फ्लू के कारण लंबे समय तक पीड़ित रहते हैं लोग, इस रिपोर्ट को पढ़कर आपके…

ई दिल्ली (ईएमएस)। बदलते मौसम में फ्लू के कारण अस्पताल में भर्ती होने वाले लोग लंबे समय तक पीड़ित रहते हैं। उनके स्वास्थ्य पर नकरात्मक प्रभाव होते हैं, विशेष रूप से उनके फेफड़े और श्वसन मार्ग सबसे ज्यादा प्रभावित होते हैं, ठीक वैसे ही जैसे दीर्घकालिक कोविड के प्रभाव किसी पीड़ित के शरीर पर दिखाई देते हैं। एक अध्ययन में इसकी जानकारी दी गई है। ‘द लैंसेट इंफेक्शस डिजीज पत्रिका में प्रकाशित अध्ययन रिपोर्ट में कोविड और फ्लू का कारण बनने वाले वायरस की तुलना की गई है। अध्ययन में सामने आया कि संक्रमण के 18 महीनों के बाद मरीज फिर चाहे वह कोरोना या फिर फ्लू की वजह से अस्पताल में भर्ती हुआ हो, उस मौत का खतरा, अस्पताल में दोबारा भर्ती होने का खतरा और कई अंगों से जुड़ी समस्याओं का खतरा ज्यादा होता है।

यह अध्ययन कोविड या फ्लू के बाद अस्पताल में भर्ती होने वाली लोगों की मौत के बढ़े हुए आंकड़ों और खराब स्वास्थ्य की बात करता है। उन्होंने कहा, इस बात का खास ख्याल रखने की जरूरत है कि संक्रमण के शुरुआती 30 दिनों के बाद खतरा सबसे ज्यादा होता है। बहुत से लोग सोचते हैं कि अस्पताल से छुट्टी होने के बाद वे कोविड-19 और फ्लू जैसी बीमारी से उबर चुके हैं। कुछ लोगों के लिए यह सही हो सकता है लेकिन हमारा अध्ययन दर्शाता है कि दोनों वायरस लंबे समय तक शरीर में बने रह सकते हैं।

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