
रुड़की। बैंकों के निजीकरण के खिलाफ यूनाइटेड फोरम आफ बैंक यूनियन के बैनर तले कर्मचारियों ने केंद्र सरकार के खिलाफ रैली निकाल कर नारेबाजी कर प्रदर्शन किया। 17 दिसंबर को बैकिग उद्योग का चक्का जाम करने के लिए कर्मचारियों ने एकजुट होकर आंदोलन में भागीदारी का आह्वान किया।
पुराना रेलवे रोड केनरा बैंक की शाखा पर यूनियन के बैनर तले हुए बैंक कर्मियों ने नारेबाजी कर प्रदर्शन किया। यूनियन कामरेड मन्नू माकिन, अनिल अग्निहोत्री, विशाल गुप्ता ने कहा कि सरकार लगातार सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों का निजीकरण कर उन्हें ऐसे लोगों को सौंपना चाहती है जो बैंकों का अरबों-खरबों रुपया दबाए हुए हैं, बैंक कर्मचारी आंदोलन कर इसी का विरोध कर रहे हैं।
यूनियन पदाधिकारियों ने रैली निकालकर कहा कि सरकार बैंकों के निजीकरण करने के लिए संसद में बिल पेश करना चाहती है जो भारत जैसे विकासशील देश के लिए प्रतिगामी उपाय है। उन्होंने कहा कि निजीकरण के परिणाम स्वरूप बैंकों की शाखाएं कम हो जाएंगी। प्रदर्शनकारियों में विनोद गुप्ता विपिन थपलियाल, अर्जुन गांधी, विजय गुप्ता, मनोज खुराना, राकेश सैनी, विपिन मलिक, तरुण त्यागी, अर्जुन गुप्ता, पीयूष, कुलवंत सिंह, पवन, कुलदीप सिंह, प्रमोद, अनिल बजाज, प्रेम सिंह, अजय पाराशर, दीपक कुमार, निधि अग्रवाल, नीना अग्रवाल, शोभना दुआ, मेघा, ममता मेहरा, मंजू धीमान, मीनाक्षी, रोहित, उदित, संजय, विपिन राणा, दर्पण, आशीष, प्रकाश पंत, दीपक, राहुल, मोहम्मद इरशाद, धर्मपाल, महेश कुमार प्रवचन, मौ आसिफ, ज्योति, शांति, सिक्का, इंद्रा त्यागी आदि बैंको के प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया।
रुड़की। बैंक कर्मचारी ने मांगों को लेकर दो दिन की हड़ताल शुरू कर दी है। इससे बैंक उपभोक्ताओं को परेशानी झेलनी पड़ी है। कस्बा झबरेड़ा में भारतीय स्टेट बैंक और पंजाब नेशनल बैंक बंद रहे। बैंक बंद रहने से बैंक उपभोक्ताओं को लेनदेन के लिए दिक्कत झेलनी पड़ी। बैंक उपभोक्ताओं का कहना है कि क्षेत्र में लोग लगातार बैंक में लेनदेन के लिए चक्कर काटते रहे। इनमें कुछ गन्ना कोल्हू ठेकेदार भी हैं, जिनको बैंक से कैश लेकर गन्ने की खरीदारी करनी होती है। बैंक बंद होने से लोगों को लेनदेन के लिए भारी परेशानी झेलनी पड़ी।