रिहाई के बाद डिस्चार्ज और बीमारी की मंझधार में अमरमणि, गृह क्षेत्र में बढ़ी राजनैतिक हलचल

Gorakhpur News : हाई प्रोफाइल वयित्री मधुमिता शुक्ला हत्याकांड में उम्र कैद की सजा काट रहे पूर्व मंत्री अमरमणि त्रिपाठी और उनकी पत्नी मधुमणि शुक्रवार को समय पूर्व रिहाई के बाद भी दोनो अपने आवास नही गए। शनिवार को भी गोरखपुर के मेडिकल कालेज में भर्ती रहे।

डिस्चार्ज और बीमारी की मंझधार में अमरमणि

बताया जा रहा है कि लंबी बीमारी पर सवाल के डर ने ही कदम रोक रखे हैं। रिहाई के बाद भी मिलने-जुलने में पूरी सतर्कता बरती जा रही है। जेल जाने के बाद उनका ज्यादातर वक्त बीआरडी मेडिकल कॉलेज में इलाज कराते गुजरा। बीमारी पर सवाल भी उठे। मामला कोर्ट तक पहुंचा। अब रिहाई के बाद कहीं फिर बीमारी सवाल न बन जाए, इसलिए चिकित्सा के साथ ही कानून के विशेषज्ञों की भी सलाह को अहमियत दी जा रही है।
बेटे ने कहा जल्द ही मां, बाप को रेफर कराएगा
बेटे अमनमणि त्रिपाठी ने कहा की जल्द ही उन्हें हॉयर सेंटर के लिए रेफर किया जा सकता है। वहां से इलाज के बाद दोनों घर लौट सकते हैं। शुक्रवार शाम को रिहाई के बाद भी त्रिपाठी दंपत्ति मेडिकल कालेज में ही रहे। शनिवार को भी उनके कमरे के बाहर सन्नाटा पसरा था। हर अगला कदम काफी सतर्कता से लिया जा रहा है। पुत्र अमनमणि ने कहा की अभी वह यहीं रहकर इलाज कराएंगे। डॉक्टरों की सलाह पर ही आगे का निर्णय लिया जाएगा।

डिस्चार्ज की जगह हायर सेंटर ही करना पड़ेगा रेफर

मेडिकल कालेज के डॉक्टर भी उन्हें डिस्चार्ज करने से परहेज कर रहे हैं। डॉक्टर भी डर रहे हैं कि सवाल उन पर भी उठेगा कि ऐसी कौन सी बीमारी थी कि जेल से रिहा होते ही ठीक हो गई। ऐसे में डॉक्टर भी डिस्चार्ज करने की जगह हॉयर सेंटर में रेफर करने को ज्यादा सुरक्षित मान रहे हैं। माना जा रहा है कि जल्द ही कभी भी उन्हें यहां से रेफर किया जा सकता है।

गोरखपुर में 10 साल में सिर्फ 16 महीने जेल रहे अमरमणि

जेल सूत्रों के मुताबिक मधुमणि चार दिसंबर, 2008 को हरिद्वार की जेल से गोरखपुर जेल स्थानांतरित होकर आई थीं, जबकि अमरमणि 13 मार्च, 2012 को यहां आए थे। जेल जाने के बाद दोनों बीमार हो गए। उसके बाद 27 फरवरी, 2013 को अमरमणि को बीआरडी मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया। कुछ दिन बाद ही 13 मार्च, 2013 को मधुमणि भी मेडिकल कॉलेज में पहुंच गईं। तब से दोनों पति-पत्नी मेडिकल कॉलेज में ही इलाज करा रहे थे। बताया जा रहा है कि दस साल में सिर्फ 16 महीने ही मणि दम्पति जेल में रहा।
बीमारी मामला : कोर्ट ने प्राचार्य सहित कई डॉक्टरों को हटाने का दिया था आदेश

