प्रधानमंत्री के मन की बात से कुंभकार परिवारों में आई रौनक, तेजी से बन रहे हैं दीप

बेगूसराय, हि.स.)। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा बीते रविवार को किए गए मन की बात कार्यक्रम में लोगों से आगामी दीपावली एवं छठ सहित अन्य पर्व-त्योहारों में स्थानीय उत्पाद खरीदने का आह्वान किए जाने के बाद कुंभकारों में एक नया जोश आ गया है। प्रधानमंत्री के इस वोकल फॉर लोकल मंत्र से इस बार अच्छा व्यवसाय होने की उम्मीद है।

12 नवम्बर को मनाए जाने वाले दीपावली की तैयारी जोर-शोर से शुरू हो गई है। बाजार सज चुके हैं, व्यवसायियों ने जहां धनतेरस के लिए विशेष तैयारी की है। वहीं, दीपावली के दिन घरों को सजाने के लिए बाजार में रंग बिरंगी लाइट भी आ गई है। इन सब के बीच कुंभकारों के घर भी रौनक छाने लगी है। जिला के पांच हजार से अधिक कुंभकार परिवार दिन रात एक कर लक्ष्मी पूजन और घर सजाने के लिए दीप बना रहे हैं।

पूजा के लिए कलश बनाने का काम भी तेजी से हो रहा है। कुंभकार परिवार के युवा जहां चाक चलाने में मशगूल हैं। वहीं, बुजुर्गों ने मिट्टी गूंथने का काम संभाला है। महिलाएं और बच्चे इन दीप और कलश को सुखाने तथा भट्ठी लगाकर पकाने के बाद उसे रंगने में मशगूल हैं। हालांकि चाइनीज दीपों के बढ़ते चलन ने इन परिवारों पर वज्रपात कर दिया है। लोग चमक धमक के इस युग में दीपावली को भी चाइनीज रंग में रंग चुके हैं।

चाइनीज दीप और लाइट लोगों को आकर्षित कर रहे तथा बड़ी संख्या में लोगों का झुकाव इस ओर है। लाख प्रशासनिक और सरकारी कवायद के बाद भी चाइनीज आइटम धड़ल्ले में से बाजार में आ रहे हैं, सस्ते में बिक रहे हैं। जिससे स्वदेशी उत्पाद एवं लोकल उत्पाद की बिक्री पर लगातार प्रश्न चिन्ह लगता जा रहा है। बावजूद इसके आज भी ग्रामीण क्षेत्रों में एवं देश प्रेम से ओतप्रोत लोग मिट्टी के बने स्थानीय दीए की ओर आकर्षित होते हैं।

जिसके मद्देनजर दीपावली के 15 दिन पहले से कुंभकार परिवारों में दिपावली के लिए दीप बनाने का काम शुरू हो जाता है। दीप बनाकर और तैयार होने के बाद यह लोग गांव गांव जाकर लोगों को घर तक उपलब्ध करवाते हैं, वह भी सस्ते दाम पर। हालांकि चाइनीज दीप रंग-बिरंगा और भारतीय उत्पाद से सस्ता है। बावजूद इसके स्थानीय कुंभकारों द्वारा मिट्टी से द्वारा बनाए गए दीप मात्र 80 पैसा से एक रुपया तक में उपलब्ध हो रहा है।

मंसूरचक के कुंभकार प्रमोद पंडित, रामविलास पंडित, पवन पंडित, रेखा देवी एवं कामो देवी आदि बताते हैं कि चाइनीज उत्पाद ने हम लोगों के रोजी-रोटी पर बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है। जिसके कारण हमारे घर के भी युवा इस पारंपरिक पेशा से दूर होकर परदेश जाने के लिए मजबूर हैं। लेकिन इसके बाद भी कार्तिक महीना आते ही हम पूरा परिवार में एकत्रित होते हैं और मिट्टी के दीए बनाकर लोगों को स्वदेशी उत्पाद को बढ़ावा देने के लिए प्रेरित करते हैं।

इन लोगों ने कहा कि 29 अक्टूबर को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अपने मन की बात में लोगों से स्थानीय उत्पाद खरीदने की अपील की है। इससे हमलोगों को बेहतर बिक्री होने का अनुमान है, इसी के मद्देनजर हम लोग तैयारी भी कर रहे हैं। चीन के बने और बाहरी उत्पादन के बदले लोग स्थानीय उत्पाद खरीदने की ओर प्रेरित होंगे। मिट्टी से बने स्वास्थ्य और पर्यावरण वर्धक उत्पादों को बढ़ावा देना सरकार की शानदार पहल है।

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