आयुष्मान भारत को लेकर केंद्र एवं राज्यों के बीच में मतभेद बढ़ा, जानिए क्या है पूरा मामला…

केंद्र सरकार अनुदान राशि बढ़ाने पर सहमत नहीं

नई दिल्ली (ईएमएस) । आयुष्मान भारत योजना में इलाज की गारंटी 5 लाख से बढ़कर 10 लाख रुपए करने की मांग राज्यों द्वारा लगातार की जा रही है। राजस्थान सरकार द्वारा सबसे ज्यादा इलाज गारंटी दी गई है। उसके बाद से ही राज्यों द्वारा भी इलाज गारंटी की राशि को बढ़ाने की मांग की जा रही है।केंद्र सरकार द्वारा राज्य सरकारों को जो राशि अदा की जाती है।उसकी लेट लतिफी और कटौती से राज्य सरकारें परेशान हैं।राज्य सरकारें इलाज की सीमा बढ़ाने की मांग कर रही है। आयुष्मान भारत योजना चलाने पर राज्य सरकारों को वर्तमान में 60 से 70 फ़ीसदी तक राशि खर्च करनी पड़ रही है। जिसके कारण राज्य सरकारों पर लगातार आर्थिक बोझ बढ़ता चला जा रहा है। केंद्र सरकार द्वारा 2018 में यह योजना शुरू की गई थी। योजना लागू होने के बाद आज तक इसकी समीक्षा नहीं की गई। इसमें भाजपा शासित राज्य सबसे ज्यादा परेशान हैं।

केंद्र सरकार ने जब योजना को शुरू किया था, तब प्रति परिवार 5 लाख रुपए की राशि के लिए 1051 रुपए का प्रीमियम तय किया गया था। इसमें केंद्र की हिस्सेदारी 60 फीसदी की थी। पिछले वर्षों में राज्य सरकारों को इस योजना में ज्यादा पैसे खर्च करना पड़ रहे हैं। केंद्र सरकार प्रीमियम राशि में कोई वृद्धि नहीं कर रहा है। केंद्र सरकार अपना अंशदान भी नहीं बढ़ा रहा है।जिसके कारण राज्यों में अब इस योजना को लेकर विरोध भी शुरू हो गया है। राज्य सरकारें अपनी आर्थिक स्थिति को देखते हुए केंद्र सरकार से अपना अंशदान बढ़ाने के लिए लगातार दबाव बना रही हैं। राज्यों की मांग है कि आयुष्मान भारत योजना में केंद्र सरकार अपने हिस्से को बढ़ाए। राज्य सरकारों के ऊपर कर्ज का बोझ बहुत है जीएसटी के बाद आय को बढ़ाने के लिए राज्यों के पास कोई संसाधन नहीं है।

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