
हैलट अस्पताल के वार्डों में रोगी गर्मी और उमस से परेशान हैं। मेडिसिन विभाग के नए बने वार्डों में पंखा सिर्फ नाम के ही लगे है। जितने पंखे यहां लगे है वह यह तो चलते नहीं है और चलते भी है तो इतना धीमे चलते हैं कि रोगियों को हवा तक नहीं लगती है। जिन मरीजों को यहां एडमिट किया जाता है वह या उनके तीमारदार वार्ड में लगाने के लिए अपना टेबल फैन खुद लेकर आते है। यह हाल उन वार्डों का है जिनकी अभी हाल ही में लाखों रूपए लगा कर मरम्मत कराई गई है। हैलट अस्पताल के ज्यादातर वारों का यही हाल है, आईसीयू का एसी खराब है, मरीजों को आईसीयू में भी टेबल फैन का ही सहारा है।
न पंखे न ठीक इलाज…
मैडिसिन वार्ड में भर्ती मरीजों ने बताया कि उनको देखने के लिए दिन भर में सिर्फ एक जूनियर डॉक्टर आता है। इसकी मुख्य वजह यहां उमस और गर्मी इतनी है कि डॉक्टर भी यहां रुकना पसंद नहीं करते। उन्नाव जिले की रहने वाली मालती देवी को उनके परिजनों ने मैडिसिन विभाग में एडमिट कराया था. उनके बेटे रमेश ने बताया कि, पिछले एक हफ्ते से यहां माता जी भर्ती है लेकिन गर्मी और उमस बढ़ जाने कि वजह से उनकी तबीयत और खराब होती जा रही है। इस वजह उन्हें आईसीयू में शिफ्ट करना पड़ा था। लेकिन जब तबीयत ठीक हो गयी तो यहां के डॉक्टरों कि सलाह पर हमने किराए पर टेबल फैन मंगवाया है। रोजाना 140 रूपय इस पंखे का किराया देना पड़ रहा है।
आईसीयू में भी यही हाल है…
मेडिसिन विभाग के आईसीयू में कई दिनों से एसी ख़राब चल रहा है, यहां भर्ती मरीजों को इस गर्मी में सिर्फ टेबल फैन का ही सहारा है। यहां भर्ती मरीजों के परिजनों का कहना है कि वार्डों और आईसीयू में टाइल्स तो लगा दिए गए हैं लेकिन मरीजों को शुद्ध हवा के लिए रोना पड़ रहा है। अगर इन वार्डों में पंखे को नहीं सुधारा गया तो यहाँ एड्मिट ज्यादातर मरीजों को कोई अन्य बीमारी अपनी चपेट में ले लेगी।
कई दिनों से खराब है एमआरआई मशीन…
हैलट अस्पताल में पिछले कई दिनों से मरीजों की एमआरआई जाँच नहीं हो पह रही है। इस कारण मरीजों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। यहां एडमिट मरीज की जांच मजबूरी में बाहर से दोगुने दामों में एमआरआई करवानी पड़ रही है। इस बारे में जब जीवीएसएम के प्राचार्य से बात की तो उन्होंने बताया, मशीन है लेकिन वह खराब हो गई है, इसको ठीक करवाने के लिए हम लोगों ने पहले ही जयपुर से इंजीनियर की टीम को बुलाया है। जल्दी ही ठीक हो जाएगी।