ब्रह्मपुत्र नदी पर सबसे लंबा पुल बनाने जा रहा भारत, चीन को ऐसे मिलेगी चुनौती

लद्दाख में भारत-चीन की सेनाएं आमने सामने आई हैं. पिछले कई महीने से गतिरोध चर रहा है. भारत चीन के हर चाल का जवाब भी दे रहा है. भारत लगातार अपनी सैन्य ताकत बढ़ाता जा रहा है. अब भारत एक ऐसा काम करने जा रहा जिससे आसानी से चीन की सीमाओं पर पहुंचा जा सकेगा. सीमाओं पर मजबूत सड़क नेटवर्क खड़ा करने के क्रम में मोदी सरकार ब्रह्मपुत्र नदी पर देश का सबसे लंबा सड़क पुल बनाने जा रही है. असम-मेघालय को जोड़ने वाले पुल की लंबाई 18 किलोमीटर से अधिक है.

इससे चीन व बंगलादेश सीमा तक पहुंचने के लिए नया सड़क मार्ग उपलब्ध होगा. सामरिक व सामाजिक दृष्टि से महत्वपूर्ण इस पुल के निर्माण सैन्य वाहन, रसद व व्यवसायिक वाहनों का आवागमन समुगम-तेज होगा. वहीं, पूर्वोत्तर राज्यों में आर्थिक गतिविधियों को गति मिलेगी. इस पुल के निर्माण के बाद चीन को कड़ी चुनौती मिलेगी. भारतीय सेना आसानी से चीनी सीमा पर पहुंच सकेगी

भारत के सड़क परिवहन व राजमार्ग मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि इस हफ्ते बुनियादी ढांचा निर्माण कंपनी को असम के धुबरी से मेघायल के फुलवारी के बीच (एनएच संख्या 127 बी) ब्रह्मपुत्र नदी पर रोड पुल बनाने का ठेका दिया गया है.

बताया गया है कि नए साल में पुल निर्माण कार्य शुरू हो जाएगा और इसको 2026-27 तक पूरा करने का लक्ष्य है. इसके निर्माण पर लगभग 5000 करोड़ रुपये खर्च आएगा. योजना में 12.62 किलोमीटर लंबा पुल, धुबरी छोर पर 3.5 किलोमीटर व फुलवारी की ओर 2.2 किलोमीटर की अप्रोच रोड बनाई जाएंगी.

पुल निर्माण से असम, मेघायल, त्रिपुरा, बराक वैली आदि क्षेत्र आवागमन सुलग हो जाएगा. वर्तमान में फैरी सेवा (नाव) से ब्रह्मपुत्र नदी पार करते हैं, इसमें 2.5 घंटे का समय लगता है. मानूसन के दौरान यह सेवा ठप रहती है. जिससे लोगों को 250 किलोमीटर का फेरा नहीं लगाना पड़ता है. अधिकारी ने बताया कि पुल पर वाहन 100 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से दौड़ सकेंगे. इससे सड़क यात्री, माल परिवहन सहित सैन्य वाहन, रसद-हथियार आदि वाहन तेज गति से बार्डर तक पहुंच सकेंगे

इससे पहले खबर आई थी कि पूर्वी लद्दाख में भारत से गतिरोध के बीच चीन, तिब्बत में ब्रह्मपुत्र नदी पर एक प्रमुख बांध का निर्माण करेगा और अगले साल से लागू होने वाली 14वीं पंचवर्षीय योजना में इससे संबंधित प्रस्ताव पर विचार किया जा चुका है. चीन की आधिकारिक मीडिया ने बांध बनाने का जिम्मा प्राप्त कर चुकी एक चीनी कंपनी के प्रमुख के हवाले से यह जानकारी दी है.

चीन का सरकारी भोंपू ग्लोबल टाइम्स’ की खबर के अनुसार ‘पावर कंस्ट्रक्शन कॉर्पोरेशन ऑफ चाइना’ के अध्यक्ष यांग जियोंग ने कहा कि चीन ”यारलुंग ज़ंग्बो नदी (ब्रह्मपुत्र का तिब्बती नाम) के निचले हिस्से में जलविद्युत उपयोग परियोजना शुरू करेगा.” और यह परियोजना जल संसाधनों और घरेलू सुरक्षा को मजबूत करने में सहायक हो होगी.’

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