नई दिल्ली, (हि.स.)। दिल्ली हाई कोर्ट ने एक बुजुर्ग मां-पिता की अपने अविवाहित पुत्र के स्पर्म के फ्रोजन सैंपल देने की मांग करनेवाली याचिका पर सुनवाई करते हुए केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया है। जस्टिस यशवंत वर्मा ने केंद्र सरकार को पक्षकार बनाते हुए नोटिस जारी किया। इस मामले पर अगली सुनवाई जनवरी 2023 में होगी।
याचिका गुरविंदर सिंह और उनकी पत्नी ने दायर किया है। याचिकाकर्ताओं के पुत्र की मौत 2020 में कैंसर से हो गई थी। उनके बेटे के फ्रोजन सीमेन गंगाराम अस्पताल में संरक्षित कर रखा हुआ है। गंगाराम अस्पताल में ही उनके बेटे की कैंसर के इलाज के दौरान मौत हो गई थी। याचिका में कहा गया है कि याचिकाकर्ताओं के बेटे की मौत के बाद उसके एकमात्र वारिस वे ही हैं, लेकिन अस्पताल उनके बेटे का फ्रोजन सीमेन सैंपल नहीं दे रहा है। ऐसा कर अस्पताल उनके अधिकारों का उल्लंघन कर रहा है।
इसके पहले सुनवाई के दौरान गंगाराम अस्पताल ने कहा था कि ऐसा कोई कानून नहीं है कि अविवाहित पुरुष के फ्रोजन सीमेन का सैंपल उनके कानूनी उत्तराधिकारियों को दिया जाए। जब याचिकाकर्ताओं के पुत्र का कैंसर का इलाज चल रहा था तो डॉक्टरों ने कहा था कि इससे उनमें नपुंसकता आ सकती है। जिसके बाद जून 2020 में उनका स्पर्म आईवीएफ लैब में संरक्षित कर दिया गया। अपने बेटे की मौत के बाद याचिकाकर्ताओं ने उसके सीमेन का सैंपल देने की मांग की हैय़