मोदी सरकार ने नए कोर्स किए शुरू, ट्रेनिंग लेने वाले कर सकेंगे अच्छी कमाई

देश में युवाओं को रोजगार के मौके उपलब्ध कराने के लिए कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय (MSDE) ने राज्यों को आधुनिक कौशल (Modern skills) को बढ़ावा देने के लिए पत्र लिखा है. मंत्रालय की ओर से 6 महीने से लेकर दो साल तक के 13 कोर्स भी शुरू किए गए हैं जिनके जरिए रोजगार मिलना आसान होगा. इन कोर्सों में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, रोबोटिक्स जैसी कई आधुनिक तकनीक की पढ़ाई शॉमिल हैं.  

देश-विदेश में मिलेगा काम 
कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय ने राज्यों से उनके प्रशिक्षण केंद्र में आधुनिक कोर्सों को बढ़ाने के लिए कहा है. इसका उद्देश्य राज्य में ट्रेंड लेबर की स्थानीय मांग को पूरा करना है. राष्ट्रीय और अन्तर्राष्ट्रीय बाजार में भारतीय श्रमिकों की संख्या को बढ़ाने के लिए भी आधुनिक कोर्सों को बढ़ावा दिया जा रहा है.  

ये 13 कोर्स शुरू किए गए
देश में व्यवसायिक प्रशिक्षण (Vocational training) को बढ़ावा देने के लिए एमएसडीई का शीर्ष संगठन प्रशिक्षण निदेशालय (डीजीटी) इन आधुनिक कोर्सों को डिजाइन करने के लिए सभी राज्यों को तकनीकी सहयोग दे रहा है. डीजीटी ने मॉडन कोर्सों को ध्यान में रखते हुए 13 राष्ट्रीय कौशल अर्हता रूपरेखा (National Skills Qualification Framework) जारी की है. इसमें Data analysis और वैज्ञानिक, तकनीकी मेक्ट्रोनिक्स, स्मार्ट कृषि, क्लाउड कंप्यूटिंग, प्रोसेस ऑटोमेशन एक्सपर्ट्स, यूजर एक्सपीरियंस एंड ह्यूमन मशीन इंटरैक्शन डिजाइनर्स, ब्लॉकचेन विशेषज्ञ, सॉफ्टवेयर और ऐप्लिकेशन डेवलपर्स, जियोइंफॉर्मेटिक्स असिस्टेंट, एआई और मशीन लर्निंग स्पेशलिस्ट, बिग डेटा विशेषज्ञ, सूचना सुरक्षा विश्लेषक, रोबोटिक्स इंजीनियर्स और ईकॉमर्स, और सोशल मीडिया विशेषज्ञ शामिल हैं. ये ट्रेनिंग प्रोग्राम 6 महीने से लेकर 2 साल तक है.

तेजी से बदल रही टेक्नॉलाजी
विनिर्माण और सेवा क्षेत्र में तकनीकी तेजी से बदल रही है. पिछले कुछ समय में डिजिटल और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस तकनीक पर तेजी से काम किया जा रहा है. ऐसे में आवश्यक हो जाता है कि आईटीआई में ऐसी ट्रेनिंग दी जाए की वहां से निकलने वाले युवा तकनीकी तौर पर एक्सपर्ट हों. इन कोर्सों की डिजाइनिंग बढ़ती मांग और मजबूत पाठ्यक्रम को ध्यान में रखते हुए उद्योग के विशेषज्ञों से विचार-विमर्श कर और उनकी सक्रिय भागीदारी में हुआ है.  

केंद्रीय मंत्री ने कही ये बात
कौशल विकास और उद्यमिता मंत्री डॉ. नरेंद्र नाथ पांडे ने इन कोर्सों के बारे में बताते हुए कहा कि, “तकनीकी क्रांति की नई लहर नौकरियों की प्रकृति बदलने के लिए तैयार है और इस बदलाव से तालमेल बिठाने के लिए, हमें उद्योंगों की भविष्य में पैदा होने वाली मांगों को पूरा करने के लिए कार्यबल को  प्रोद्योगिकी में कुशल बनाना होगा. वक्त की मांग है कि औद्योगिक क्रांति 4.0 के नए तकनीकी क्षेत्रों जैसे कि डेटा एनालिटिक्स, इंटरनेट ऑफ थिंग्स (आईओटी), आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, क्लाउड कंप्यूटिंग, ब्लॉकचेन आदि में मजबूत तकनीकी कार्यक्रमों को पेश करने के लिए आईटीआई के वर्तमान अकादमिक ढांचे का पुनर्गठन किया जाए.

कई कंपनियों से हुआ समझौता
 नई तकनीकी में उद्योग और प्रशिक्षण को साथ लाने के प्रयास में, डीजीटी ने कई तकनीकी कंपनियों के साथ कई समझौते किए हैं ताकि औद्योगिक क्रांति 4.0 के अनुसार, 21वीं सदी के डिजीटल स्किल सेट ट्रेनिंग प्रोग्राम को बढ़ावा मिले. डीजीटी ने जिन प्रमुख कंपनियों से हाथ मिलाया है उनमें शामिल हैं, आईबीएम इंडिया प्राइवेट लिमिटेड, एसएपी इंडिया, माइक्रोसॉफ्ट कॉरपोरेशन (इंडिया) लिमिटेड, नासकॉम, क्वेस्ट अलायंस, एक्सेंचर और सिस्को.

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