
रविवार दोपहर का वक्त था. कर्नाटक के पूर्व पुलिस महानिदेशक (DGP) ओम प्रकाश अपने बेंगलुरु स्थित घर में डाइनिंग टेबल पर बैठकर आराम से भोजन कर रहे थे. उनकी थाली में दो तरह की मछलियां रखी थीं, जो उन्हें बेहद पसंद थीं. हर दिन की तरह ये एक सामान्य दोपहर होनी चाहिए थी, लेकिन यह दोपहर उनके जीवन की आखिरी बन गई. सूत्रों के मुताबिक, खाना खाते वक्त ही उनकी पत्नी पल्लवी से किसी बात पर तीखी बहस शुरू हो गई. बहस इतनी तेजी से हिंसा में बदल गई कि किसी को कुछ समझने का मौका नहीं मिला.
बताया जा रहा है कि झगड़े के दौरान पल्लवी ने अचानक मिर्च पाउडर ओम प्रकाश की आंखों में झोंक दिया, जिससे वह तड़पने लगे. इसी का फायदा उठाकर पल्लवी ने उन्हें बांध दिया और फिर ताबड़तोड़ चाकू से हमला कर दिया. हमले में उन्होंने कांच की बोतल का भी इस्तेमाल किया. डाइनिंग टेबल के पास खून से सनी प्लेट पड़ी मिली और वहीं ओम प्रकाश लहूलुहान हालत में मृत पाए गए. एक वक्त में राज्य की कानून-व्यवस्था के शीर्ष पर रहा यह अधिकारी अपनी ही पत्नी के हाथों ऐसी क्रूर मौत मारा गया.
बेटी ने किया था हंगामा
हत्या को अंजाम देने के बाद पल्लवी ने खुद एक पुलिसकर्मी की पत्नी को कॉल कर पूरे घटनाक्रम की जानकारी दी. यह सुनते ही वह महिला सन्न रह गई और तुरंत अपने पति को बताया, जिसने पुलिस को सूचना दी. जब पुलिस अधिकारी ओम प्रकाश के घर पहुंचे, तो उन्हें भीतर घुसने में दिक्कत हुई. बेटी कृति ने खुद को कमरे में बंद कर लिया था और जोर-जोर से चिल्ला रही थी. पुलिस ने दरवाजा खोलने की बार-बार कोशिश की, लेकिन नाकाम रहने पर उसे तोड़ना पड़ा. इसके बाद पल्लवी और कृति दोनों को हिरासत में ले लिया गया.
संपत्ति विवाद में हुई हत्या
पुलिस ने पल्लवी से लंबी पूछताछ की, जो करीब 12 घंटे तक चली. उसने हत्या की बात कबूल कर ली और हत्या के पीछे संपत्ति विवाद को कारण बताया गया. सूत्रों के मुताबिक, ओम प्रकाश ने अपनी कुछ संपत्तियां एक रिश्तेदार को ट्रांसफर कर दी थीं, जिससे पल्लवी नाराज थीं. इसी बात को लेकर दोनों के बीच तनाव चल रहा था, जो आखिरकार जानलेवा संघर्ष में बदल गया. पुलिस अब इस मामले में बेटी कृति की भूमिका की भी जांच कर रही है कि क्या वह इस साजिश में शामिल थी या सिर्फ मूकदर्शक.
कौन थे ओम प्रकाश?
ओम प्रकाश, जो 1981 बैच के आईपीएस अधिकारी थे, मार्च 2015 में कर्नाटक के डीजीपी बने थे. वे फायर सर्विस, होम गार्ड और आपातकालीन सेवाओं में भी उच्च पदों पर रह चुके थे. मूल रूप से बिहार के रहने वाले ओम प्रकाश भूविज्ञान में मास्टर डिग्रीधारी थे और एक सख्त लेकिन ईमानदार अफसर के तौर पर पहचाने जाते थे. कर्नाटक के गृह मंत्री जी. परमेश्वर ने भी इस हत्या पर दुख जताया और कहा कि “ऐसा नहीं होना चाहिए था.” अब यह मामला सिर्फ एक हत्या नहीं, बल्कि एक प्रतिष्ठित अफसर की त्रासदीपूर्ण कहानी बन चुका है, जिसकी परतें पुलिस धीरे-धीरे खोल रही है.