतदान में अहमदाबाद समेत उत्तर गुजरात के जिलों में पिछले विधानसभा चुनाव की तुलना में बड़ी मात्रा में कम मतदान हुए। इससे सत्तारूढ समेत विपक्षी कांग्रेस की भी नींद उड़ी हुई है। भाजपा ने अपने मिशन 150 प्लस के तहत राज्य में तूफानी प्रचार अभियान के तहत प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह और उप्र प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को बखूबी आजमाने में सफल रही। लेकिन इतने बड़े पैमाने पर प्रचार के बाद भी यह मतदाताओं को उत्साहित कर बूथ तक टर्नअप कराने में विफल रहा। अकेले उत्तर गुजरात में ही देखते तो आधा दर्जन जिलों में पिछले विधानसभा चुनाव की तुलना में 10 फीसदी कम मतदान दर्ज किया गया।

गुजरात विधानसभा चुनाव के दूसरे चरण में उत्तर गुजरात के छह जिलों में 2017 के चुनाव की तुलना में 10 प्रतिशत से अधिक कम मतदान हुआ। इसमें सबसे अधिक 13.16 फीसदी गांधीनगर जिले में कम मतदान हुआ। पाटण जिले में 12.39 फीसदी, मेहसाणा में 11.54 फीसदी कम वोट ने राजनीतिक दलों की सभी कयासों पर फिलहाल विराम लगा दिया है। बनासकांठा जिले में 10.27 फीसदी कम मतदान हुआ। इसके अलावा साबरकांठा जिले में 10.28 प्रतिशत, अरवल्ली जिले में 10.26 फीसदी मतदान कम हुआ है। उत्तर गुजरात की 32 सीटों में पिछले 2017 में कांग्रेस ने 17 सीटें जीती थीं। भाजपा ने 14 सीट जीती थी। गांधीनगर जिले में 58.21 फीसदी मतदान हुआ, इस सीट पर 2017 में 69.92 प्रतिशत मतदान दर्ज किया गया था।

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