बड़ा खुसाला : लश्कर-ए-तैयबा रच रहा नई साजिश, अब आतंकियों को भारत भेजने के लिए…

ड्रोन के जरिए भारत में ड्रग्स और हथियार भेजने की बात अब पुरानी हो जाएगी। अब लश्कर अपने आतंकियों को भारत भेजने के लिए ड्रोन का प्रयोग करने की परीक्षण कर रहा है। भारत में दहशत फ़ैलाने के लिए आतंकी समूह लश्कर-ए-तैयबा हमेशा ही अपने आतंकियों को यहां भेजने की कोशिश करता रहता है। लेकिन भारतीय सेना जिस लेवल पर सीमा की निगरानी कर रही है, उससे इस आतंकी संगठन के मंसूबे कामयाब नहीं हो पा रहे। उसके द्वारा भेजे जा रहे सारे आतंकी हर हाल में यहां निपटा दिए जा रहे हैं। इसी कारण से भारतीय सेना को चकमा दें के लिए यह आतंकी संगठन अब ड्रोन के जरिए भारतीय क्षेत्र में आतंकवादियों को गिराने की क्षमता का टेस्ट कर रहा है, जो 70 किलोग्राम भारी पेलोड अपने साथ ले जा सकता है।

लश्कर-ए-तैयबा रच रहा बड़ी साजिश

एक विडियो अभी खूब वायरल हो रहा है जो लश्कर-ए-तैयबा के ड्रोन ट्रेनिंग कैंप के अंदर का है। इस वीडियो में एक बड़ा ड्रोन आतंकियों को ले जाने और उन्हें पानी में गिराने की क्षमता का टेस्ट करता हुआ दिखाई दे रहा है। इस विडियो को देखकर ऐसा प्रतीत होता है कि इस संगठन कि योजना पंजाब और जम्मू-कश्मीर में सीमा पर आतंकवादियों को भारत में गिराने की है। इस विडियो के आने के बाद से जवान और अलर्ट हो गए हैं। बता दें कि पिछले महीने ऐसे ही ड्रोन के इस्तेमाल से पंजाब में एक आतंकी को गिराया गया था।

अब तक हथियार और नशीले पदार्थ भेजने के लिए करते थे उपयोग

अब तक आतंकी ड्रोन का इस्तेमाल कर पंजाब, राजस्थान, गुजरात और जम्मू कश्मीर में हथियार और नशीले पदार्थ जैसे ड्रग्स और गांजा गिराते थे। सेना द्वारा पाकिस्तानी ड्रोन गिराने की खबर हर दूसरे दिन सुनने की मिलती थी। लेकिन अब जिस तरह का विडियो सामने आया है उससे हमारे सुरक्षाबलों को और सतर्कता बरतने की जरूरत होगी। क्योंकि इस ड्रोन के जरिए आतंकी कहीं भी आतंक मचा कर वापस अपने देश लौट सकते हैं।

70 किलो उठाकर 60 किलोमीटर तक जा सकता है

बता दें कि ये ड्रोन काफी आधुनिक है। इस पाकिस्तानी आतंकी संगठन के पास यह ड्रोन कैसे आया इस बात की जानकरी अब तक सामने नहीं आई है। इस ड्रोन की खूबियों की अगर बात करें तो यह 70 किलोग्राम तक का पेलोड ले जा सकता है। इस ड्रोन के माध्यम से मानव आतंकवादी और हथियारों को आसानी आसपास के 60 किलोमीटर की रेंज में पहुंचाया जा सकता है। रक्षा से जुड़े विशेषज्ञों का मानना है कि पाकिस्तान की जासूसी एजेंसी ISI के सपोर्ट के बगैर उन्हें ऐसे ड्रोन नहीं मिल सकते थे।

खबरें और भी हैं...

अपना शहर चुनें