जी-20 के विकास मंत्रियों की बैठक में भारत के प्रस्ताव पर डेलीगेशंस ने सहमति जताई
-प्रधानमंत्री मोदी के सुझावों पर ठोस कार्य योजना बनाकर कार्य करने का समवेत निर्णय
वाराणसी, (हि.स.)। जी-20 देशों के विकास मंत्रियों की तीन दिवसीय बैठक के दूसरे दिन सोमवार को भारत के महत्वपूर्ण प्रस्ताव के साथ अध्यक्षता की थीम एक पृथ्वी, एक परिवार, एक भविष्य पर 200 डेलीगेशंस ने अपनी सहमति दे दी।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के स्वागत भाषण में ठोस सुझाव और जी-20 बैठक की अध्यक्षता कर रहे विदेश मंत्री डॉ एस जयशंकर के महत्वपूर्ण प्रस्ताव पर ठोस योजना बनाकर काम करने की बात कही गई। बैठक में सतत विकास के लिए 2030 एजेंडा के पूर्ण और प्रभावी कार्यान्वयन और इसके एसडीजी की उपलब्धि के प्रति अपनी प्रतिबद्धता जताई गई। अंतरराष्ट्रीय सहयोग एजेंडा को केंद्र में रख निर्णय लिया गया कि भारत सहित विकासशील देश पर्यावरण संरक्षण में ज्यादा प्रभावी भूमिका निभाएंगे और काम करेंगे।
इस दौरान डेलीगेशंस ने विकास, पर्यावरण और जलवायु परिवर्तन के बीच आपसी तालमेल बनाने पर जोर दिया । ताकि सतत विकास की अवधारणा के लक्ष्य को हासिल किया जा सके। बैठक में दुनिया के उन देशों की मदद का प्रस्ताव रखा गया जहां वैश्विक महामारी कोरोना के बाद की स्थिति, जलवायु परिवर्तन से दिक्कते आईं हैं। ऐसे देशों के जरूरतमंद लोगों की मदद के वैश्विक प्रयासों को बढ़ाने पर सहमति बनी। जी-20 देशों के विकास मंत्रियों ने एक स्वर में कहा कि पर्यावरण संरक्षण के लिए व्यक्तिगत के साथ सामूहिक प्रयासों को प्रोत्साहित किया जाएगा। सितंबर 2023 में एसडीजी शिखर सम्मेलन और 2024 में भविष्य के शिखर सम्मेलन की सफलता के लिए सार्थक योगदान देने के प्रयासों को आगे बढ़ाने पर जोर दिया गया।
बड़ालालपुर स्थित पं. दीन दयाल उपाध्याय हस्तकला संकुल सभागार में आयोजित बैठक में विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर के साथ दक्षिणी गोलार्ध सहित दुनियाभर के सभी देशों की चुनौतियों पर चर्चा की गई। भारत के वसुधैव कुटुंबकम की धारणा को आत्मसात कर निर्णय लिया गया कि सभी सदस्य देश अपनी राष्ट्रीय परिस्थितियों और क्षमताओं के साथ मजबूत राजनीतिक इच्छाशक्ति के साथ पर्यावरण और जलवायु को स्वच्छ बनाने की ठोस योजना बनाकर मिलकर काम करेंगे।