आगरा में इस तारीख के बाद मुश्किल होगा बिना हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट के चलना, दोपहिया वाहनों की संख्या अधिक

आगरा। ताजनगरी आगरा में अभी भी तमाम वाहन हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट के दौड़ रहे हैं लेकिन 15 नवंबर के बाद आगरा की सड़कों पर बिना हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट के चलना काफी मुश्किल हो जाएगा। आगरा जिले में अभी भी करीब साढ़े सात लाख वाहन बिना हाई हसक्योरिटी नंबर प्लेट के दौड़ रहे हैं। अभी तक 25 हजार से ज्यादा व्यावसायिक वाहनों में भी हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट नहीं लगाई जा सकी है। यही कारण है कि इन वाहनों की फिटनेस आरटीओ में बंद हो चुकी है।

साढ़े 3 लाख वाहनों पर नहीं है हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट
एक नवंबर 2018 से हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट वाहनों के लिए अनिवार्य कर दी गई थी। मगर, परिवहन मंत्रालय ने समय-समय पर छूट देकर तारीख बढ़ाई थीं। दिसंबर 2020 में कोरोना काल में एक बार फिर से तारीख बढ़ा दी गई थी। एक अक्टूबर से व्यावसायिक वाहनों के लिए एचएसआरपी अनिवार्य कर दी गई। इस पर परिवहन विभाग और पुलिस को चालान काटने के निर्देश दिए गए। इस कारण ही आरटीओ में बिना हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट के व्यावसायिक वाहनों की फिटनेस भी बंद कर दी गई। अब 15 नवंबर से निजी वाहनों के भी चालान काटने की तैयारी है।

दोपहिया वाहनों की संख्या अधिक
आगरा के एआरटीओ प्रशासन एके सिंह ने बताया कि एचएसआरपी तकरीबन सात लाख से अधिक निजी और 25 हजार से अधिक व्यावसायिक वाहनों में लगाई जानी हैं। इनमें दोपहिया वाहनों की संख्या अधिक है। चालान काटने की प्रक्रिया शुरू हो गई। इसलिए जल्द हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट लगवाएं। इसके लिए ऑनलाइन आवेदन किया जा सकता है। नंबर प्लेट नहीं होने पर दो हजार रुपये तक का चालान काटा जा रहा है। टीआई सतीश राय ने बताया कि अधूरे और अस्पष्ट नंबर वाले वाहनों को रोका जा रहा है। उनके चालान किए जा रहे हैं।
एचएसआरपी पंजीकरण का उद्देश्य चोरी और वाहनों की पहचान डुप्लीकेट नंबर प्लेट के साथ आसानी से करना है। नंबर प्लेट में एक बार कोड होता है। इसे स्कैन करने के बाद वाहन स्वामी का नाम, पता, इंजन नंबर, चेसिस नंबर सहित वाहन की वैधता तिथि तक पता की जा सकती है। इसके लिए ऑनलाइन आवेदन करना होता है। निर्धारित शुल्क देय है। मगर, परिवहन विभाग के पोर्टल पर ज्यादा संख्या में आवेदन आने से सर्वर डाउन की दिक्कत हो रही है।