पांचवे चरण में 20 मई को सिधौली विधानसभा में होगा मतदान, वर्ष 2014 व 2019 के मुकाबले…

 
आठ विधानसभा ने निभाई जिम्मेदारी, अब सिधौली की बारी
क्रासर-वर्ष 2014 में 67.37 प्रतिशत जबकि 2019 में 63.75 प्रतिशत हुआ था मतदान

सीतापुर। सोमवार को जो मतदान प्रतिशत सामने आया है वह पूर्व के मतदान प्रतिशत से भी कम सामने आया है जो बेहद निराश करता है। अब मोहनलालगंज की विधानसभा सिधौली की बारी है जिसका चुनाव पांचवे चरण में 20 मई को होगा। यहां पर चुनाव कराने के लिए प्रशासन पहले से ही सभी तैयारियां पूर्ण कर चुका है। वहीं अबकी सिधौली विधानसभा के मतदाताओं की बारी है। देखना यह होगा कि वह पूर्व में हुए लोकसभा चुनाव में विधानसभा सिधौली में पड़े मतदान प्रतिशत के रिकार्ड को तोड़ पाते हैं या वहां भी मतदएान प्रतिशत का रिकार्ड गिरेगा।

 
बताते चलें कि मोहनलालगंज लोकसभा की विधानसभा सिधौली है। यह जनपद सीतापुर में आती है। इस विधानसभा के मतदाताओं ने वर्ष 2014 में बहुत ही अच्छा प्रदर्शन किया था। यहां पर वर्ष 2014 में 67.37 प्रतिशत मतदान हुआ था जबकि 2019 में जब लोकसभा चुनाव हुए तो इसने भी निराश किया। वर्ष 2014 के मुकाबले 4.42 प्रतिशत की गिरावट आई और महज 63.75 प्रतिशत ही मतदान हुआ था। यहां पर लगातार दो बार से भाजपा के सांसद कौशल किशोर जीतते आ रहे है। इस बार भी भाजपा ने उन्हें यहां का प्रत्याशी बनाया है। इसके अलावा यहां पर सपा और बसपा समेत कई अन्य प्रत्याशी भी ताल ठोंक रहें है। अब देखना यह है कि इस बार यहां के मतदाता मतदान प्रतिशत बढ़ा पाते हैं या फिर निराश ही करेंगे।


वर्ष 2014 व 2019 के मुकाबले फिसड्डी रही सात विधानसभा
इस बार हमारी सात विधानसभाओं ने खूब निराश किया। इन सात में ऐसी कोई विधानसभा नहीं है जो फिसडडी साबित न हुई हों। पूर्व में जब वर्ष 2014 में लोकसभा का चुनाव हुआ था तो सीतापुर लोकसभा की सीतापुर विधानसभा में 57.94 प्रतिशत मतदान हुआ था जबकि 2014 में घटकर 57.41 प्रतिशत ही रह गया। जबकि इस बार वर्ष 2024 में 3.05 प्रतिशत घटा और सीतापुर में 54.36 प्रतिशत ही मतदान हो सका। इसी तरह से विधानसभा लहरपुर में वर्ष 2014 में 66.79 प्रतिशत मतदान हुआ था जबकि 2014 में 62.77 पर ही सिमट कर रह गया जबकि 2024 में लहरपुर में 62.33 प्रतिशत ही रहा। इसी प्रकार बिसवां में वर्ष 2014 में पडंे वोट का प्रतिशत 68.46 था जबकि 2019 में यह घटकर 66.43 ही रह गया और इस बार बिसवां में 64.94 प्रतिशत ही रह गया। महमूदाबाद ने भी निराशा में किसी को पीछे नहीं छोडा। वर्ष 2014 में महमूदाबाद विधानसभा में 71 प्रतिशत रिकार्ड मतदान हुआ था जबकि वर्ष 2019 में महज 67.30 प्रतिशत ही मतदान सिमट कर रह गया। वहीं इस बार तो और भी पीछे होते हुए 64.28 प्रतिशत पर ही सिमट कर रह गया।

 
वहीं हम बात करें धौरहरा लोकसभा की जिसमें इस जनपद की महोली विधानसभा आती है तो वहीं पर वर्ष 2014 में 67.08 प्रतिशत मतदान हुआ था जबकि 2019 में केवल 64.12 प्रतिशत मतदान हुआ और इस बार करीब तीन प्रतिशत पीछे होते हुए महज 61.42 प्रतिशत पर ही सिमट गई। वहीं इसी लोकसभा की विधानसभा हरगांव में वर्ष 2014 में 70.01 प्रतिशत मतदान हुआ था जबकि 2019 में 66.76 प्रतिशत मतदान हुआ था और इस बार 65.32 प्रतिशत ही मतदान रह गया। वहीं मिश्रिख लोकसभा के मिश्रिख विधानसभा की भी बात की जाए तो पूर्व में वर्ष 2014 में संपन्न हुए चुनाव में 61.30 प्रतिशत मतदान हुआ था जबकि 2019 में यह भी घटकर 58.02 प्रतिशत ही रह गया था और अब इस बार 56.92 प्रतिशत मतदान हुआ हुआ।

सेउता के मतदाताओं ने दिखाया दम
पूरे जनपद में आठ विधानसभाओं में जो मतदान हुआ है उसमें सबसे अच्छा प्रदर्शन अगर किया है तो वह है सेउता विधानसभा। यहां पर हम आपको बताते चलें कि विधायक ज्ञान तिवारी सांसद राजेश वर्मा के नामांकन के दौरान जनसभा मंच से ही ऐलान कर दिया था कि वह सभी विधानसभाओं की अपेक्षा सेउता विधानसभा मंें अच्छा प्रदर्शन करके दिखाएगे और वही हुआ। जिस सेउता विधानसभा में वर्ष 2014 में लोकसभा में 69.25 प्रतिशत मतदान हुआ था हालांकि 2019 के लोकसभा चुनाव में वर्ष 2014 के मुकाबले मतदान प्रतिशत घटा था और वहां पर 65.55 प्रतिशत ही मतदान हुआ था लेकिन इस बार सेउता विधानसभा के मतदाताओं ने पूरा जोर लगाया और दिखा दिया कि उनके विधायक ने जो कहा था वह सच है। इस बार सेउता विधानसभा में पूर्व के 2019 में मिले मतदान प्रतिशत के मुकाबले 66.95 प्रतिशत मतदान हुआ है।

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