जजों की नियुक्ति संबंधी सिफारिशों पर केंद्र की ढिलाई से सुप्रीम कोर्ट सख्त, कहा- हम निगरानी करेंगे

नई दिल्ली (हि.स.)। सुप्रीम कोर्ट ने जजों की नियुक्ति संबंधी सिफारिशों पर केंद्र सरकार की ओर से देरी पर आज सख्ती दिखाते हुए कहा कि हम इस मामले की निगरानी करेंगे। जस्टिस संजय किशन कौल की अध्यक्षता वाली बेंच ने कहा कि हम बहुत कुछ कहना चाह रहे हैं, लेकिन खुद को रोक रहे हैं। मामले की अगली सुनवाई 9 अक्टूबर को होगी।

जस्टिस किशन कौल ने कहा कि पिछले दस महीने में 80 नामों की सिफारिश की गई, लेकिन उन लोगों की नियुक्तियां केंद्र के पास लंबित हैं। इसी तरह 26 जजों के तबादले भी केंद्र के पास लंबित हैं, जिसमें संवेदनशील हाई कोर्ट में चीफ जस्टिस की नियुक्ति भी है। कोर्ट ने कहा कि 7 लंबित नाम हैं, जिन्हें दोहराया गया है। कोर्ट ने अटार्नी जनरल आर वेंकटरमणी को केंद्र से निर्देश लेकर आने का निर्देश दिया। इस पर अटार्नी जनरल ने सुप्रीम कोर्ट से एक हफ्ते का समय देने की मांग की।

सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार ने 3 फरवरी को कहा था कि सुप्रीम कोर्ट में जजों के खाली पड़े पदों पर 5 फरवरी तक फैसला हो जाएगा। उसके बाद केंद्र सरकार ने 4 फरवरी को ही सुप्रीम कोर्ट में पांच जजों की नियुक्ति संबंधी नोटिफिकेशन जारी कर दिया। अभी भी विभिन्न हाई कोर्ट में जजों की नियुक्ति की सिफारिश केंद्र सरकार के पास लंबित है।

कोर्ट ने अटार्नी जनरल से कहा था कि आपका रवैया परेशान करने वाला है। ऐसा ही रहा तो आप हमें मजबूर करेंगे कि हम कोई गंभीर फैसला लें। आप हमें कोई गंभीर फैसले लेने को विवश न करें। जस्टिस कौल ने अटार्नी जनरल से कहा था कि नियुक्ति और तबादले के लिए सभी नाम हमने आपको भेज दिया है। अब हमारे पास कुछ भी लंबित नहीं है। उन्होंने कहा था कि हाई कोर्ट में जजों के तबादले की हमारी सिफारिशों पर अब तक कोई अमल नहीं हुआ। हम जजों के हाई कोर्ट में तबादलों की सिफारिशें करते हैं, आप उसे भी लटकाए रखते हैं। यह गंभीर मुद्दा है।

खबरें और भी हैं...

अपना शहर चुनें