प्रधानमंत्री मोदी ऐतिहासिक अमेरिका और मिस्र यात्रा के बाद स्वदेश रवाना

-भारत-मिस्र ने आपसी संबंधों को रणनीतिक साझेदारी तक बढ़ाया

काहिरा (हि. स.)। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी अमेरिका और मिस्र की ऐतिहासिक रूप से सफल यात्रा के बाद स्वदेश रवाना हो गए। इससे पहले रविवार को प्रधानमंत्री मोदी और मिस्र के राष्ट्रपति अब्देल फतह अल-सीसी के बीच राजनीतिक एवं सुरक्षा सहयोग को मजबूत करने पर हुई व्यापक बातचीत के बाद भारत और मिस्र ने अपने संबंधों को नई गति प्रदान करते हुए इन्हें रणनीतिक साझेदारी तक बढ़ा दिया है।

मिस्र के राष्ट्रपति के निमंत्रण पर देश की राजकीय यात्रा करने वाले मोदी ने अल-सीसी के साथ आमने-सामने की बातचीत की और इस दौरान उन्होंने क्षेत्र तथा विश्व में हो रहे महत्वपूर्ण घटनाक्रमों की समीक्षा की। यह 26 वर्षों में किसी भारतीय प्रधानमंत्री की मिस्र की पहली द्विपक्षीय यात्रा है।

रविवार शाम स्वदेश रवाना हुए मोदी ने ट्विटर पर कहा कि मिस्र की मेरी यात्रा ऐतिहासिक रही। इससे भारत-मिस्र संबंधों में नई ऊर्जा आएगी और हमारे देशों के लोगों को फायदा होगा। मैं राष्ट्रपति अल-सीसी, सरकार और मिस्र के लोगों को उनके स्नेह के लिए धन्यवाद देता हूं।ै

मोदी और अल-सीसी ने राजनीतिक एवं सुरक्षा सहयोग, रक्षा सहयोग, व्यापार और निवेश संबंधों, वैज्ञानिक और शैक्षणिक आदान-प्रदान तथा दोनों देशों की जनता के स्तर पर संपर्क को मजबूत करने के लिए व्यापक बातचीत के बाद रणनीतिक साझेदारी दस्तावेज पर हस्ताक्षर किए।

विदेश सचिव विनय क्वात्रा ने यहां संवाददाताओं से कहा कि रणनीतिक साझेदारी पर समझौते के अलावा, दोनों देशों ने कृषि और संबद्ध क्षेत्रों, स्मारकों और पुरातात्विक स्थलों की सुरक्षा एवं संरक्षण तथा प्रतिस्पर्धा कानून पर तीन अन्य समझौतों पर भी हस्ताक्षर किए।

अल-सीसी ने मोदी को मिस्र के सर्वोच्च ऑर्डर ऑफ द नाइल से भी सम्मानित किया, जो विभिन्न देशों की ओर से प्रधानमंत्री को प्रदान किया गया 13वां सर्वोच्च राजकीय सम्मान है।

मोदी ने एक ट्वीट में कहा कि मैं बड़ी विनम्रता के साथ ऑर्डर ऑफ द नाइल स्वीकार करता हूं। मैं इस सम्मान के लिए मिस्र की सरकार और लोगों को धन्यवाद देता हूं। यह भारत और हमारे देश के लोगों के प्रति उनके सद्भाव एवं स्नेह को दर्शाता है।

मोदी और अल-सीसी ने जी-20 में आगे के सहयोग पर भी चर्चा की, जिसमें खाद्य और ऊर्जा सुरक्षा, जलवायु परिवर्तन और वैश्विक दक्षिण के लिए एक ठोस आवाज उठाने की आवश्यकता के मुद्दों पर प्रकाश डाला गया। प्रधानमंत्री ने अल-सीसी को सितंबर में नई दिल्ली में जी-20 शिखर सम्मेलन में भाग लेने का निमंत्रण भी दिया।

मिस्र के राष्ट्रपति कार्यालय के प्रवक्ता अहमद फहमी ने कहा कि दोनों नेताओं ने शिखर स्तर पर बातचीत की, जिसके दौरान उन्होंने दोनों देशों के बीच विशिष्ट संयुक्त ऐतिहासिक संबंधों और इन्हें विभिन्न क्षेत्रों में व्यापक क्षितिज तक पहुंचाने की आपसी प्रतिबद्धता की पुष्टि की, विशेष रूप से दोनों देशों के वरिष्ठ अधिकारियों की पारस्परिक यात्राओं में तेजी लाकर।

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