सुरंग में फंसे 41 श्रमिकों की जान बचाने वाले को ही कर दिया बेघर

-घर पर चला बुलडोजर तो रैट माइनर की पत्नी बोली, मेरे पति तो हीरो थे…!
-कांग्रेस और आप ने घेरा केंद्र सरकार को
-प्रियंका गांधी ने कहा अन्यायकाल की सच्चाई आई सामने


नई दिल्ली,(ईएमएस)। दिल्ली विकास प्राधिकरण के विध्वंस अभियान के दौरान उत्तरकाशी की सिल्कयारा सुरंग में फंसे 41 श्रमिकों की जिंदगी बचाने वाले रैट माइनर का घर भी जमींदोज कर दिया गया है। यह देख रैट-होल माइनर की पत्नी ने कहा, मेरे पति तो हीरो थे… सभी ने उन्हें सम्मान दिया और आज उसी सम्मान के बदले मेरा मकान ले लिया। डीडीए की कार्रवाई पर सवाल उठाते हुए कांग्रेस और आप ने केंद्र सरकार को निशान पर लिया है।
जानकारी अनुसार डीडीए ने खजूरी खास में बुधवार को विध्वंस अभियान चलाते हुए अनेक घरों को तोड़ दिया है। इसी दौरान रैट-होल माइनर वकील हसन जिसने उत्तरकाशी सिल्कयारा सुरंग में फंसे 41 श्रमिकों की जान बचाने में अहम भूमिका निभाई थी उसे बेघर कर दिया गया। उसके घर पर जब बुलडोजर चला तो उसकी पत्नी चीख रही थी कि मेरा पति तो हीरो था, तब तो सभी उसका सम्मान कर रहे थे और उसी सम्मान के बदले में मेरा घर ले लिया। एक वीडियो मैसेज जारी करते हुए रैट माइनर हसन ने संबंधित अधिकारियों पर बिना किसी नोटिस के उसका घर गिराने जैसा गंभीर आरोप लगाया है। एक खुलासे की तरह वह कह रहे थे कि मेरा घर ही एक मात्र ऐसी चीज है, जिसे मैंने पुरस्कार स्वरुप (उत्तराखंड बचाव अभियान के लिए) मांगी थी, लेकिन डीडीए ने बिना किसी नोटिस मेरे उस घर को ही तोड़ दिया है। वकील हसन का कहना है कि सरकार ने उसे आश्वस्त किया था कि घर को नहीं छुआ जाएगा, लेकिन फिर भी मकान तोड़ दिया गया। वायरल हुए वीडियो में एक अन्य ने आरोप लगाया कि कार्रवाई के दौरान पुलिस ने बर्बरता की और पुलिस नाबालिग बच्चों को थाने ले जाकर पीटा गया है।


प्रियंका गांधी ने वीडियो शेयर कर केंद्र को घेरा
डीडीए की कार्रवाई पर सवाल उठाते हुए रैट माइनर के घर को तोड़े जाने पर कांग्रेस पार्टी और आम आदमी पार्टी ने केंद्र सरकार को निशाने पर लिया है। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने इस मामले में जहां केंद्र को घेरा वहीं उन्होंने रैट माइनर की पत्नी का वह वीडियो भी शेयर किया, जिसमें उसने कहा है कि सम्मान के बदले उसका घर ले लिया गया है। दरअसल वीडियो में घर टूटने से दु:खी वकील हसन की पत्नी कह रहीं हैं कि मेरे हसबैंड तो उत्तरकाशी के हीरो थे, उन्होंने 41 श्रमिकों की जान बचाई थी। सब उन्हें सम्मान दे रहे थे, आज उसी सम्मान के बदले, मेरा मकान ले लिया। वह आगे कहती है, कि मोदी जी हाथ जोड़कर कहते हैं- सबका साथ, सबका विकास, पर हमारा विकास कहां है। मकान तोड़े जाने के वक्त की दर्दनाक दास्तां सुनाते हुए उसने कहा कि उन्होंने आकर बच्चों को मारा-पीटा, बाहर निकाला, सबको ले जाकर थाने में बंद कर दिया, हम तो अपने बच्चों के रिजल्ट तक नहीं निकाल पाए, सब उसमें ही रह गए। इसी के साथ उसने सरकार से सवाल किया कि अब हम कहां जाएं, क्या सरकार हमें बताएगी कि हम कहां जाएंगे?


कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म में एक पोस्ट करते हुए लिखा है, कि वकील हसन ने अपनी जान जोखिम में डालकर उत्तरकाशी सुरंग में फंसे श्रमिकों की जान बचाई थी। तब अपने प्रचार के लिए भाजपा नेताओं ने उनके साथ तस्वीरें खिंचवाईं थीं। जब प्रचार खत्म हो गया तो आज उसी वकील हसन को थाने में बंद कर, उनका घर तोड़कर, उनके बच्चों के सिर से छत छीन ली। गरीबों का घर तोड़ना, उन्हें कुचलना, प्रताड़ित और अपमानित करना…यह अन्याय ही भाजपा के अन्यायकाल की सच्चाई है। जनता ही अब इस अन्याय का जवाब देगी।

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