हमारी सेहत कैसी है इसका अंदाजा कई बातों से लगाया जा सकता है. सेहत के बारे में जानने के लिए इंसान के मल-मूत्र का रंग भी काफी मायने रखता है. अगर इंसान की पॉटी का रंग अचानक से बदल जाता है तो यह सेहत के लिए खतरे की घंटी हो सकती है. मल के रंग में जरा सा भी बदलाव यह दर्शाता है कि शरीर में कहीं कुछ गड़बड़ी है. ऐसे में आइए जानते हैं किस तरह से पॉटी के रंग से सेहत के बारे में जाना जा सकता है…
पीला रंग
आमतौर पर कुअवशोषण या सेलियक रोग की वजह से ही मल का रंग पीला होता है. सेलियक रोग से पीड़ित लोगों को ग्लूटेन युक्त चीजों जैसे कि गेंहूं, जौ, राई इत्यादि से एलर्जी होती है और उनके आंतों की कार्यक्षमता भी बदलती रहती है. ऐसे लोग ग्लूटेन फ्री चीजों का सेवन करते हैं. इसलिए मल का रंग पीला होने पर डॉक्टर से तुरंत अपनी जांच जरूर करवाएं. अगर आप डाइट में गाजर, शकरकंद या पीले रंग की चीजें ज्यादा खातें हैं तो इसकी वजह से भी मल का रंग पीला हो सकता है. अधिक मात्रा में कॉर्न का सेवन करने से भी मल का रंग पीला हो जाता है.
हरा रंग
हरी सब्जियां जैसे कि पालक, ब्रोकली, सरसों का साग और फ्लेवर्ड ड्रिंक या आयरन सप्लीमेंट खाने से मल का रंग हरा हो जाता है. इसके अलावा बड़ी आंत में पित्त के जरिए भोजन को मेटाबोलाइज करने में भी थोडा वक्त लगता है. लेकिन अगर आपको लगता है कि आपने ऐसी कोई चीज नहीं खाई है और फिर भी मल हरे रंग का है तो इसे अनदेखा न करें बल्कि नजदीकी डॉक्टर के पास जाकर अपनी जांच करवाएं.
काला या लाल रंग
वैसे तो आपकी पॉटी का रंग कला या गहरा लाल ज्यादा मात्रा में आयरन से भरे फल सब्जियां खाने से हो सकता है लेकिन आपको इसे नजरअंदाज नहीं कर चाहिए. यह पाइल्स का भी संकेत हो सकता है. ब्लैक या डार्क रेड कलर की पॉटी डाइजेस्टिव सिस्टम के निचले हिस्से में होने वाले ब्लीडिंग को भी दर्शाता है. इसलिए ऐसी पॉटी लगातार आने पर डॉक्टर से परामर्श ले लें.
नारंगी रंग
मल का नारंगी रंग बीटा-कैरोटीन के कारण होता है. यह यौगिक कई सब्जियों, फलों और अनाजों में पाया जाता है. गाजर, शकरकंद और कद्दू में बीटा-कैरोटीन की मात्रा बहुत ज्यादा होती है. पित्त की नलिकाओं में रुकावट होने के कारण भी मल का रंग पीला हो जाता है.
हल्का रंग
मल को अपना रंग पित्त से मिलता है. इसलिए हल्के भूरे रंग के पॉटी का मतलब हो सकता है कि आपका लिवर या गॉलब्लेडर ठीक से काम न कर रहा हो. आपको पथरी होने की संभावना हो सकती है.
हरा-पीला रंग
हरी पॉटी हरी सब्जियां खाने पर आ सकती है लेकिन हरी पत्तेदार सब्जियां बिना खाए आपको हरी पॉटी आ रही है तो इसका मतलब आपको इंटेस्टाइन यानि आंत में इन्फेक्शन हो सकता है. ऐसी स्थिति में डॉक्टर से परामर्श लें.
हल्का रंग, सफेद और क्ले रंग
पॉटी में बाइल के कमी की वजह से पॉटी का रंग ऐसा हो जाता है. यह बाइल डक्ट ऑब्सट्रक्शन की तरफ इशारा करता है. ऐसे में आपको सतर्क होने की जरूरत है. एंटी-डायरियल ड्रग्स या फिर कुछ और दवाइयों के सेवन की वजह से पॉटी के रंग में बदलाव आता है. हल्का सफेद और पीले कलर की पॉटी पेट में होने वाली प्रॉब्लम्स को बताता है.
भूरा रंग
अगर पॉटी का रंग भूरा हो तो घबराने की जरूरत नहीं है. यह रंग सामान्य माना जाता है.