आज हम आपको इस लेख के माध्यम से एक ऐसे चमत्कारिक पौधे के विषय में जानकारी देने वाले हैं जिसके बारे में आपने कभी सुना और पढ़ा भी होगा जिस पौधे के बारे में हम जानकारी देने वाले हैं उस पौधे का नाम “बबूल” का पौधा है जिस पौधे का हर भाग दवा है इस पौधे का एक बहुत ही महत्वपूर्ण भाग है जिसको गोंद कहा जाता है आयुर्वेद में बबूल के गोंद का बहुत फायदा बताया गया है अगर आप बबूल के गोंद का प्रयोग करेंगे तो इससे आपकी छाती मुलायम होती है यह अमावश्य को शक्तिशाली बनाता है और आंतो को भी मजबूत करता है बबूल के गोंद के प्रयोग से सीने के दर्द में राहत प्राप्त होती है और गले की आवाज साफ होती है।
वैसे बबूल का गोंद गर्मियों के मौसम में इकट्ठा किया जाता है बबूल के पौधे के तने में कहीं पर भी काटने से जो सफेद रंग का पदार्थ उसमें से निकलता है उसी को गोंद कहा जाता है यह गोंद बाजार में भी उपलब्ध होता है आप इसको किसी भी दुकान से खरीद सकते हैं आपको यह आसानी से मिल जाएगा गोंद का सेवन 5 से 10 ग्राम तक किया जाता है अगर आप इसका सेवन करेंगे तो इससे आपको चमत्कारिक लाभ प्राप्त होंगे आज हम आपको बबूल के गोंद से मिलने वाले फायदों के बारे में जानकारी देने जा रहे हैं।
आइए जानते हैं बबूल के गोंद से मिलने वाले चमत्कारिक फायदों के बारे में
कमर दर्द में फायदेमंद
अगर किसी व्यक्ति को कमर में दर्द की समस्या है तो इसके लिए आप बबूल की छाल फली और गोंद बराबर मात्रा में मिलाकर इसको पीस लीजिए एक चम्मच की मात्रा में दिन में 3 बार इसका सेवन कीजिए अगर आप ऐसा करेंगे तो आपको कमर दर्द में राहत प्राप्त होगा।
सिर दर्द करें दूर
यदि किसी व्यक्ति के सिर में दर्द रहता है तो इसके लिए आप पानी में बबूल का गोंद घिसकर सिर पर लगाएं ऐसा करने से आपके सिर का दर्द दूर हो जाएगा।
मधुमेह में फायदेमंद
जिन व्यक्तियों को मधुमेह की बीमारी है उनके लिए बबूल का गोंद बहुत ही फायदेमंद साबित होगा आप 3 ग्राम बबूल के गोंद का चूर्ण पानी के साथ या गाय के दूध के साथ 3 दिन में तीन बार रोजाना सेवन कीजिए यदि आप ऐसा करते हैं तो आपको मधुमेह में फायदा मिलेगा।
खांसी करता है दूर
अगर किसी व्यक्ति को खांसी की परेशानी है तो इसके लिए बबूल का गोंद मुंह में रखकर चूसे इससे आपकी खांसी ठीक हो जाएगी।
बवासीर में लाभकारी
अगर किसी व्यक्ति को बादी बवासीर या खूनी बवासीर की परेशानी है तो उनके लिए बबूल का गोंद किसी वरदान से कम नहीं है आप इसके लिए बबूल का गोंद कहरवा समई और गेरू 10-10 ग्राम लेकर इसको पीसकर चूर्ण बना लीजिए उसके पश्चात 1 से 2 ग्राम चूर्ण को गाय के दूध की छाछ में मिलाकर 2 से 3 सप्ताह तक सेवन करें आपको बवासीर में आराम मिलेगा।