सीतापुर : नुक्कड़, चौराहों पर लग रही हार-जीत की गणित

 


नैमिषारण्य-सीतापुर। सोमवार की शाम आखिरकार चैथे चरण का मतदान खत्म हो गया। मतदान खत्म होने के बाद सभी प्रत्याशियों ने अपने समर्थकों के साथ बैठकर जीत हार के गणित लगानी शुरू कर दी है। अगर जिले से जुड़ी तीन लोकसभा क्षेत्र धौरहरा, सीतापुर और मिश्रिख की हम बात करें तो इन तीनों ही सीटों पर भाजपा, इंडिया गठबंधन और बसपा के प्रत्याशी निर्णायक लड़ाई में है, हालांकि इन तीनों सीटों पर सभी प्रत्याशियों की जीत के अपने-अपने आंकड़े हैं पर अगर इस समय जनता की चर्चाओं पर निगाह डालें तो हर समर्थक अपने प्रत्याशी को बड़ी जीत का सर्टिफिकेट देने को तैयार बैठा है और सभी बस 4 जून का इंतजार करने की बात कह रहे हैं।


इस कड़ी में भाजपा समर्थक जहां पीएम मोदी के चेहरे और सीएम योगी के फायरब्रांड इमेज पर भरोसा जताते हुए अपने प्रत्याशी को बड़ी जीत मिलने की बात कह रहे हैं। वही इंडिया गठबंधन के समर्थक अखिलेश और राहुल की जोड़ी को इस बार निर्णायक बताते हुए इन तीनों सीटों पर गठबंधन की जीत की गारंटी दे रहे हैं। वही बसपा के समर्थक हर बार की तरह इस बार भी मतदाताओं की खामोशी को बसपा के पक्ष में होने की बात कहते हुए जीत के प्रति आश्वस्त दिख रहे हैं। इस कड़ी में बाकी प्रत्याशियों के भी अपने-अपने दावे हैं। इन तीनों लोकसभा सीटों पर अन्य प्रत्याशियों की भी अच्छी खासी संख्या है जो चुनाव के निर्णय पर खुद के वोटों का बड़ा असर पड़ने की बात कह रहे हैं।


अगर इतने वोटों से ना जीते तो बताना
चैथे चरण के चुनाव के बाद चल रही चर्चाओं में हर दल के समर्थकों के बीच एक बात सबसे आम है कि अगर हमारा प्रत्याशी इतने वोटो के अंतर से न जीते तो बताना। बहरहाल इन चर्चाओं के बीच एक ओर जहां प्रत्याशी खुद को रिलेक्स करने में लगे है वहीं चुनावी नतीजे की बात होने पर उनके चेहरे पर जीत के दावों के बीच हार की भी अनकही आशंका बनी हुई है।


मतदान प्रतिशत को लेकर भी समर्थकों के दावे अलग-अलग
पिछले लोकसभा चुनाव की अपेक्षा इस बार कम मत प्रतिशत को लेकर जहां भाजपा के समर्थक इसे सत्तापक्ष के हित में बता रहे हैं वही इंडिया गठबंधन व बसपा के समर्थक इसे अपने पाले में होने की गारंटी दे रहे हैं। हाल-फिलहाल कम मतदान को लेकर राजनीतिक पार्टियों की जवाबदेही पर सभी समर्थक एक दूसरे पार्टियों पर इसका दोष मढ़ते दिखाई दिए।

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