
नई दिल्ली । आइआइटी बॉम्बे की स्टडी में पता चला है कि देश के सबसे बड़े सरकारी बैंक और कुछ बड़े बैंक गरीबों के खाते से सर्विसेज के नाम पर मोटी कमाई कर रहे हैं। स्टडी में बताया गया है कि सेविंग अकाउंट हो या जनधन खाता, ये बड़े बैंक गरीबों से जमकर वसूली कर रहे हैं। एसबीआइ ने बेसिक सेविंग बैंक डिपॉजिट अकाउंट के खाताधारकों से हर चार निकासी के बाद प्रत्येक विड्रॉल पर 17.70 रुपए का चार्ज काटा है। बैंक ने अपने 12 करोड़ बीएसबीडी अकाउंट होल्डर्स से सर्विस के नाम पर 308 करोड़ रुपए की वसूली क ी है। यह रकम 6 साल में वसूल की गई है।
पंजाब नेशनल बैंक का हाल-
पंजाब नेशनल बैंक भी पीछे नहीं है। इसके पास बीएसबीडी खाताधारकों की संख्या 3.9 करोड़ है, जिनसे सर्विसेज के नाम पर 9.9 करोड़ रुपए जुटाए हैं। दरअसल ये बैंक छोटी-छोटी रकम लोगों के खातों से काटकर एक मोटी रकम इकट्ठा कर लेते हैं और ग्राहकों को पता भी नहीं चल पाता।
इन चार्जेज के नाम पर वसूली-
बैंक स्टेटमेंट के नाम पर
बैलेंस चैक करने के नाम पर
मिनी स्टेटमेंट पर भी लगता है चार्ज
लिमिट विड्रॉल के बाद
होम ब्रांच और नॉन होम ब्रांच के नाम पर
मोबाइल अलर्ट या पिन जनरेट करने के नाम पर
नया एटीएम कार्ड लेने पर
चेक का स्टेटस जानने पर
पैसे ट्रांसफर करने का चार्ज
कार्ड पिन री-सेट चार्ज
आरबीआइ के नियमों का उल्लंघन –
रिपोर्ट में कहा गया है कि ये बड़े बैंक आरबीआइ के नियमों का भी खुला उल्लंघन कर रहे हैं। रिपोर्ट के मुताबिक, आरबीआइ के नियमों के उल्लंघन करने में सबसे पहले एसबीआइ का ही नाम आता है। इस बैंक ने यहां तक कि डिजिटल लेन-देन में भी ग्राहकों से चार निकासी के बाद 17.70 रुपए का चार्ज वसूला है।
यह कहता है आरबीआइ का नियम –
भा रतीय रिजर्व बैंक के नियमों के मुताबिक, बीएसबीडी अकाउंट यानी बेसिक सेविंग बैंक डिपॉजिट अकाउंट जब तक सेविंग अकाउंट में है, कोई भी बैंक इस खाते पर किसी तरह का चार्ज नहीं वसूल सकता है। आरबीआइ के नियमों के मुताबिक, बैंक इस तरह के खातों पर किसी तरह का कोई शुल्क नहीं लगा सकता है। चार निकासी के बाद भी इन पर कोई शुल्क लेना सही नहीं है।