- सोलह महीने जेल में पहले ही काट चुके हैं चौटाला
नई दिल्ली । आय से अधिक संपत्ति के मामले में शुक्रवार को 4 साल की सजा मुकर्रर होने के बाद भी हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री ओमप्रकाश चौटाला को केवल दो साल आठ महीने ही जेल में रहना होगा। ऐसा इसलिए कि चौटाला सोलह महीने जेल में पहले ही काट चुके हैं।
दिल्ली की राऊज एवेन्यू कोर्ट के स्पेशल जज विकास धूल ने अपने विस्तृत आदेश में कहा है कि चौटाला ने संवैधानिक पद का दुरुपयोग किया। जनहित में काम करने की बजाय वो स्वार्थपूर्ति में लगे रहे। वैध आय से 103 फीसदी अधिक की सम्पत्ति अर्जित की। कोर्ट ने कहा कि लोकसेवकों के अपने पद के दुरुपयोग के बढ़ते मामलों के बीच एक सख्त संदेश देने की जरूरत है कि ऐसा करने पर वो न केवल कड़ी सज़ा के हकदार होंगे, बल्कि अवैध तरीके से अर्जित उनकी सम्पत्ति भी जब्त कर ली जाएगी। कोर्ट ने ओमप्रकाश चौटाला की हेली रोड, पंचकूला, गुरुग्राम और असोला की संपत्ति जब्त करने का आदेश दिया।
कोर्ट ने 26 मई को दोनों पक्षों की जिरह पूरी होने के बाद चौटाला की सजा की अवधि पर फैसला सुरक्षित रख लिया था। सुनवाई के दौरान चौटाला के वकील ने हलफनामा देकर कहा था कि चौटाला 90 फीसदी दिव्यांग हैं। उन्होंने कहा था कि चौटाला को हाइपर टेंशन, डायबिटीज समेत कई दूसरी बीमारियां हैं। हलफनामे के साथ मेदांता अस्पताल का प्रमाण पत्र भी पेश किया गया था। चौटाला की उम्र 86 साल होने का हवाला देकर उन्हें न्यूनतम सजा दिए जाने की अदालत से गुहार की थी।
सुनवाई के दौरान सीबीआई की ओर से पेश वकील ने स्वास्थ्य के आधार पर चौटाला की सजा में कमी करने की मांग का विरोध किया था। सीबीआई ने कहा था कि चौटाला एक सार्वजनिक व्यक्ति हैं और उन्हें न्यूनतम सजा देने से समाज में गलत संदेश जाएगा। इसलिए चौटाला को अधिकतम सजा दी जानी चाहिए ताकि समाज में इसका संदेश जाए।
ईडी ने 2019 में आय से अधिक संपत्ति के मामले में चौटाला की 1 करोड़ 94 लाख की संपत्तियों को जब्त किया था। ईडी ने मनी लांड्रिंग एक्ट के तहत चौटाला की जमीन और एक फार्म हाउस को जब्त किया गया था। ईडी ने इससे पहले ओमप्रकाश चौटाला की 4.15 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त की थी। इस तरह अब तक चौटाला की कुल मिलाकर 6 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति जब्त की जा चुकी है।
चौटाला जूनियर बेसिक ट्रेनिंग टीचर्स की भर्ती के घोटाले में दोषी करार दिए जाने के बाद दस साल की कैद की सजा काट कर जेल से बाहर हैं। जूनियर बेसिक ट्रेनिंग टीचर्स भर्ती घोटाले के मामले में ही ओमप्रकाश चौटाला और उनके बड़े पुत्र अजय सिंह चौटाला को 16 जनवरी, 2013 को दस वर्ष की सजा सुनाई गई थी।