ऑनलाइन गेमिंग ऐप के माध्यम से धर्मांतरण के मामले में आरोपित बद्दो को गाजियाबाद लाने की तैयारी में पुलिस

-बद्दो को ट्रांजिट रिमांड पर लाएगी पुलिस, खंगालेगी पूरे गैंग की कुंडली

गाजियाबाद, (हि.स.)। मुम्बई से रविवार को गिरफ्तार किये गए ऑनलाइन गेमिंग ऐप के माध्यम से धर्मांतरण करने के मुख्य आरोपित शाहनवाज मकसूद उर्फ बद्दो को गाजियाबाद पुलिस अब ट्रांजिट रिमांड पर गाजियाबाद लाने की तैयारी में जुट गई है। इसके लिए कानूनी प्रक्रिया अपनाई जाएगी।

यहां संजय नगर सेक्टर-23 में पिछले दिनों ऑनलाइन गेमिंग ऐप के जरिये नाबालिग बच्चों का धर्म परिवर्तन कराए जाने का मामला प्रकाश में आया था। जिसके बाद पुलिस ने छानबीन की थी और एक मौलवी को गिरफ्तार किया था। छानबीन में पता चला था कि धर्मान्तरण के मामले के तार मुंबई से जुड़े हैं। मुंबई में बैठा शाहनवाज मकसूद उर्फ बद्दो इन किशोरों को ऑनलाइन गेम के जरिए इस्लाम के प्रति प्रभावित करता था और उनका ब्रेनवाश कर उन्हें मुस्लिम बनाता था। गाजियाबाद पुलिस ने महाराष्ट्र में बद्दो की तलाश में पिछले कई दिनों से डेरा डाल रखा था और महाराष्ट्र पुलिस के संपर्क में भी थी। इसी के चलते गाजियाबाद व महाराष्ट्र पुलिस ने बद्दो को रविवार को ठाणे के एक चॉल से गिरफ्तार किया। अब उसे प्रोडक्शन वारंट पर गाजियाबाद लाने की तैयारी की जा रही है। ट्रांजिट रिमांड के लिए उसे महाराष्ट्र की कोर्ट में पेश किया जाएगा, उसके बाद उसे गाजियाबाद लाया जाएगा।

पिछले दिनों राजनगर के जैन समाज के एक उद्यमी ने 30 मई को थाना कविनगर में बद्दो और संजयनगर सेक्टर-23 की जामा मस्जिद के इमाम समेत अन्य के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई थी। आरोप था कि 12वीं पास उनका बेटा जिम के नाम पर दिन में पांच समय नमाज पढ़ने जाता था। छात्र के मोबाइल से बद्दो समेत सात नंबरों की पहचान हुई थी, जिनसे लगातार आपत्तिजनक और उकसाने वाली सामग्री के साथ कुरान, हदीस व पैगंबर के बारे में जानकारी साझा की जा रही थी। पुलिस ने प्रारम्भिक छानबीन के बाद जामा मस्जिद की कमेटी के सदस्य अब्दुल रहमान उर्फ नन्नी को गिरफ्तार किया था। अब्दुल की गिरफ्तारी के साथ ही पुलिस ने ऑनलाइन गेमिंग ऐप के जरिए वर्चुअल धर्मांतरण के खेल का पर्दाफाश किया था।

देश के युवाओं को निशाना बनाने वाले इस गिरोह का उद्देश्य खतना या नाम परिवर्तन पर नहीं था बल्कि इस संगठित गिरोह की साजिश थी कि युवा पांचों वक्त का नमाजी बन जाए और कट्टरवादी सोच के साथ दूसरों को भी इसके लिए उकसाए। अमेरिकी कंपनी एपिक गेम्स के ऑनलाइन प्लेटफार्म पर छात्र की गेम खेलने की हिस्ट्री के विश्लेषण के बाद पुलिस ने यह दावा किया था। एपिक गेम्स के प्लेटफॉर्म पर फोर्ट नाइट गेम खेलता था और इसी के मैसेंजर डिस्कार्ड पर बद्दो से चैटिंग करता था।

महाराष्ट्र की पुलिस भी इस मामले को लेकर शनिवार को गाजियाबाद आई थी तथा गाजियाबाद पुलिस से इस सम्बंध में जानकारी हासिल की थी।

खबरें और भी हैं...

अपना शहर चुनें