वर्ष 2015 में पूर्व मंत्री अमरमणि त्रिपाठी बीआरडी मेडिकल कालेज के सर्जरी विभाग के चिकित्सक डॉ. आरडी रमन की निगरानी में भर्ती थे। वादिनी निधि शुक्ला ने आपत्ति जताते हुए कोर्ट में शिकायत की थी। इस पर कोर्ट ने मेडिकल कालेज प्रशासन से बीमारी व उपचार विवरण मांगा। तत्कालीन कार्यवाहक प्रमुख चिकित्सा अधीक्षक डॉ. बीएन शुक्ला ने जवाब नहीं भेजा। इस पर कोर्ट ने तत्कालीन प्राचार्य डा. आरपी शर्मा, कार्यवाहक प्रमुख चिकित्सा अधीक्षक डा. बीएन शुक्ला व डॉ. आरडी रमन को तत्काल प्रभाव से हटाने का आदेश दिया था।

अक्सीजन कांड के समय कुछ दिन जेल में रहे

सख्ती के बाद प्राचार्य को महानिदेशक चिकित्सा कार्यालय से संबद्ध कर दिया गया। डॉ. बीएन शुक्ला को महराजगंज व डॉ. आरडी रमन को जिला अस्पताल गोरखपुर भेज दिया गया। वर्तमान में डॉ. बीएन शुक्ला नेहरू चिकित्सालय के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक के पद पर कार्यरत हैं। इस मामले के बाद अमरमणि कुछ दिन के लिए जेल गए थे। वहीं जब आक्सीजन कांड सामने आया और बीआरडी में देशभर की मीडिया पहुंच गई थी तब भी अमरमणि कुछ दिन के लिए जेल चले गए थे। महीने में कुछ दिन के लिए जेल जाते और फिर बीआरडी लौट आते थे।

अमरमणि को रात में भयानक सपना आता है
डॉक्टरों के मुताबिक, अमरमणि मानसिक रूप से बीमार हैं। रात में भयानक सपने आना और नींद न आने की भी दिक्कत है। उनका इलाज मानसिक रोग विभागाध्यक्ष डॉ. तपस कुमार आइच के देखरेख में चल रहा है। पूर्व मंत्री को हृदय संबंधी समस्या भी है। मानसिक रोग विभाग से सुपर स्पेशिलिटी ब्लाक के ह्रदय रोग विभाग में रेफरेंस भेजकर दिखवाया गया था। जांच में पता चला कि पूर्व मंत्री के दोनों पैरों में सूजन भी है। वहीं दंत रोग और जनरल सजर्री में भी वह भर्ती हो चुके हैं। मधुमणि की कमर व घुटने में दर्द और गठिया की भी शिकायत थी। वर्तमान में सर्वाइकल की समस्या होने से न्यूरो सर्जरी विभाग में उपचार चल रहा है।

अमरमणि के कमरे या नंबर रिहाई तक क्यों गायब रहा

बीआरडी मेडिकल कालेज के प्राइवेट वार्ड में 32 कमरे हैं। इसमें ऊपरी हिस्से के 16 नंबर कमरे में अमरमणि त्रिपाठी और 15 नंबर कमरे में उनकी पत्नी मधुमणि भर्ती हैं। वार्ड के सभी कमरों के बाहर नंबर लिखा है, लेकिन कमरा नंबर 15 के बाद सीधे 17 नंबर का कमरा आ जाता है। रिहा होने के बाद भी यहां सन्नाटा ही है। अमरमणि की तीमारदारी के लिए सिर्फ एक व्यक्ति है। पूर्व मंत्री ने अपने समर्थकों को पहले से ही मिलने से मना कर दिया है। संदेश सबको यही है कि जब घर पहुंचेंगे तब पहले जैसी स्थिति में मुलाकात होगी।

गृह क्षेत्र महराजगंज ने बढ़ी राजनैतिक हलचल

अमरमणि त्रिपाठी के रिहाई के बाद उनके गृह जिले महराजगंज में राजनैतिक परिस्थित में भी काफी उथल पुथल मची हुई है। सभी राजनैतिक पार्टियों के नेता अमरमणि के अगले कदम की ओर टिकी हैं। अब सवाल ये उठेगा की बेटा, पत्नी, पुत्री किसे आगे कर राजनैतिक विरासत मजबूत करते हैं।

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