बिकरू कांड : मनू पाण्डेय पर पहले रहम और अब सितम क्यों ? एक सवाल का जवाब पुलिस के पास भी नहीं

– चार साल बाद मनू पाण्डेय की जायदाद कुर्क होगी, तीन साल मेहरबान रही थी पुलिस

– बिकरू कांड के बाद वायरल हुए थे मनू के आडियो, लेकिन पुलिस ने नहीं बनाया आरोपी

भास्कर ब्यूरो

कानपुर। याद कीजिए, 02 जुलाई 2020 की वह खौफनाक रात, जब बिकरू गांव में दहशतगर्द गैंगस्टर विकास दुबे और उसके गुर्गों ने डीएसपी समेत आठ पुलिसकर्मियों को गोलियों से भून दिया था। इसके बाद पुलिस और एसटीएफ ने आठ दिन के भीतर विकास दुबे समेत छह बदमाशों को एनकाउंटर में मार गिराया था। इस मामले में तत्कालीन चौबेपुर एसओ विनय तिवारी समेत 54 आरोपी अभी भी जेल में बंद हैं। पुलिस ने ताबड़तोड़ कार्रवाई करते हुए पुख्ता साक्ष्य बगैर नव-ब्याहता खुशी दुबे को भी गिरफ्तार कर लिया था, लेकिन तमाम साक्ष्य के बावजूद विकास के मामा प्रेमप्रकाश पाण्डेय की बहू मनू पाण्डेय पर पुलिस मेहरबान रही। बिकरू कांड के बाद मनू के तमाम आडियो भी वायरल हुए थे, जिससे मनू की घटना में सहयोगी की भूमिका साबित होती थी। पुलिस ने मनू को आरोपी बनाने के बजाय सरकारी गवाह बनाया। 

इसी दरमियान तीन साल बाद पुलिस की मेहरबानी अचानक थम गई। पुलिस ने मनू के खिलाफ गैर-जमानती वारंट हासिल किया और कोर्ट-कचहरी के चक्कर के बाद अब मनू की संपत्ति कुर्क करने की तैयारी है। इस कवायद में एक सवाल छूट रहा है। आखिरकार बिकरू कांड के बाद मनू के आडियो से उसकी सहयोगी की भूमिका साबित थी तो उसे क्यों बक्श दिया गया, जबकि दो दिन पहले ब्याह कर बिकरू पहुंची खुशी दुबे को बगैर साक्ष्य क्यों गिरफ्तार किया गया था। इस सवाल का जवाब देने से कानपुर पुलिस कमिश्नरेट के आला अधिकारी भी बच रहे हैं।

अब पुलिस का तर्क है कि मनू के वायरल हुए आडियो से उसकी घटना में सहयोगी की भूमिका साबित होती है, इसीलिए उसे आरोपी बनाया गया है, जबकि इसी पुलिस का पहले तर्क था कि आडियो कोई साक्ष्य नहीं होते हैं, इसलिए मनू को मुल्जिम न बनाकर सरकारी गवाह बनाया गया है। पुलिस के ये दोनों विरोधाभाषी तर्क गले नहीं उतर रहे हैं। 

चौबेपुर के बिकरू कांड में सबसे ज्यादा ऑडियो वायरल होने के बाद चर्चा में आईं मनू पांडेय, एनकाउंटर में मारे गए मामा प्रेम प्रकाश पांडेय की बहू और आरोपी बनाए गए शशिकांत की पत्नी है। मनू पांडेय के खिलाफ कोर्ट ने चार साल बाद पुलिस को गैर जमानती वारंट जारी करते हुए उसकी संपत्तियों को कुर्क करने के आदेश दिए हैं। सोमवार को एसीपी कार्यालय से चौबेपुर पुलिस को कुर्की का आदेश मिलने के बाद इंस्पेक्टर ने बिकरू जाकर मनू पांडेय से जुड़ी संपत्तियों की जानकारी जुटाई।

2 जुलाई 2020 की रात दबिश के दौरान बिकरू गांव में गैंगस्टर विकास दुबे व उसके गुर्गों ने सीओ समेत आठ पुलिस कर्मियों की गोलियों से भून कर हत्या कर दी थी। हत्याकांड के बाद एनकाउंटर में मारे गए विकास के मामा प्रेम प्रकाश पांडेय की बहू मनू उर्फ वर्षा के ससुर व पति से वार्ता के कई ऑडियो वायरल हुए थे।

जांच में संदिग्ध मिली थी मनू की भूमिका  

पुलिस ने मामले में मनू को मुल्जिम नहीं बनाया था लेकिन विवेचना के दौरान उसकी भूमिका संदिग्ध मानी गई। केस डायरी के आधार पर पुलिस ने मनू को बिकरू कांड से जुड़े एक मामले में सरकारी गवाह भी बनाया था। विवेचना के आधार पर पुलिस ने 17 जुलाई 2023 को कोर्ट से मनू के खिलाफ गैर जमानती वारंट हासिल किया था लेकिन उसने कोर्ट में पैरवी शुरू कर सुनवाई का समय मांगा। इस मामले में सुनवाई के बाद धारा 82 की कार्रवाई और 14 मई को कोर्ट ने धारा 83 के आदेश देकर मनू की संपत्ति की कुर्की के आदेश दे दिए। इसके बाद पुलिस ने कार्रवाई की तैयारी शुरू की है। 

