
वॉशिंगटन । भले ही दुनिया अमेरिका को सुपर पावर मानती हो, लेकिन ईरान ने उसे आईना दिखा दिया है। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने दावा किया था कि ईरान के परमाणु ठिकानों को ध्वस्त कर दिया है। अब इन दावों की पोल खुल गई और खबरे आ रही है कि ईरान बहुत जल्द शक्तिशाली परमाणु बम तैयार कर लेगा। कुल मिलाकर अमेरिका और इजरायल के हमलों के बावजूद ईरान का परमाणु कार्यक्रम पूरी तरह खत्म नहीं हुआ है। यह बड़ा खुलासा संयुक्त राष्ट्र की परमाणु निगरानी संस्था आईएईए के प्रमुख राफेल ग्रोसी ने किया है। उनका कहना है कि ईरान कुछ ही महीनों में यूरेनियम संवर्धन फिर से शुरू कर सकता है, यानी परमाणु बम बनाने के बहुत करीब है। उनका दावा है कि ईरान की तकनीकी और औद्योगिक क्षमताएं अब भी सलामत हैं।
बता दें कि इजरायल से सीजफायर के तुरंत बाद ईरान ने अपनी संसद में प्रस्ताव पास करके आईएईए से संपर्क तोड़ दिया था। यह बयान सीधे तौर पर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के उस दावे को चुनौती देता है, जिसमें उन्होंने कहा था कि अमेरिका ने ईरान के परमाणु ठिकानों को पूरी तरह तबाह कर दिया और देश को दशकों पीछे धकेल दिया है। इंटरव्यू में आईएईए प्रमुख ग्रोसी ने कहा, कुछ ठिकानों को नुकसान हुआ है, लेकिन पूरा ढांचा अब भी खड़ा है। अगर ईरान चाहे, तो कुछ ही महीनों में सेंट्रीफ्यूज दोबारा शुरू कर सकता है और संवर्धित यूरेनियम का उत्पादन कर सकता है। उन्होंने आगे कहा, ईरान एक अत्यधिक विकसित परमाणु तकनीकी वाला देश है। न सिर्फ सुविधाएं, बल्कि ज्ञान और औद्योगिक ढांचा भी उसके पास मौजूद है। आईएईए ने कुछ दिन पहले यह भी आशंका जताई थी कि ईरान ने अमेरिकी हमलों से पहले अपने पास मौजूद 408.6 किलो (करीब 900 पाउंड) संवर्धित यूरेनियम को कहीं और स्थानांतरित कर दिया हो सकता है। यह यूरेनियम 60प्रतिशत तक संवर्धित है जो कि हथियार बनाने के स्तर से कुछ ही नीचे है, लेकिन इससे 9 से अधिक परमाणु बम बनाए जा सकते हैं।
ग्रोसी का कहना है, “हम नहीं जानते कि वह संवर्धित यूरेनियम अब कहां है। हो सकता है कुछ हिस्सा नष्ट हुआ हो और कुछ बचा लिया गया हो। ईरान को जवाब देना होगा, लेकिन वह फिलहाल सहयोग नहीं कर रहा। उधर, ट्रंप ने एक बार फिर ईरान और उनके सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई को चेतावनी दी है। कहा, मैं जानता था वो कहां छिपे हैं। मैंने उन्हें मरने से बचाया, लेकिन अगली बार ऐसा नहीं होगा। ट्रंप ने खुलासा किया कि उन्होंने इज़राइल की खामेनेई को मारने की योजना को भी वीटो किया था। लेकिन अब उन्होंने साफ शब्दों में कहा, अगर जरूरत पड़ी, तो ईरान पर फिर से हमला किया जाएगा – बिल्कुल, बिना किसी सवाल के। ईरान के विदेश मंत्री अब्बास अराघची ने पोस्ट करते हुए कहा, अगर राष्ट्रपति ट्रंप सच में परमाणु समझौता चाहते हैं, तो उन्हें हमारे सर्वोच्च नेता के खिलाफ असम्मानजनक भाषा बंद करनी होगी।