
टेस्टिकुलर टॉर्जन तब होता है जब एक टेस्टिल यानी अंडाशय स्परमेटिक कॉर्ड पर घूम जाता है। इससे अंडकोश तक रक्त ले जाने वाली यह नलिका मुड़ जाती है। इससे अंडकोश में रक्त कमी हो जाती है। इससे अंडकोश में अचानक और नियमित तौर पर तेज दर्द और सूजन होने लगती है। टेस्टिकुलर टॉर्जन को आमतौर पर आपातकालीन सर्जरी की जरूरत पड़ती है। अगर शुरुआती घंटों में इसका इलाज कर लिया जाए, तो अंडकोश को बचाया जा सकता है। लेकिन, अधिक समय तक इंतजार करने से स्थायी क्षति हो सकती है और पिता बनने की क्षमता पर भी दुष्प्रभाव पड़ सकता है। जब रक्त प्रवाह काफी देर तक रुका रहता है, तो अंडाशय बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो जाता है और उसे निकालना पड़ता है।
टेस्टिकुलर टॉर्जन के महीने भर पहले मिलने वाले संकेत एवं लक्षण : अंडकोश में अचानक और तेज दर्द होना। अंडकोश में सूजन आना । पेट व पीठ की निचली मांसपेशियों में तेज दर्द होना। नौसिया और उल्टी । अंडाशय का सामान्य से ऊंची स्थिति अथवा असामान्य कोण पर होना
टेस्टिकुलर टॉर्जन के कारण : टेस्टिकुलर टॉर्जन तब होता है जब अंडाशय स्पेरमेटिक नस पर घूम जाता है। यह वही नस होती है जो पेट की मांसपेशियों से अंडकोश तक रक्त लेकर आती है। अगर अंडाशय कई बार घूम जाए, तो रक्त प्रवाह पूरी तरह रुक सकता है, जिससे काफी तेजी से नुकसान हो सकता है। अधिकतर पुरुषों को विरासत में यह विशेषता मिलती है जिसमें अंडाशय अंडकोश में आसानी से घूमता रहता है। यह अनुवांशिक परिस्थिति आमतौर पर दोनों अंडाशयों को प्रभावित करती है। लेकिन इस तरह की समस्या वाले हर पुरुष को टेस्टिकुलर टॉर्जन नहीं होता।
टेस्टिकुलर टॉर्जन के कारण अभी तक अज्ञात हैं, लेकिन, इसके भी इन संभावित कारणों से यह परेशानी हो सकती है- शारीरिक गतिविधि। अंडाकोश में चोट। अधिक ठण्डा तापमान । यौवन के दौरान अंडाशयों का आकार तेजी से बढ़ना
गलत तरीके से सोना।
डॉक्टर को दिखायें : अंडाशय में तेज और अचानक दर्द होने पर तुरंत जरूरी कदम उठायें। अगर इस परेशानी के लक्षण दिखायी दें, तो बिना देर किए हमें डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। इससे आप अंडाशय को खोने अथवा उसे होने वाली क्षति को कम किया जा सकता है।
अगर आपको अंडाशय अथवा अंडकोश में तेज दर्द हो, तो बिना देर किये डॉक्टर के पास जाना चाहिए, फिर चाहे वो दर्द अपने आप ही ठीक क्यों न हो जाए। यह परिस्थिति तब होती है जब अंडाशय एक बार घूम जाता है और फिर दोबारा उसी परिस्थिति में आ जाता है। हालांकि अंडाशय अपने आप अपनी पूर्व स्थिति में आ जाता है, तो भी आपको डॉक्टर को दिखाना चाहिए। आपको इस स्थिति में भी सर्जरी की जरूरत पड़ सकती है। ऐसा करके आप इस स्थिति को दोबारा होने से रोक सकते हैं।