जहां एक तरफ लद्दाख की सीमा पर पिछले 6 महीनों से भारत और चीन के बीच विवाद चल रहा है. इसमें आए दिन भारत अपने नए नए हथियारों व मिसाइलों का सफल परिक्षण कर रहे हैं. ऐसा कर भारत लगातार अपनी ताकत में इजाफा कर रहा हैं. अब ऐसे में लद्दाख में चीन से सीमा विवाद के बीच भारतीय नौसेना ने अमेरिका से दो MQ-9B सीगार्जियन अनमैन्ड एरिअल वीइकल्स (UAV) को लीज पर लिए हैं. इससे इंटेलिजेंस, सर्विलांस और दुश्मनों की हर हरकत पर नज़र रखने की क्षमता और भी ज्यादा बढ़ जायेगी. इस मामले से जुड़े अधिकारियों ने यह जानकारी दी है. अधिकारियों ने नाम गोपनीय रखने की शर्त पर बताया कि इन ड्रोन्स को एक साल के लिए लीज पर लिया गया है.
आपको बता दें हाई टेक यूएवी पीडेटर बी ड्रोन्स के वेरिएंट हैं. जिनका उत्पादन अमेरिकी कंपनी जनरल ऑटोमिक्स ने किया है. इसे तमिलनाडु के राजाली नेवल एयर स्टेशन पर तैनात किया गया है. जहां भारतीय नेवी के P-8I लॉन्ग रेंज मैरिटाइम टोही विमानों को भी रखा गया है. अधिकारियों ने बताया कि यूएवी नवंबर की शुरुआत में आ गए थे और पिछले हफ्ते से अपने मिशन में जुट गए हैं.
सरकार की ओर से सेना के लिए उपकरण लीज पर लेने के फैसले के बाद MQ-9B पहला मिलिट्रीय हार्डवेयर है. जिसे लीज पर लिया गया है. 1 अक्टूबर से डिफेंस एक्वीजिशन प्रोसीजर 2020 के तहत हथियार खरीद पर होने वाले खर्च को घटाने के लिए हथियार और उपकरण लीज पर लेने की अनुमति दी गई है.
अब आप सोच रहे होंगे कि इस ड्रोन में ऐसी क्या खास बात है. जो भारतीय नौसेना ने इसे लीज पर लिया है. 40 हजार फीट की ऊंचाई से ऑपरेट करने में सक्षम MQ-9B यूएवी लगातार 30 घंटे तक उड़ सकते हैं और 5 हजार नॉटिकल माइल्स तक देखने में सक्षम हैं. इनकी मदद से भारतीय नौसेना हिंद महासागर में एक बड़े इलाके पर बड़ी ही आसानी से नजर रख सकेगी है. भारत ने ऐसे 30 यूएवी को तैनात करने का प्लान बनाया है, जिनमें हथियार बरसाने वाले ड्रोन भी शामिल हैं.