मनू के नाम है एक प्लाट और मकान 

चौबेपुर इंस्पेक्टर रवींद्र श्रीवास्तव ने बताया कि एसीपी कार्यालय से सोमवार को कुर्की आदेश प्राप्त हुआ है। बिकरू गांव जाकर मनू पांडेय से जुड़ी संपत्तियों की जानकारी जुटाई गई है। इधर मनू की सास सुषमा पांडेय ने बताया कि बिकरू में जिस मकान में रहती है, वह उसके पति के नाम है। बेटे शशिकांत ने मनू के नाम एक प्लाट खरीदा था, जो मंधना में है। चौबेपुर में मकान भी मनू के नाम है।

खंगाली जा रही मनू पांडेय की अन्य संपत्ति‍यां 

इंस्पेक्टर ने बताया कि मनू पांडेय की अन्य संपत्तियां खंगाली जा रही है। एक-दो दिन में कुर्की की कार्रवाई की जाएंगी। 

दवा के लिए भी पैसे नहीं, जिंदगी के दिन काट रही हूं

सुषमा ने बताया कि उनका विकास दुबे से कोई रिश्ता नहीं था। पति प्रेम प्रकाश को वह मामा कहता था। एक साबुन फैक्ट्री से नौकरी छूटने के बाद पति से नजदीकी बढ़ने के कारण विकास ने उसके परिवार को बिकरू में पनाह दे दी थी। घर के सामने पड़े एक कच्चे मकान को पति के नाम कर दिया था। 2 जुलाई की रात उसके मकान के पीछे आंगन में सीओ देवेंद्र मिश्रा और बाहर दरवाजे पर दो पुलिस कर्मियों की हत्या हुई थी। हत्याकांड के बाद पति एनकाउंटर में मारे गए जबकि बेटा शशि कांत जेल में है। वह अकेले रह कर जिंदगी के दिन काट रही हैं। दवा के लिए भी पैसे नहीं हैं। बहू मनू तो तीन साल से मायके मंधना में रह रही है। कभी गांव भी नहीं आती है। पिछली तारीख में बेटे से गांव के एक व्यक्ति ने बात कराई थी। बेटे की पैरवी के लिए भी कोई मदद नहीं कर रहा है। 

यूपी के बिकरू कांड की यादें आज भी लोगों के जेहन में ताजा हैं। बिकरू कांड की सबसे सनसनीखेज महिला मनु पांडेय को पहले पुलिस ने सरकारी गवाह बनाया था। पुलिस ने तीन साल बाद मनु पांडेय को अब आरोपी बनाया है। बिकरू कांड के बाद सबसे ज्यादा ऑडियो मनु के वायरल हुए थे। पुलिस ने यह कार्रवाई गुपचुप तरीके से की है। माती कोर्ट से कुर्की का नोटिस जारी होने के बाद यह कार्रवाई सार्वजनिक हुई है। पुलिस का दावा है कि जानकारी होने के बाद मनु पांडेय फरार है। उसने हाई कोर्ट में गैर जमानती वारंट के खिलाफ याचिका दायर की थी लेकिन कोर्ट ने उसे खारिज कर दिया। 

इस मामले में 36 आरोपी जेल में बंद हैं। बिकरू कांड के बाद पुलिस-प्रशासन ने विकास दुबे की कोठी पर बुलडोजर चला कर खंडहर में तब्दील कर दिया था। इसके साथ ही उसकी लग्जरी गाड़ियों और ट्रैक्टर को भी बर्बाद कर दिया गया था। मनु के घर के आंगन में सीओ देवेंद्र मिश्रा की हत्या की गई थी। वहीं, बरामदे में दो सिपाहियों की लाशें मिली थीं। बिकरू कांड की अगली सुबह पुलिस ने विकास दुबे के मामा प्रेम प्रकाश पांडेय और अतुल दुबे को एनकाउंटर में मार गिराया था। मनु पांडेय पर आरोप था कि उसने फोन करके विकास दुबे के गैंग के सदस्यों को पुलिस के लोकेशन की जानकारी दी। बिकरू कांड के वक्त पुलिस पर सवाल उठे थे कि मनु को आरोपी क्यों नहीं बनाया गया। वहीं, अब पुलिस का दावा है कि ऑडियो रिकॉर्डिंग के आधार पर ही उसे आरोपी बनाया गया है। मनु के पति शशिकांत पांडेय बिकरू कांड में आरोपी है और माती जेल में बंद है। 

हाई कोर्ट ने खारिज की याचिका

पुलिस ने गुपचुप तरीके से 17 जुलाई 2023 को एंटी डकैती कोर्ट से मनु के खिलाफ गैर जमानती वारंट हासिल कर लिया था। पुलिस ने 14 सितंबर 2023 को मुनादी करते हुए आरोपी के दरवाजे पर नोटिस चस्पा किया था। इसकी जानकारी होने पर आरोपी पक्ष की तरफ से हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की गई थी, लेकिन कोर्ट ने इस याचिका को 24 जनवरी 2024 को खारिज कर दिया था। हाई कोर्ट से राहत नहीं मिलने पर पुलिस ने उसे आत्मसमर्पण करने का समय दिया था लेकिन आरोपी ने सरेंडर नहीं किया। वहीं, पुलिस ने आरोपी के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल नहीं किया है। सहायक शासकीय अधिवक्ता प्रशांत मिश्रा के मुताबिक पुलिस ने आरोपी मनु पांडेय के खिलाफ कुर्की की कार्रवाई के लिए प्रार्थना पत्र पर कोर्ट ने आदेश दिए हैं।

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