-भारत बोला, न्यूक्लियर हमला मानवता के खिलाफ
नई दिल्ली (ईएमएस)। रूस-यूक्रेन जंग को लगभग 8 महीने हो गए है और अनिर्णय की स्थिति में है। परमाणु हमले की आशंका को देखते हुए मॉस्को ने न्यूक्लियर डिफेंस सिस्टम की टेस्टिंग शुरू की है। विशेष अभ्यास में रूस की सशस्त्र सेना बैलिस्टिक मिसाइल, परमाणु हथियार से लैस पनडुब्बी और बमवर्षक विमानों की क्षमता को आंक रहे हैं। रूस का आरोप है कि यूक्रेन ‘डर्टी बम’ का इस्तेमाल कर उसे उकसाने की साजिश रच रहा है। बदले हालात के बीच रूस के रक्षा मंत्री सर्गेई शोइगु ने राजनाथ सिंह से संपर्क साधकर उन्हें हालात से अवगत कराया है। भारत ने स्पष्ट किया कि किसी भी पक्ष द्वारा परमाणु हथियार का इस्तेमाल नहीं किया जाना चाहिए।
रूसी रक्षा मंत्री शर्गेई शेइगु से राजनाथ सिंह की बातचीत के बाद रक्षा मंत्रालय की ओर से बयान जारी किया गया है। इसमें कहा गया है कि इस युद्ध में किसी भी पक्ष द्वारा परमाणु हमले के विकल्प पर विचार नहीं किया जाना चाहिए, क्योंकि इसके चलते पहले ही वैश्विक अर्थव्यवस्था को काफी नुकसान पहुंच चुका है। रक्षा मंत्रालय ने बयान में कहा, ‘उन्होंने (राजनाथ सिंह) कहा कि किसी पक्ष की ओर से परमाणु हमले के विकल्प का इस्तेमाल नहीं किया जाना चाहिए। परमाणु या रेडियोधर्मी आयुध का इस्तेमाल मानवता के मौलिक सिद्धांतों के विपरीत है।’
दरअसल, सर्गेई शोइगु ने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को यूक्रेन में लगातार बिगड़ते हालात से अवगत कराया।
उन्होंने भारत को रूस की इस चिंता से भी अवगत कराया कि डर्टी बम का इस्तेमाल कर मॉस्को को उकसाया जा सकता है। इसके अलावा दोनों देशों के रक्षा मंत्रियों ने टकराव के साथ ही द्विपक्षीय रक्षा सहयोग पर भी चर्चा की। रक्षा मंत्रालय की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि दोनों मंत्रियों ने संपर्क में रहने पर सहमति जताई है। रूसी रक्षा मंत्री ने इसके अलावा चीन के रक्षा मंत्री वेई फेंगे से भी बात की है। चीन के साथ भी उन्होंने वही आशंका जताई जो भारत के समक्ष जताई। बता दें कि रूस ने यूक्रेन पर डर्टी बम का इस्तेमाल करने की साजिश रचने का आरोप लगाया है।