बसपा प्रमुख ने पूर्व मंत्री को किया निष्कासित, कौन हैं नकुल दुबे

बसपा प्रमुख मायावती ने पार्टी गतिविधियों के चलते पूर्व मंत्री नकुल दुबे को बर्खास्त कर दिया है। बसपा के महासचिव सतीश चन्द्र मिश्र के करीबी रहे नकुल दुबे को पार्टी में अनुशासन -हीनता अपनाने व पार्टी विरोधी गतिविधियों में लिप्त होने के आरोप में यह कार्रवाही की गई है। यूपी विधानसभा चुनाव परिणाम के बाद बसपा प्रमुख ने पहली कार्यवाही की है। इससे पहले बसपा प्रमुख मायावती ने यूपी विधान सभा के समय करीब दो दर्जन से ज्यादा सक्रिय बड़े नेताओं को निष्कासित किया है। पूर्व मंत्री नकुल दुबे ने मीडिया से बातचीत करते हुए बताया कि, मुझे निष्कासन की जानकारी नहीं है। इसलिए क्यों कार्यवाही हुई इस पर कुछ कहना उचित नहीं होगा।

2022 के चुनाव में नहीं दिया था टिकट
यूपी विधान सभा चुनाव 2022 के चुनाव में नकुल दुबे को प्रत्याशी नहीं बनाया गया था। नकुल दुबे लखनऊ की बीकेटी विधानसभा से 2007 के चुनाव में पहली बार विधायक बने और मायावती सरकार में मंत्री भी बनाए गए थे। इसके बाद वह 2017 तक के विधानसभा चुनाव में प्रत्याशी बनाए गए थे। लेकिन इस बार के चुनाव में उन्हें प्रत्याशी भी नहीं बनाया गया।

कौन हैं नकुल दुबे
यूपी विधानसभा चुनाव 2022 के लिए बसपा ने नकुल दुबे को अपना नया ब्राह्मण चेहरा बनाया था। वर्ष 1984 में विद्यान्त हिन्दू डिग्री कॉलेज लखनऊ से बीए और 1987 में लखनऊ विश्वविद्यालय से एलएलबी की डिग्री लेकर इन्होंने लखनऊ हाईकोर्ट में वकालत शुरू की। इसके बाद राजनीति में रुझान होने से वर्ष 2007 में महोना से बसपा के सिंबल पर विधायक निर्वाचित हुए। बसपा सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे नकुल दुबे को सीतापुर का लोकसभा प्रभारी बनाया गया था। मगर वह चुनाव हार गए थे। 2014 के लोकसभा चुनाव में नकुल दुबे लखनऊ से मैदान में उतरे थे। यहां पर भाजपा के राजनाथ सिंह ने जीत दर्ज की थी। बसपा के नकुल दुबे 64449 वोट लेकर तीसरे स्थान पर रहे।

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