गुजरात: विदेश जाने के लिए जीआरई परीक्षा में धोखाधड़ी करने वाले बड़े रैकेट का पर्दाफाश

-500 विद्यार्थियों के अवैध रूप से विदेश भेजे जाने का खुलासा

अहमदाबाद (हि.स.)। अमेरिका जाने के लिए ग्रेजुएट रिकॉर्ड एक्जामिनेशन (जीआरई) की परीक्षा पास करने में गड़बड़ी किए जाने का बड़ा मामला उजागर हुआ है। साइबर क्राइम पुलिस ने मामले से जुड़े रैकेट के तीन आरोपितों को गिरफ्तार कर इसका पर्दाफाश किया है। आरोपितों से पूछताछ में पता चला है कि वॉइस इमिग्रेशन इंडिया के नाम पर यह रैकेट 500 से अधिक विद्यार्थियों को परीक्षा पास करवा कर अवैध रूप से विदेश भेज चुका है। पुलिस ने मामले में तीन आरोपितों महेश्वरा रेड्डी, सागर हिराणी, चंद्रशेखर उर्फ राहुल करलपुडी को गिरफ्तार किया है। आरोपितों के 5 लैपटॉप, 3 सीपीयू, 7 मोबाइल जब्त किए गए हैं।

जानकारी के अनुसार अहमदाबाद के बापूनगर के मौलिक मकवाणा नामक युवक पढ़ाई के लिए अमेरिका जाना चाहता था। इंटरनेट पर उसे जीआरई की परीक्षा पास करने के संबंध में जानकारी मिली और उसे वाइस इमिग्रेशन इंडिया नामक वेबसाइट के बारे में पता लगा। मौलिक ने जब वाइस इमिग्रेशन इंडिया के लोगों से बातचीत की तो उसे सूरत के एक होटल में बुलाया गया। इस संबंध में गड़बड़ी किए जाने की जानकारी मिलने पर साइबर क्राइम पुलिस भी सतर्क हो गई और सूरत में छापेमारी कर गिरोह के 3 सदस्यों को गिरफ्तार कर लिया।

पुलिस के अनुसार चंद्रशेखर उर्फ राहुल मामले का सूत्रधार है। बीटेक की पढ़ाई कर चंद्रशेखर पिछले 20 वर्षों से वडोदरा में रहता है। पिछले एक साल से मुख्य आरोपित चंद्रशेखर टेस्ट ऑफ इंग्लिश एज ए फॉरेन लैग्वेज (टोफेल) और जीआरई की परीक्षा पास करने के इच्छुक विद्यार्थियों के लिए होटल में एक्जाम के लिए पूरा सेट देकर डमी परीक्षार्थी की व्यवस्था करता था। आरोपितों ने अभी तक अलग-अलग एजेंट के जरिए 500 से अधिक परीक्षार्थियों को परीक्षा दिलाई है। पुलिस सूत्रों के अनुसार आरोपित चंद्रशेखर एक विद्यार्थी से 35 हजार रुपए कमीशन लेता था।

दूसरा आरोपित महेश्वरा रेड्डी आंध्र प्रदेश का मूल निवासी बताया गया है। इसने बीएससी तक पढ़ाई की है। दो महीने पहले ही वह आंध्र प्रदेश से वडोदरा आया था। वह विद्यार्थियों से निर्धारित राशि संग्रह कर उन्हें अलग-अलग होटलों में परीक्षा के लिए बुलाता था। यह खुद अपना चेहरा छिपा कर विद्यार्थियों को ऑनलाइन परीक्षा में सवाल का जवाब आरोपित चंद्रशेखर से प्राप्त कर ब्लूटूथ से कनेक्ट कर ऑनलाइन परीक्षा दे रहे परीक्षार्थियों के लिए जवाब देकर इस जालसाजी को अंजाम देता था। एक दिन में दो से तीन परीक्षार्थियों को परीक्षा के लिए बुलाया जाता था और सप्ताह में तीन बार ऐसी परीक्षा आयोजित की जाती थी। इस सेटअप को तैयार करने के लिए महेश्वरा एक विद्यार्थी से 4000 रुपए कमीशन लेता था।

इसके अलावा तीसरे आरोपित सागर हिराणी ने आईटी में बीई की पढ़ाई की है। वह 2020 से सूरत के मोटा वराछा में वॉइस ऑफ इमिग्रेशन नामक ऑफिस खोलकर स्टूडेंट वीजा और विजिटर वीजा कंसल्टिंग का काम करता है। पिछले कुछ वर्षों से जीआरई की परीक्षा का रजिस्ट्रेशन करवा कर परीक्षा पास करवाने का काम करता था। वह भी एक विद्यार्थी से 15 हजार रुपए का कमीशन लेता था। पिछले एक साल में इसने 15 विद्यार्थियों को पास करवाया है। साइबर क्राइम ने पास हुए विद्यार्थियों का डाटा जब्त किया है। इसमें करीब 500 विद्यार्थियों के यूएसए, यूके, आस्ट्रेलिया जाने का पता चला है।

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