भारतीय एयरोस्पेस की संवेदनशील गोपनीय जानकारियां पाकिस्तान के रास्ते चीन तक पहुंचाने की आशंका

– एयरोस्पेस की दुनिया में भारत को अव्वल बनाने वाले कई प्रोजेक्ट में शामिल था वैज्ञानिक

– दुश्मन देश को दी गईं जानकारियां भारत की सुरक्षा के लिए पैदा कर सकती हैं खतरा

नई दिल्ली, 05 मई (हि.स.)। जासूसी करने के आरोप में महाराष्ट्र से पकड़े गए डीआरडीओ वैज्ञानिक पर देश की संवेदनशील गोपनीय जानकारियां पाकिस्तान के रास्ते चीन तक पहुंचाने की आशंका है। हनीट्रैप के इस मामले की जांच इस एंगल से भी वैज्ञानिक से पूछताछ करके की जा रही है। इस वैज्ञानिक ने एयरोस्पेस की दुनिया में भारत को अव्वल बनाने वाली कई मिसाइलों, एंटी सेटेलाइट मिसाइल और इंटरनेशनल कॉन्टिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइल (आईसीबीएम) जैसे अहम प्रोजेक्ट में लीड रोल निभाया था, इसलिए दुश्मन देश को दी गईं जानकारियां भारत की सुरक्षा के लिए खतरा पैदा कर सकती हैं।

रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) की पुणे स्थित प्रयोगशाला अनुसंधान एवं विकास प्रतिष्ठान (आरएंडडीई) में तैनात निदेशक (इंजीनियर) पीएम कुरूलकर को मुंबई एसटीएफ ने पाकिस्तान की ख़ुफ़िया एजेंसी आईएसआई के लिए जासूसी करने के आरोप में गुरुवार को गिरफ्तार किया। गिरफ्तार वैज्ञानिक का संपर्क व्हाट्सएप संदेशों, वॉयस कॉल, वीडियो आदि के माध्यम से खुफिया एजेंसी के गुर्गों के साथ था। भारतीय ख़ुफ़िया एजेंसियों को चिंता इस बात की है कि डीआरडीओ के इस अधिकारी ने अपने पद का दुरुपयोग करके संवेदनशील गोपनीय जानकारियां देने का समझौता किया, जो दुश्मन राष्ट्र के हाथों में पड़ने पर भारत की सुरक्षा के लिए खतरा पैदा कर सकती हैं।

गिरफ्तार किये गए वैज्ञानिक ने डीआरडीओ की पुणे प्रयोगशाला में विकसित आकाश ग्राउंड सिस्टम में प्रोजेक्ट डायरेक्टर, भारत की परमाणु-संपन्न लंबी दूरी की बैलिस्टिक मिसाइल अग्नि प्रोजेक्ट, मध्यम दूरी की सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल (एमआरएसएएम) के लॉन्चर्स के लीड डिजाइनर, सबसोनिक क्रूज मिसाइल सिस्टम निर्भय और प्रहार, क्विक रिएक्शन सरफेस टू एयर मिसाइल (क्यूआरएसएएम), शॉर्ट रेंज सरफेस-टू-एयर मिसाइल सिस्टम (एसआरएसएएम) और एंटी सेटेलाइट मिसाइल सिस्टम के लॉन्चर के लिए प्रोजेक्ट लीडर और सिस्टम मैनेजर के रूप में काम किया है।

सूत्रों का कहना है कि इतने महत्वपूर्ण पदों पर रहने के दौरान उसे उन क्षेत्रों के बारे में संवेदनशील जानकारियां थीं, जिन्होंने भारत को एयरोस्पेस की दुनिया में अन्य देशों के मुकाबले अव्वल बनाया है। वैज्ञानिक पीएम कुरूलकर ने शीर्ष मिसाइल प्रणालियों के अलावा इंटरकांटिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइल (आईसीबीएम) में भी काम किया है। भारत ने 5000 किमी. से आगे की रेंज वाली अग्नि मिसाइल आईसीबीएम का परीक्षण शुरू करने की तैयारी तेज कर दी है। इसके साथ ही भारत की गिनती उन देशों में हो जाएगी, जिनके पास आईसीबीएम है। भारत से पहले अमेरिका, रूस, फ्रांस और चीन के पास इंटरकॉन्टिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइल की क्षमता है।

महाराष्ट्र पुलिस के आतंकवाद निरोधी दस्ते (एटीएस) ने गिरफ्तार किये गए वैज्ञानिक के खिलाफ ऑफिशियल सीक्रेट एक्ट 1923 और अन्य संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है। जांच एजेंसियों को यह गोपनीय जानकारियां पाकिस्तान के रास्ते चीन को पहुंचाए जाने की भी आशंका है, इस एंगल से भी वैज्ञानिक से पूछताछ की जा रही है। यह हनीट्रैप का मामला है, इस तरह के मामले पहले भी पकड़े जा चुके हैं। पिछले साल नवंबर में दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने विदेश मंत्रालय में कार्यरत एक ड्राइवर को जासूसी के आरोप में नई दिल्ली के जवाहर लाल नेहरू भवन से गिरफ्तार किया था।

इसी तरह सितंबर, 2022 में उत्तराखंड के हरिद्वार से सेना के एक जवान को आईएसआई एजेंट ने रिया शर्मा के फर्जी नाम से हनी ट्रैप में फंसाया गया। उसे राजस्थान पुलिस ने गिरफ्तार किया था। जवान जोधपुर स्थित सेना की सीक्रेट मिसाइल रेजीमेंट यूनिट में गनर था। पिछले साल ही आईएसआई के साथ भारतीय सेना की गोपनीय जानकारी साझा करने के आरोप में पीर मोहम्मद उर्फ समीर दा को पश्चिम बंगाल पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) की टीम ने गिरफ्तार किया था। माना जाता है कि उसने पाकिस्तान की आईएसआई के साथ पैसे के लिए महत्वपूर्ण जानकारी साझा की थी। पीर मोहम्मद कालिम्पोंग और पश्चिम बंगाल के उत्तरी बंगाल क्षेत्र में सेना की आवाजाही के बारे में सभी विवरण साझा करता था।

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