यूरोपियन डिजाइन पर बन रही काशी की रोप-वे की कार, मंदिर और घाट पहुंचना होगा आसान-देखें तस्वीरें

वाराणसी में दो साल के बाद रोप-वे की सौगात मिलने वाली है। रोप-वे की केबिन काफी खास यूरोपियन डिजाइन की बन रही है। यह गर्मी में ठंडक ओर ठंड में गर्मी का एहसास कराएगी। कार केबिन का वेंटिलेशन ऐसा रखा गया है कि प्रचंड गर्मी में गर्म हवा तेजी से बाहर हो जाए। सूर्य की तेज किरणें खिड़कियों में लगे विशेष मटेरियल से रिफ्लेक्ट हो जाएंगी।

इसके कारण अंदर का तापमान कंट्रोल में रहेगा। यानी कि जितना तापमान अंदर का होगा उतने पर ही मेंटेन होगा। प्रोजेक्ट डायरेक्टर ने पूजा मिश्रा ने बताया कि कार केबिन को दिव्यांगजनों के अनुकूल बनाया गया है। दिव्यांगजन अपनी व्हीलचेयर के साथ इसमें बैठ सकते हैं। एक केबिन कार में 10 पैसेंजर बैठ सकते है।

अर्बन ट्रांसपोर्ट के लिहाज से यह वाराणसी में बनने वाला पहला रोप-वे है। इस प्रोजेक्ट का शुभारंभ इसी साल 24 मार्च को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया था। इससे कैंट रेलवे स्टेशन से आने वाले यात्रियों को काशी विश्वनाथ मंदिर और दशाश्वमेध घाट तक आना-जाना आसान हो जाएगा। भीड़-भाड़ वाले इलाके में पब्लिक ट्रांसपोर्ट के लिए रोप-वे चलने से वाराणसी में आने वाले देशी-विदेशी पर्यटकों के साथ स्थानीय लोगों को काफी राहत मिलेगी।

हर मिनट गुजरेंगे 100 यात्री

50 मीटर की ऊंचाई पर हर मिनट 100 यात्री सफर करेंगे। स्विट्जरलैंड की कंपनी बर्थोलेट इसका निर्माण कर रही है। पहले चरण में वाराणसी के रोप-वे की लंबाई 3.8 किलोमीटर होगी। वाराणसी में रोप-वे कैंट स्टेशन से गोदौलिया चौराहे तक चलेगा। इस सफर में महज 16 मिनट लगेंगे। रोप-वे में कुल 150 केबल कार या ट्रॉलियां होंगी, जो कि सड़क से 50 मीटर ऊंचाई पर दौड़ेंगी। एक केबल कार पर 10 पैसेंजर सवार होंगे। 60 मिनट में दोनों साइड से 600 ट्रॉलियां गुजरेंगी। इस पर 6 हजार यात्री सवार होंगे। यानी कि हर मिनट दोनों साइड से 10 ट्रॉलियों पर सवार होकर 100 यात्री गुजरेंगे। यात्रियों को अपनी बारी के लिए लंबा इंतजार नहीं करना होगा।

मंदिर और घाट पहुंचना होगा आसान

ट्रेन से कैंट स्थित वाराणसी जंक्शन या फिर रोडवेज बस से उतरने वाले यात्रियों को काफी सहूलियत होगी। ट्रॉलियां यहीं से भरकर चलेंगी। कैंट से यात्रियाें को गोदौलिया के आसपास जैसे दशाश्वमेध घाट, श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर, गंगा स्नान, बनारसी साड़ी और कपड़ा, मसाला और अन्य मार्केट, जंगमबाड़ी मठ, दालमंडी, चौक, गिरजाघर, नई सड़क, लक्सा, रथयात्रा, सिगरा स्टेडियम, काशी विद्यापीठ, IP मॉल आदि जरूरी स्थानों पर पहुंचने में सहूलियत होगी। बनारस के विकराल जाम का शिकार नहीं होना होगा।

5 स्टेशनों पर मिलेगा रोप-वे का सफर

वाराणसी कैंट स्टेशन से गोदौलिया चौराहे तक कुल पांच स्टेशन होंगे। जिसमे कैंट रेलवे स्टेशन,काशी विद्यापीठ, रथयात्रा, गिरजाघर और गोदौलिया चौराहे पर स्टेशन बनाया जाएगा।

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